UP में 7 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश: सदन में वित्त मंत्री बोले- 3000 करोड़ रुपए युवाओं को रोजगार देने में खर्च होंगे, कर्मचारियों का मानदेय भी बढ़ेगा

UP में 7 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश: सदन में वित्त मंत्री बोले- 3000 करोड़ रुपए युवाओं को रोजगार देने में खर्च होंगे, कर्मचारियों का मानदेय भी बढ़ेगा

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लखनऊ7 घंटे पहले

उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 7 हजार 301 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट बुधवार को पेश किया। उन्होंने कहा कि इसमें 3000 करोड़ रुपए युवाओं के रोजगार पर खर्च होंगे। बजट में आशा वर्कर, चौकीदारों, ग्राम प्रहरी, आंगनबाड़ी, रोजगार सेवक, प्रांतीय रक्षक दल, रसोईया समेत विभिन्न संभाग में काम कर रहे कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का जिक्र भी किया गया। अधिवक्ताओं के लिए भी स्पेशल बजट लाया जा रहा है। गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान किया जाएगा। विस्तृत बजट गुरुवार को सदन में पेश किया जाएगा। इसके बाद इस पर चर्चा होगी।

खन्ना बोले- योगी राजनीति के राम हैं, चौधरी ने दिया जवाब
बजट की जानकारी देने से पहले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्रभु श्री राम से कर दी। उन्होंने कहा, योगी जी राजनीति के राम हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ये (योगी आदित्यनाथ) राजनीति के राम नहीं, बल्कि एक पीठ के संत हैं।

बसपा सुप्रीमो मायावती का सरकार पर हमला
योगी सरकार के अनुपूरक बजट पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तंज कसा है। ट्विट करके कहा, ‘यूपी विधानसभा में आज पेश अनुपूरक बजट राज्य की विभिन्न संकटों में घिरी गरीब व मेहनतकश जनता के लिए उम्मीदों का कम व दिल दुखाने वाला ज्यादा। अगर यूपी सरकार तमिलनाडु की तरह पेट्रोल की कीमत 3 रुपए कम कर दे तो करोड़ों जनता को महंगाई से थोड़ी राहत जरूर मिल जाती।’
मायावती ने आगे लिखा, ‘वैसे भाजपा सरकार ने जिस प्रकार से अंधाधुंध वादे व घोषणाएं आदि किए हैं उसके अनुसार बजट का सही प्रबंध नहीं होने से वे कागजी घोषणाएं ही बनकर रह जाएंगी। बीएसपी सरकार में घोषणाओं से पहले उसके लिए वित्तीय व्यवस्था जरूरी था। यही असली फर्क है बीएसपी व अन्य में।’

LIVE UPDATES

  • सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपने विधायकों के साथ चौधरी चरण सिंह प्रतिमा के पास विधानसभा में धरने पर बैठ गए हैं। राजभर का कहना है कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, पिछड़ी जाति के जातिवार जनगणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराने व विधानसभा में बाबा साहब अंबेडकर का ऑयल प्रिंट फोटो लगाने की मांग को लेकर ये धरना दिया।
  • विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। 6 मिनट के अंदर ही स्थगित कर दी गई। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। नारेबाजी के चलते सत्र की कार्यवाही 45 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सपा, कांग्रेस और बसपा ने क्या कहा?

