VIDEO में एशिया के सबसे लंबे ट्रैक का रोमांच: इंदौर में 308 किमी की स्पीड से मुड़ती है सुपर कार, अब तक सिर्फ जर्मनी, इटली और अमेरिका में ही थे ऐसे ट्रैक

VIDEO में एशिया के सबसे लंबे ट्रैक का रोमांच: इंदौर में 308 किमी की स्पीड से मुड़ती है सुपर कार, अब तक सिर्फ जर्मनी, इटली और अमेरिका में ही थे ऐसे ट्रैक

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इंदौर3 घंटे पहलेलेखक: हेमंत नागले

मध्यप्रदेश में इंदौर के पास पीथमपुर में दुनिया का पांचवां और एशिया का सबसे लंबा हाई स्पीड सुपर कार टेस्टिंग ट्रैक, नेट्रिक्स बनकर तैयार हो गया है। यहां कारें दौड़ती नहीं, हवा से बातें करती हैं। कर्व पर भी कार 308 किमी की रफ्तार से मुड़ती है, तो फिर मैक्सिमम स्पीड क्या है… इसकी कोई लिमिट नहीं। यानी आप जितनी रफ्तार से कार दौड़ा सकते हैं, दौड़ाइए। 2960 एकड़ में बने इस ट्रैक से देश में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को रफ्तार मिलेगी।

अब तक देश में बनने वाले व्हीकल टेस्टिंग के लिए दूसरे देशों के ट्रैक पर जाते थे। नेट्रिक्स के सेंटर हैड एन. करियप्पा ने बताया कि यह सेंटर तीन साल में 512 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। ट्रैक पर सामान्य स्पीड 250 किमी प्रति घंटा है। सबसे ज्यादा रफ्तार चौथे कर्व ट्रैक पर 308 किलोमीटर तक पहुंच जाती है जो अब तक सबसे ज्यादा है।

किन व्हीकल की टेस्टिंग यहां होंगी?
हाईस्पीड कैटेगरी की कारों जैसे मर्सिडीज, टेस्ला, ऑडी, फेरारी, लेम्बोर्गिनी और ‌‌BMW की टेस्टिंग यहां होती है। अब हाई स्पीड टू व्हीलर और भारी कमर्शियल वाहनों की टेस्टिंग भी होगी।

इस तरह के ट्रैक दुनिया में और कहां हैं?
इस तरह के लंबे ट्रैक दुनिया में अभी तक केवल जर्मनी, अमेरिका और इटली में ही थे।

क्या आम लोग यहां अपनी गाड़ियां दौड़ा सकेंगे?
नहीं, यह ट्रैक अभी केवल कंपनियों के वाहन टेस्टिंग के लिए है। यहां आम लोगों या कार रेसर्स को आने की परमिशन नहीं है। कमर्शियल रेट्स पर वाहनों को टेस्ट किया जाता है। एक व्हीकल की टेस्टिंग के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए तक चार्ज लगता है।

यहां कितने टेस्टिंग ट्रैक बनाए गए हैं?
यहां 14 तरीके के टेस्टिंग ट्रैक हैं, जहां टू व्हीलर, कार के साथ भारी कमर्शियल वाहनों की भी टेस्टिंग होगी। 11.3 किमी लंबा यह ट्रैक 16 मीटर चौड़ा है। सपाट, ऊबड़-खाबड़, गीले, पथरीले, संकरे और घुमावदार ट्रैक पर वाहनों की टेस्टिंग होगी, जिसके बाद ही उसे अप्रूवल मिलेगा। इसका शेप ओवल यानी अंडे जैसा है।

पीथमपुर और इंदौर को क्या फायदा होगा?
भारत में ऐसा ट्रैक नहीं होने की वजह से स्पीड टेस्टिंग के लिए भारतीय गाड़ियां विदेश में जाती थीं। इसका फायदा पीथमपुर के ऑटो सेक्टर के साथ इंदौर को होगा। विदेशी गाड़ियां भी अब यहां टेस्टिंग के लिए आ सकेंगी। जल्द ही यहां कॉम्पिटिशन, कार लॉन्चिंग जैसे प्रोग्राम भी होंगे।

ड्रोन कैमरे से ट्रैक पर दौड़ती कार की फोटोग्राफ।

ड्रोन कैमरे से ट्रैक पर दौड़ती कार की फोटोग्राफ।

क्या यहां फॉर्मूला कार रेसिंग होगी?
ट्रैक फॉर्मूला कार रेसिंग के लिए नहीं है। यह केवल सुपर कारों की टेस्टिंग के लिए है। कंपनियां टेस्टिंग के साथ ही इसे अपने इवेंट कार लांच, सुपर कार रेसिंग, डीलर इवेंट आदि के लिए उपयोग कर सकेंगी।

ट्रैक को बनाने में खास टेक्नीक का इस्तेमाल हुआ?
चार लेन के ट्रैक को तैयार करने से पहले एक मीटर से ज्यादा की गहराई में अलग-अलग लेवल के सीमेंट-कॉन्क्रीट की परत बिछाई गई हैं। मकसद यह है कि ट्रैक को बार-बार रिपेयर न करना पड़े। काली मिट्टी के बावजूद गहराई तक कॉन्क्रीट की परत होने से यह लंबे समय तक चलेगा।

इस ट्रैक के लिए देश में पीथमपुर ही क्यों?
पीथमपुर सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा ऑटो सेक्टर है। वॉल्वो, आयशर, हिंदुस्तान मोटर्स, एवटेक, महिंद्रा, फोर्स मोटर्स आदि बड़े ग्रुप के साथ ही 100 से ज्यादा प्लांट हैं। यहां 20 हजार लोग काम करते हैं। हर साल 25 से 30 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है।

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