UP में नदियां उफान पर, सेना तैनात: प्रयागराज के शहरी इलाकों में घुसा गंगा-यमुना का पानी, बुंदेलखंड में 100 से ज्यादा गांव डूबे; गाजीपुर में लोग घर छोड़ने को मजबूर

UP में नदियां उफान पर, सेना तैनात: प्रयागराज के शहरी इलाकों में घुसा गंगा-यमुना का पानी, बुंदेलखंड में 100 से ज्यादा गांव डूबे; गाजीपुर में लोग घर छोड़ने को मजबूर

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प्रयागराज/आगरा/जालौनएक घंटा पहले

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UP में नदियां उफान पर, सेना तैनात: प्रयागराज के शहरी इलाकों में घुसा गंगा-यमुना का पानी, बुंदेलखंड में 100 से ज्यादा गांव डूबे; गाजीपुर में लोग घर छोड़ने को मजबूर

उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हालात मुश्किल होते जा रहे हैं। प्रयागराज में यमुना और गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। इससे 30 से ज्यादा मोहल्लों में पानी भर गया है। यहां बिजली सप्लाई ठप हो गई है। पूर्वांचल में भी हालात भयावह होते जा रहा है। यहां लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं।

बुंदेलखंड के आगरा में चंबल नदी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जालौन में 100 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं। इटावा, कानपुर देहात, गाजीपुर, चंदौली, बांदा और बलिया में बाढ़ से गांव के गांव तबाह होने शुरू हो गए हैं। तस्वीरों में देखिए बाढ़ की विभाषिका…

प्रयागराज में शहरी क्षेत्र के 20 मोहल्ले प्रभावित

खतरे के निशान से महज 11 सेंटीमीटर गंगा और 33 सेमी. दूर है यमुना। साढ़े तीन सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दोनों नदियां बढ़ रही हैं। प्रयागराज में आई बाढ़ से शहरी क्षेत्र के करीब 30 मोहल्ले प्रभावित हुए हैं। यहां छोटा बघाड़ा जैसे मोहल्ले तो पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। इनके अलावा दरियाबाद, सलोरी, राजापुर, अशोकनगर बेली, नेवादा, म्योराबाद, शिवकुटी जैसे मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

खतरे के निशान से महज 11 सेंटीमीटर गंगा और 33 सेमी. दूर है यमुना। साढ़े तीन सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दोनों नदियां बढ़ रही हैं। प्रयागराज में आई बाढ़ से शहरी क्षेत्र के करीब 30 मोहल्ले प्रभावित हुए हैं। यहां छोटा बघाड़ा जैसे मोहल्ले तो पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। इनके अलावा दरियाबाद, सलोरी, राजापुर, अशोकनगर बेली, नेवादा, म्योराबाद, शिवकुटी जैसे मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

आगरा में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ा

आगरा में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रविवार को एक साधु डूबने लगा, जिसे रेस्क्यू करके बचाया गया।

आगरा में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रविवार को एक साधु डूबने लगा, जिसे रेस्क्यू करके बचाया गया।

जालौन में लगाई गई सेना
यमुना ने नदी किनारे बसे गांवों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। फसलें नष्ट हो गईं तो वहीं, गांव के गांव तबाह होने शुरू हो गए हैं। जालौन में 100 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं। हालात ये आ गए हैं कि सेना को मोर्चा संभालना पड़ा है। सेना के जवान 2 हेलिकॉप्टर से ग्रामीणों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। रविवार को जालौन के उरई में सेना ने 12 जवानों के साथ 2 हेलिकॉप्टर भेजे। सेना के जवानों ने 5000 से अधिक राहत पैकेट से प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं।

रामपुरा ब्लॉक के कई गांव पिछले पांच दिनों से बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हैं। अधिकांश ग्रामीणों ने तो गृहस्थी के जरूरी समान के साथ गांव से ही पलायन कर लिया है। जितने लोग गांवों में हैं तो उनकी भी मुसीबतों को देखने वाला कोई नहीं है। राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल में और शिवपुरी के सागर बांध से सिंध नदी में छोड़े गए पानी के कारण यमुना का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, जिस कारण जालौन के 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

गांव का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया है, जिससे लोग घरों में ही बंद होकर रह गए हैं।

गांव का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया है, जिससे लोग घरों में ही बंद होकर रह गए हैं।

गांवों का जायजा लेने के लिए पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे।

गांवों का जायजा लेने के लिए पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे।

इन क्षेत्रों के 20 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित

  • माधौगढ़
  • रामपुरा कुठौंद
  • महेवा
  • कालपी
  • कदौरा

जिले की प्रभारी मंत्री नीलिमा कटियार ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि सभी लोगों को राशन सामग्री उपलब्ध कराई जाए, जिस कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रह सके। सरकार सभी लोगों की मदद के लिए आगे आ रही है।

सिंध नदी में पानी छोड़े जाने पर यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। जिससे गांवों में बाढ़ आ गई है।

सिंध नदी में पानी छोड़े जाने पर यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। जिससे गांवों में बाढ़ आ गई है।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा है कि राहत सामग्री में आटा, दाल, चावल, आलू, तेल, मसाले तथा अन्य जरूरत के सामान दिए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। पहले चरण में 5000 पैकेट बनाए गए हैं, साथ ही लंच पैकेट की व्यवस्था की गई है, जो ग्रामीणों को बांटे जाएंगे।