  • कांग्रेस : विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा- मानसून सत्र का दूसरा दिन है। महंगाई के हालात कैसे हैं सब जानते हैं। कांग्रेस ने कल भी प्रर्दशन किया और आज भी किया। नियम-56 में हमने अध्यक्ष से इस पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहली बार इसे कार्य सूची में 78 नंबर पर रखा। सरकार चर्चा से भाग रही है।
  • बसपा : विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि वे कृषि बिल, महंगाई और गन्ना मूल्य को लेकर सदन में चर्चा करना चाहते थे, लेकिन सपा और कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा कर दिया। इसके चलते सदन स्थगित हो गया। सदन में हंगामा करके सपा और कांग्रेस के विधायक भाजपा सरकार की मदद कर रहे हैं।
  • समाजवादी पार्टी : नेता प्रतिपक्ष और सपा विधायक राम गोविंद चौधरी ने सरकार पर हमला बोला। कहा, खाद्य वस्तुओं, बिजली, पढ़ाई सबकुछ महंगा हो गया। केवल जान सस्ती हो गई है। लोग भूखे मर रहे हैं। हमने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार ये नहीं चाहती।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- शोर शराबा से गलत संदेश जाता है
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जताई। कहा, यूपी विधानसभा का आकार देश मे सबसे बड़ा है, बल्कि यूं कहें कि कई देशों से बड़ा है तो गलत नहीं होगा। लेकिन बहस की गुणवत्ता घटने और सदस्यों के शोर शराबा करने से आम जनमानस में गलत संदेश जाता है। आम जनता इससे प्रभावित होती है। जनता सदस्यों को सीधे देखती है। कार्यवाही अगर सुचारू रूप से चले तो जनता प्रसन्न होती है। इसलिए सदस्यों को शालीनता का व्यवहार करना चाहिए। एक अच्छा संदेश जनता को देना होगा। हमारा ये दायित्व है।

कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने से पैदल मार्च निकाला।

कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने से पैदल मार्च निकाला।

कल चर्चा के बाद इन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

  • योगी सरकार 7.50 लाख राज्य कर्मचारियों का मानदेय बढ़ा सकती है। प्रदेश में ग्राम प्रहरी, आंगनबाड़ी रोजगार सेवक, प्रांतीय रक्षक दल, आशा कार्यकर्ता और रसोईया समेत विभिन्न संभागों में कर्मचारी मानदेय पर काम कर रहे हैं। ज्यादातर संभागों के कर्मचारी बढ़ती महंगाई और मानदेय में लंबे समय से वृद्धि न किए जाने का हवाला देकर मानदेय बढ़ाने की मांग करते रहे हैं। इनके मानदेय पर अभी करीब 7 हजार करोड़ प्रतिवर्ष खर्च हो रहा है।
  • लखनऊ में बन रहे आंबेडकर स्मारक स्थल और संग्रहालय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर राज प्रेरणा स्थल पर बजट बढ़ा सकती है।
  • कोरोना वायरस से मौत से अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, निराश्रित विधवाओं की मिशन शक्ति से जुड़ी योजनाओं के लिए धन व्यवस्था की तैयारी पर प्रस्ताव लाया जा सकता है।
  • यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार, दो से अधिक संतान वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। वह व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर पाएगा और न ही किसी स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ सकेगा।
  • उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर आए दिन प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसे में कई विभागों में वेकेंसी को देखते हुए अनुपूरक बजट में नौकरी निकालने का ऐलान किया जा सकता है।
  • बजट में अधूरी योजनाओं को आगे बढ़ाने व पूरा कराने के लिए सरकार खजाना खोलेगी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तो एक्सप्रेस-वे, जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी व मेट्रो परियोजनाएं हैं। इस दौरान लाभार्थी परक परियोजनाओं को भी परवान चढ़ाया जाएगा। शिलान्यास होने के बाद दिवाली के आसपास गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू होना है।

ये है पूरा कार्यक्रम
18 अगस्त:
औपचारिक कार्य, अध्यादेश और विधेयक पेश किया गया।
19 अगस्त: बजट पर चर्चा होगी।
20 अगस्त: मोहर्रम का अवकाश रहेगा।
21 अगस्त: शनिवार और 22 अगस्त को रविवार होने के कारण अवकाश।
23 अगस्त: विधायी कार्य होंगे।
24 अगस्त: बजट पर चर्चा के बाद बजट पास किया जाएगा। इसी तरह विधान परिषद में भी कार्यवाही चलेगी। इस दौरान उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किराएदारी विनियमन (द्वितीय) अध्यादेश-2021, उप्र निजी विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश, उप्र प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश और उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक पेश होंगे।

मंगलवार को सत्र के पहले दिन दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी गई।

मंगलवार को सत्र के पहले दिन दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी गई।

