The centuries-old Nandana Fort will be renovated in Pakistan | सदियों पुराने नंदना किला का होगा जीर्णोद्धार – Bhaskar Hindi
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डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। तीन महीने पहले पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग द्वारा खोजे गए सदियों पुराने नंदना किले का अब जीर्णोद्धार होना तय हुआ है। यह किला भले ही उपेक्षित स्थिति में है, लेकिन अभी भी अपनी अनूठी और शानदार शक्ति का प्रदर्शन करता है। पुरातत्व विभाग द्वारा मील के पत्थर की खोज एक महत्वपूर्ण पहला कदम है, जो पाकिस्तान में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने के लिए इसकी बहाली का मार्ग प्रशस्त करेगा।
नंदना किले का निर्माण हिंदू राजा इंदर पाल ने पंजाब प्रांत के पिंड दादन खान जिले के बाघनवाला गांव में कम से कम 15,000 फीट की ऊंचाई पर किया था। साल्ट रेंज से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कटास राज मंदिर और हिंदू शाही राजा जयपाल द्वारा निर्मित एक मंदिर की स्थापत्य कला में समानता नजर आती है।
ब्योरे के मुताबिक, 11वीं शताब्दी में शाही राजाओं ने नंदना किले पर तब तक शासन किया, जब तक कि महमूद गजनी ने उन्हें क्षेत्र से निष्कासित न कर दिया।
ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि इस किले के अंदर की इमारतों ने अध्ययन केंद्र के रूप में भी काम किया था और महमूद गजनी के सत्ता में रहते यह एकमात्र किला था।
यह किला मुस्लिम फारसी वैज्ञानिक अबू रेहान अल बिरुनी की प्रयोगशाला भी थी, जहां से वह पृथ्वी की परिधि को मापते थे। इस कारण इस इमारत को अल बिरुनी मरकज के रूप में भी जाना जाता है।
इतिहास से यह भी पता चलता है कि यह इमारत मुगल सम्राट अकबर और जहांगीर के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में बनी रही, क्योंकि वे अक्सर हिरण और पक्षियों के शिकार के लिए किले का दौरा करते थे।
इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने नंदना किले को बहाल करने का फैसला किया है। पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के पर्यटन सलाहकार के अनुसार, खान ने क्षेत्र का दौरा किया है और इस संबंध में एक पुनर्वास परियोजना पहले ही तैयार की जा चुकी है।
पर्यटन पर पंजाब के सीएम के सलाहकार आसिफ महमूद ने कहा, पुनस्र्थापन परियोजना 30 जून, 2022 तक पूरी हो जाएगी। योजना के अनुसार, अल बिरुनी प्रयोगशाला भी फिर से स्थापित की जा रही है, जहां युवा वैज्ञानिक और छात्र प्रयोग कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, पुरातत्व विभाग द्वारा हाल ही में की गई खुदाई से इमारत की सही उम्र का पता लगाने में मदद मिलेगी, जबकि परिसर से बहुमूल्य मिट्टी के बर्तन और पुरावशेष भी बरामद हुए हैं।
यह भी खुलासा हुआ कि बघनवाला गांव को एक आदर्श गांव का दर्जा भी दिया जाएगा, जो इसे पानी, टेलीफोन लाइन, बिजली, गैस और इंटरनेट सेवाओं के साथ सुगम बनाने में मदद करेगा।
महमूद ने कहा, समग्र प्रक्रिया में तीन चरण होंगे। पहला, यह एक आदर्श गांव होगा, जहां पर्यटक अच्छी सुविधाओं में रह सकेंगे। दूसरा, अस्थायी आवास मध्य बिंदु पर होगा, जहां शौचालय भी होंगे और स्टॉल लगाए जाएंगे। और तीसरा व अंतिम बिंदु नंदना किले में होगा, जहां व्यापक पार्किं ग, होटल और विश्राम गृह का निर्माण किया जाएगा।
(आईएएनएस)
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