TLP ने किया इमरान खान की नाक में दम, पंजाब में 2 महीनों के लिए रेंजर्स को बुलाया गया
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तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने इमरान सरकार की नाक में दम कर दिया है। आंतरिक मामलों के मंत्री शेख रशीद अहमद ने बुधवार को बताया कि पंजाब में 60 दिनों के लिए रेंजर्स को बुलाया गया है। तहरीक-ए-लब्बैक के पाकिस्तान के प्रदर्शन के दौरान बढ़ती हिंसा को देखते हुए यहां रेंजर्स को बुलाया गया है। इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शेख रशीद अहमद ने कहा कि इस संबंध में एक संक्षेप विवरण संघीय सरकार के पास अप्रूवल के लिए भेजा है। पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि वो अब भी प्रदर्शनकारियों से आग्रह करते हैं कि वो अपना प्रदर्शन खत्म करें।
बुधवार को पंजाब के गुजरानवाला जिले में कानून अधिकारियों और टीएलपी सपोटर्स के बीच हिंसा हुई। इस ताजा हिंसा में कम से कम 4 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और करीब 250 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जिसके बाद शेख रशीद अहमद ने इस बात का ऐलान किया। आंतरिक मामलों के मंत्री के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले पड़ोसी मुल्क के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि टीएलपी को राज्य में गड़बड़ी फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी और उन्हें आतंकवादी ग्रुप की तरह ट्रीट किया जाएगा।
फवाद चौधरी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शेख रशीद ने कहा कि इस ग्रुप का दूसरा एजेंडा है, इसलिए मैं पंजाब सरकार को इस बात की इजाजत देता हूं कि वो रेंजर्स को बुलाएं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंगलवार की सुबह करीब 3.30 बजे इस प्रतिबंधित संगठन से बातचीत की थी। मैंने उनसे कहा था कि फ्रांस के राजदूत पाकिस्तान में हैं भी नहीं,,, मैंने उनसे कहा कि वो देखें कि देश में क्या हालात हैं। लेकिन यह बताता है कि उनका एजेंडा अलग है।
मंत्री ने बताया कि इस संगठन ने वादा किया था कि वो उन सड़कों को फिर से खाली कर देगा जहां उसने जाम लगा रखा है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी से कहा गया है कि जो भी सोशल मीडिया पर गलत अफवाह फैला रहे हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए।
क्या चाहती है TLP पाकिस्तान?
टीएलपी ने अप्रैल महीने में पूरे पाकिस्तान को कई दिनों तक हिंसा की आग में जलाए रखा था। जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने मजबूरन टीएलपी को प्रतिबंधित करना पड़ा था। टीएलपी समर्थक इस समय अपने मुखिया साद हुसैन रिजवी की रिहाई की मांग कर रहे हैं। साद हुसैन रिजवी को पंजाब सरकार ने 12 अप्रैल को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तबसे ही वह पुलिस हिरासत में है।
रिजवी के समर्थक, देश के ईशनिंदा कानून को रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे और फरवरी में रिजवी की पार्टी के साथ हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले।
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