7.50 लाख कर्मचारियों पर असर
बीते 2 साल से मानदेय बढ़ाए जाने को लेकर संविदा कर्मचारी व सरकारी कर्मचारी धरना प्रदर्शन अपना विरोध जता रहे थे। आशा वर्कर, आगनबाड़ी, पीआरडी, ग्राम प्रहरी/चौकीदार, शिक्षा मित्रों समेत कर्मचारियों की संख्या 7.5 लाख के करीब हैं। इसके अलावा अधिवक्ता की 3 लाख 60 हजार के करीब हैं।

बजट में केवल अयोध्या-वाराणसी के सौंदर्यीकरण पर फोकस
लखनऊ यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र के एचओडी प्रोफेसर डीआर साहू बताते हैं कि इन्फ्राट्रक्चर को लेकर यूपी गवर्नमेंट ने जो बजट जारी किया है उसका फोकस सौंदर्यीकरण पर हैं। अनुपूरक बजट में संभवत सरकारी नई कोई भी योजनाओं को नहीं शुरु करती है। इस बजट में पुरानी योजनाओं में कम पड़ रहे रुपए या फिर कार्य की जा रही योजनाओं में अतिरिक्त क्या नया किया जा सकता है, उस पर फोकस रहता है। इसलिए अयोध्या और काशी कॉरिडोर सौंदर्यीकरण को लेकर सरकार ने फोकस किया है।

क्या पड़ेगा इसका असर?
प्रोफेसर डीआर साहू बताते हैं कि, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर व अयोध्या में जो सरकार बजट अनुपूरक में लेकर आई हैं। उसका असर साफ-साफ आने वाले पर्यटकों पर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में बाहर से आने वाले पर्यटक अयोध्या व काशी विश्व नाथ धार्मिक स्थलों जाना पसंद करते हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार अयोध्या और काशी के डेवलपमेंट मुद्दे को लेकर जनता के बीच में जाएगी। ऐसे में डेवलपमेंट और किए जा रहे निर्माण कार्य के पूरे होने से तक सौंदर्यीकरण को लेकर दोनों जगह पर सरकार कटिबद्ध है।

गन्ने का बकाया भुगतान राजनीतिक
उत्तर प्रदेश सरकार ने पश्चिमी यूपी में किसानों के आंदोलन के बढ़ते आक्रोश और गन्ने के भुगतान के मामले में राहत देने का कार्य करने का प्रयास किया है। गन्ने की बकाए भुगतान के लिए सरकार ने अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपए का बजट लेकर आई हैं। एग्रीकल्चर के एक्सपोर्ट शंकर सिंह का कहना है मौजूदा समय में 12 हजार करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश में गन्ने का बकाया है। अगर गन्ने के किसानों को तुरंत भुगतान नहीं मिलता है। उनका बकाया बाद में मिलने का कोई लाभ नहीं होता है। सरकार के द्वारा 200 करोड़ रुपए का जो बकाया के भुगतान के लिए रखा गया है। इसमें सरकारी चीनी मिल के लोग तो भुगतान कर देंगे, मगर प्राइवेट वाले अपना भुगतान नहीं करेंगे। किसान यह समझ रहा है कि, चुनाव से पहले यह बकाया उन्हें रिझाने के लिए दिया जा रहा है।

डिजिटल फॉर्मेट पर 3000 करोड़ का खर्च और रोजगार का दावा
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा अनुपूरक बजट में 3000 करोड़ रुपए स्पेशल बजट रोजगार देने को लेकर बुलाया गया है। डिजिटल तरीके से युवाओं को रोजगार दिया जाएगा यह एक सवाल भी है। प्रोफेसर डीआर साहू कहते हैं कि कम समय में कैसे 3000 करोड़ खर्च कर के युवाओं को रोजगार मिलेगा इसका प्लान सरकार को पहले से ही तय करना था। फिलहाल डिजिटल युग में अभी कोई भी इस तरीके से ऑप्शन तो नहीं दिखाई पड़ रहा दूसरे तेजी से रोजगार दिया जा सके।

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