Talks with US will continue if needed: Taliban | जरूरत पड़ने पर जारी रहेगी अमेरिका के साथ बातचीत : तालिबान विदेश मंत्रालय – Bhaskar Hindi

Talks with US will continue if needed: Taliban | जरूरत पड़ने पर जारी रहेगी अमेरिका के साथ बातचीत : तालिबान विदेश मंत्रालय – Bhaskar Hindi

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डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान में कार्यवाहक तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो अमेरिका के साथ बातचीत जारी रहेगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सप्ताहांत में कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के नेतृत्व में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने कतर के दोहा में एक अमेरिकी अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (आईईए) और अमेरिका के प्रतिनिधिमंडके बीच दो दिवसीय वार्ता अच्छी तरह से चली। बैठक के दौरान राजनीतिक मुद्दों पर समस्याओं के समाधान के लिए विस्तार से चर्चा की गई और दोहा समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन को इस्लामी अमीरात ने सबसे अच्छा तरीका माना। बयान के अनुसार अमेरिकी प्रतिनिधियों ने कहा कि अमेरिका अफगानों को मानवीय सहायता देगा और अन्य मानवीय संगठनों को सहायता प्रदान करने के लिए सुविधाएं प्रदान करेगा।

बयान में कहा गया, मानवीय सहायता को राजनीतिक मुद्दों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। बयान में कहा गया है कि इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (आईएई) ने अमेरिकी सहायता का स्वागत किया है और यह मानवीय सहायता प्रदान करने में धर्मार्थ समूहों के साथ सहयोग करेगा और विदेशी नागरिकों की सैद्धांतिक आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा। बैठक के दौरान सभी प्रासंगिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई और बेहतर राज्य के लिए राजनयिक संबंधों को बहाल करने के प्रयास किए जाने चाहिए।

मंत्रालय के बयान में कहा गया है, जिस बैठक में बातचीत स्पष्ट रूप से हुई, उसे समझने का एक अच्छा अवसर माना गया और यह सहमति हुई कि भविष्य में भी ऐसी बैठकें होती रहेंगी। अगस्त के अंत में अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के बाद से यह बैठक अमेरिका और तालिबान के अधिकारियों के बीच पहली व्यक्तिगत सभा को चिह्न्ति करती हैं, जिसके कारण तालिबान ने देश को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है। तालिबान सरकार का बयान अमेरिकी विदेश विभाग के यह कहने के कुछ ही घंटों बाद आया है कि वार्ता स्पष्ट और पेशेवर थी।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने रविवार को एक रीडआउट में कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने सुरक्षा और आतंकवाद की चिंताओं, अमेरिकी नागरिकों, अन्य विदेशी नागरिकों और अफगान भागीदारों के लिए सुरक्षित मार्ग के साथ-साथ मानवाधिकार और मानवीय सहायता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। प्राइस ने उल्लेख किया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने दोहराया कि तालिबान को उसके कार्यो पर ही नहीं, बल्कि उसके शब्दों पर भी आंका जाएगा।

तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी पक्ष से अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र की संप्रभुता का सम्मान करने और उसके मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता पर जोर दिया और फरवरी 2020 में दोनों पक्षों के बीच संपन्न दोहा समझौते के सभी प्रावधानों के कार्यान्वयन पर जोर दिया। विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि दोहा में बैठक दो पक्षों के बीच व्यावहारिक जुड़ाव की निरंतरता है, लेकिन तालिबान को मान्यता प्रदान करना या वैधता प्रदान करना नहीं है, जिसने अगस्त के मध्य और शुरुआती सितंबर में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और एक अंतरिम सरकार की घोषणा की।

(आईएएनएस)

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