गांवों में लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया है। जिससे वह पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।

गांवों में लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया है। जिससे वह पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।

इन दिक्कतों के बीच हैं ग्रामीण

  • ग्रामीण घरों में फंसे हैं।
  • हैंडपंप और शौचालय सब पानी में डूबे हैं।
  • पीने के पानी और शौच तक जाने में तमाम दिक्कतें हैं।
  • घरों के भीतर बाढ़ के पानी के बीच सांप और जहरीले कीड़ों के निकलने का भी डर सता रहा है।
  • बीमार बुजुर्गों और महिलाओं को नहीं मिल पा रहीं दवाएं।

चंदौली में गंगा का जलस्तर बढ़ने से शुरू हुआ पलायन

चंदौली में पिछले 4 दिनों में तेजी से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा के तटवर्ती इलाके कैली, कुरहना, सहजौर, कुंडा कला, कुंडा खुर्द, कावर, भुपौली, डेरवा कला, महड़ौरा,रौना गांव के लोग बढ़ते जलस्तर से चिंतित हैं। यही रफ्तार रही तो अगले 24 से 48 घंटे में पानी गांव में घुस जाएगा।

चंदौली में पिछले 4 दिनों में तेजी से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा के तटवर्ती इलाके कैली, कुरहना, सहजौर, कुंडा कला, कुंडा खुर्द, कावर, भुपौली, डेरवा कला, महड़ौरा,रौना गांव के लोग बढ़ते जलस्तर से चिंतित हैं। यही रफ्तार रही तो अगले 24 से 48 घंटे में पानी गांव में घुस जाएगा।

कानपुर देहात में उफनाई यमुना

कानपुर देहात में यमुना नदी खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बह रही हैं। यमुना व सेंगुर नदी का जलस्तर बढ़ने से आढ़न, पथार, पड़ाव, चपरघटा, चतुरीपुरवा, रसूलपुर, भुंडा, भरतौली, कुम्हापुर, मुसरिया, नगीना बांगर, नयापुरवा, कट्टापुरवा, बम्हरौली घाट, अहरौली घाट, सिमरिया, हंसपुर, मौदन, जगदीशपुर का उमरिया, क्योटरा बांगर, ट्योगा, क्योटरा, दौलतपुर, डिलौलिया बांगर, दिवैर की मड़ैया, हलिया, चपरेहटा गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।

कानपुर देहात में यमुना नदी खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बह रही हैं। यमुना व सेंगुर नदी का जलस्तर बढ़ने से आढ़न, पथार, पड़ाव, चपरघटा, चतुरीपुरवा, रसूलपुर, भुंडा, भरतौली, कुम्हापुर, मुसरिया, नगीना बांगर, नयापुरवा, कट्टापुरवा, बम्हरौली घाट, अहरौली घाट, सिमरिया, हंसपुर, मौदन, जगदीशपुर का उमरिया, क्योटरा बांगर, ट्योगा, क्योटरा, दौलतपुर, डिलौलिया बांगर, दिवैर की मड़ैया, हलिया, चपरेहटा गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।

इटावा में यमुना नदी में आई बाढ़

शहर से लगे प्रसिद्ध ऐतिहासिक सिद्ध पीठ मंदिर काली वाहन मंदिर में यमुना का पानी घुस गया है। यमुना नदी का जलस्तर 120.92 मीटर जोकि अब खतरे के निशान से 1 मीटर कम है आज यमुना का जलस्तर घटा है। इससे पहले 123 मीटर तक यमुना का रौद्र रूप देखने को मिला।

शहर से लगे प्रसिद्ध ऐतिहासिक सिद्ध पीठ मंदिर काली वाहन मंदिर में यमुना का पानी घुस गया है। यमुना नदी का जलस्तर 120.92 मीटर जोकि अब खतरे के निशान से 1 मीटर कम है आज यमुना का जलस्तर घटा है। इससे पहले 123 मीटर तक यमुना का रौद्र रूप देखने को मिला।

गाजीपुर में गंगा उफान पर

गंगा के जलस्तर में लगातार 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। खतरे के निशान 63.105 मीटर पर है, जबकि गंगा का पानी 63.800 मीटर पर बह रहा है। गाज़ीपुर बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग- 31 पर कठवामोड के पास बेसों नदी पर नवनिर्मित पुल के बगल में आने जाने के लिए बने अस्थायी छलका पुल डूब जाने से जनपद जाने वाला संपर्क मार्ग बाधित हो गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सबलपुर बाण, देवरिया बाण के लोग पलायन करने को मजबूर हैं।

गंगा के जलस्तर में लगातार 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। खतरे के निशान 63.105 मीटर पर है, जबकि गंगा का पानी 63.800 मीटर पर बह रहा है। गाज़ीपुर बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग- 31 पर कठवामोड के पास बेसों नदी पर नवनिर्मित पुल के बगल में आने जाने के लिए बने अस्थायी छलका पुल डूब जाने से जनपद जाने वाला संपर्क मार्ग बाधित हो गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सबलपुर बाण, देवरिया बाण के लोग पलायन करने को मजबूर हैं।

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