UP के 16 जिलों में बाढ़, सेना बचाव में जुटी: बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा असर; प्रयागराज में 5 लाख आबादी प्रभावित, बनारस की गलियों में नाव चल रहीं; CM योगी ने औरैया में बाढ़ का हवाई जायजा लिया
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लखनऊ8 घंटे पहले
लगातार बारिश के चलते यूपी के 16 जिलों में गंगा, यमुना और उसकी सहायक नदियां बाढ़ से अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं। 400 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बुंदेलखंड के जालौन और हमीरपुर में हालात ज्यादा खराब हैं। जालौन के करीब 70 गांव और हमीरपुर के 60 से ज्यादा गांव बाढ़ में डूब गए हैं। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर बुंदेलखंड और सेंट्रल यूपी में देखा जा रहा है। यहां बचाव के लिए सेना की मदद ली जा रही है। प्रभावित लोगों को हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
सीएम योगी ने सोमवार को औरैया के बाढ़ प्रभावित 24 गांवों को हवाई सर्वे किया। मुख्यमंत्री ने नेताओं और अधिकारियों के साथ बाढ़ की समीक्षा बैठक भी की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ पीड़ितों को किसी भी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए।
इधर, वाराणसी में गंगा और वरुणा की वजह से 10 हजार की आबादी और प्रयागराज में 5 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। गलियों में नावें चल रही हैं।
बाढ़ ने वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, औरैया, बलिया, बहराइच, हमीरपुर, चंदौली, इटावा, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, गोरखपुर, जालौन और चित्रकूट जिलों को प्रभावित किया है। यहां गंगा, घाघरा, चंबल, यमुना, बेतवा जैसी नदियां अपना रौद्र रूप दिखा रही है।
इटावा-औरैया में चंबल नदी का खौफ
सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर ढाई बजे के करीब औरैया के गेल दिबियापुर पहुंचेंगे। जहां से वह ककोर जाएंगे। यहां जिला प्रशासन अधिकारियों के साथ बैठकर बाढ़ग्रस्त इलाकों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद शाम 4 बजे वह इटावा का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
इटावा में 60 गांव तो औरैया में 40 गांव बाढ़ से प्रभावित
इटावा में चंबल नदी रविवार रात तक 1 मीटर बढ़ गई। इस समय चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसकी वजह से लगभग 60 से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित हैं। यही नहीं, यहां यमुना का पानी भी खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के स्थल प्रभारी प्रेम कमल के मुताबिक, यमुना का जलस्तर रविवार सुबह 121.72 मीटर पर था। जो रविवार देर रात 121.79 मीटर पहुंच गया।
चंबल नदी में बढ़े पानी की वजह से यमुना का भी जलस्तर बढ़ गया है। औरैया में भी नदी किनारे बसे लगभग 40 गांव बाढ़ से ग्रस्त है। इनका मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ राहत कार्यों में जुटी हुई है।
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इटावा में चंबल नदी रविवार रात तक 1 मीटर बढ़ गई।
वाराणसी: 10 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित
मोक्षदायिनी गंगा वाराणसी में अब विध्वंसकारी रूप में नजर आ रही है। सोमवार की सुबह 8 बजे गंगा वाराणसी में खतरे के निशान 71.262 मीटर से 12 सेंटीमीटर ऊपर 71.38 मीटर पर बह रही थीं। गंगा के पलट प्रवाह की वजह से वरुणा भी तेजी से उफनाई है। वाराणसी में इन दोनों नदियों में आई बाढ़ की वजह से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले हजारों लोग मुश्किलों में घिर गए हैं।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिले की लगभग 10 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है। गांव, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की समस्याएं गंभीरता से सुनने और तत्काल समाधान का निर्देश दिया है।
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वाराणसी में 10 हजार की आबादी प्रभावित है।
प्रयागराज: बाढ़ प्रभावित इलाकों में न बिजली न पानी
यूपी की संगम नगरी बाढ़ की चपेट में है। शहरी क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों की गलियों में वाहनों की जगह नाव चलने लगी हैं। ग्रामीण इलाके भी इससे अछूते नहीं हैं। संगम के तट पर बसे मोहल्लों में बाढ़ है। प्रशासन की लाख चेतावनी के बावजूद लोग अपने घरों की छतों पर शरण लिए हैं। कछारी इलाके के सैकड़ों घरों में तो कमर तक पानी पहुंच गया है। इसकी वजह से 7 शिविरों में 227 परिवार के 2000 से अधिक लोगों को शरण लेनी पड़ी है।
सोमवार को भी गंगा यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा है। इन इलाकों में प्रशासन के लोग घूम तो रहे हैं। लेकिन मूलभूत जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। बीते कई दिनों से इलाके में बिजली और पानी की समस्या बनी हुई है। यहां करीब शहरी और ग्रामीण इलाकों में 5 लाख की आबादी प्रभावित बताई जा रही है।
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प्रयागराज में 1 लाख की आबादी बाढ़ से त्रस्त है।
हमीरपुर: नदी में डूब गया 12वीं का छात्र
हमीरपुर में बीते तीन दिन से बाढ़ ने हाहाकार मचाया है। यहां हालात सुधरने के बजाए और बिगड़ रहे हैं। यमुना खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है। जबकि बेतवा खतरे के निशान से सवा दो मीटर ऊपर है। जिसकी वजह से दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। इसमें से 8 गांव यमुना से तो वहीं 16 गांव बेतवा की वजह से प्रभावित हैं। वहीं, मुख्यालय में भी आधा दर्जन से अधिक मुहल्लों में पानी घुस गया है। कुछ इलाके तो खाली करने पड़े हैं। लोगों ने नेशनल हाइवे के किनारे डेरा डाल लिया है।
हमीरपुर में सुमेरपुर थानाक्षेत्र के ग्राम कैथी में उफना रही चंद्रावल नदी में दोस्तों के साथ नहाने गया 12वीं का छात्र डूब गया। पांच घंटे की मशक्कत के बाद छात्र के शव को नदी से बरामद कर लिया गया है।
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हमीरपुर मुख्यालय में भी आधा दर्जन से अधिक मुहल्लों में पानी घुस गया है। कुछ इलाके तो खाली करने पड़े हैं।
चित्रकूट: हाइवे तक पहुंचा पानी
यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण राजापुर तिरहार क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया। सरधुआ के समीप राजापुर कमसिन हाइवे बाढ़ के कारण ठप हो गया है। स्थानीय प्रशासन की व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही है। इलाके के अर्की, अतरौली, नैनी बिहरवा, गुरगौला, धौरहरा, देवारी और बकटा जैसे दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे हैं। ग्रामीण नावों में बैठकर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की व्यवस्था में लगे हैं।
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ग्रामीण नावों में बैठकर अपनी रोजमर्रा जरूरतों की चीजों की व्यवस्था में लगे हुए हैं।
कौशांबी: खतरे के निशान के पार यमुना, प्रशासन करा रही है मुनादी
यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालत यह है कि चायल तहसील के आधा दर्जन गांव का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है। यमुना के जलस्तर को देखकर तराई क्षेत्र में बसे दर्जन भर गांव के लोग चिंतित हैं। गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। राजस्थान के धौलपुर बैराज से 18 लाख क्यूसेक पानी बुधवार को यमुना में छोड़ा गया था।
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गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
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