SKM टिफिन बम प्रकरण के आरोपी गुरमुख के पक्ष में: कहा-आंदोलन में मदद कर रहे हर धार्मिक और सामाजिक संगठन पर किए जा रहे झूठे पर्चे दर्ज; इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए
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लुधियाना/जालंधर36 मिनट पहले
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दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते संयुक्त किसान मोर्चे के नेता।
देश की सरकार के तीन नए खेती सुधार कानूनों को रद्द करवाने के लिए आंदोलनरत किसान संगठन एक बार फिर विवाद में आ गए हैं। शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संयुक्त किसान मोर्चे के नेता बीते दिनों पंजाब पुलिस और नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी द्वारा गिरफ्तार टिफिन बम के आरोपी गुरमुख सिंह रोडे और उसके परिवार के समर्थन में नजर आए। किसान नेताओं ने कहा जितने भी धार्मिक और सामाजिक संगठन देश के अन्नदाता के हक में चल रहे इस आंदोलन को चलाए रखने में मदद कर रहे हैं, उन सभी से जुड़े लोगों पर झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। रोउे का परिवार भी इसी का एक उदाहरण है।
यह है टिफिन बम का पूरा प्रकरण
बता दें कि बीती 20 अगस्त को जालंधर के हरदयाल नगर में टिफिन बम के साथ एक व्यक्ति को पंजाब पुलिस की कपूरथला जिले की टीम और नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी ने संयुक्त ऑपरेशन के दौरान पकड़ा था। उसकी पहचान शहर के रहने वाले अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जगबीर सिंह रोडे के बेटे गुरमुख सिंह रोडे के रूप में हुई।
पूछताछ के दौरान गुरमुख ने माना कि उसने तीन बार टिफिन बम रात में ही ब्यास से पहले गांव हंबोवाल अंडरपास के पास डिलीवर किए थे। जुलाई के दूसरे हफ्ते उसे उसके ताऊ ने सोशल मीडिया पर कॉल कर कहा था कि खेप आ चुकी है। 3 दिन बाद उसे बताया गया कि फिरोजपुर-फाजिल्का राजमार्ग स्थित गोलूका मोड़ के पास एक बैग उठाकर लाना है। बैग से आरडीएक्स की ट्यूब, गोली सिक्का, पिस्टल, तार और अन्य सामान निकला। 10 दिन बाद वह गोलूका मोड़ के पास से ही दूसरा बैग लाया, जिसमें एक टिफिन बम और ग्रेनेड थे। अगस्त महीने के शुरू में ही वह गोलूका मोड़ के पास से ही तीसरा बैग लाया, जिसमें तीन टिफिन बम थे। ये बम फट न जाएं, इसलिए उसने बम घर की बजाय दफ्तर में रखे थे। एक बैग में तीन लाख रुपए निकले थे।
क्या कहा किसान नेताओं ने?
शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा गुरमुख के पक्ष में आ गया है। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर स्थित सिंघु के धरनास्थल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्चे के नेताओं जंगबीर सिंह चौहान, कुलवंत सिंह संधू, मनजीत सिंह राय ने कहा कि जितने भी सामाजिक और धार्मिक संगठन मदद कर रहे हैं, उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जगबीर सिंह रोडे ने दिल्ली बॉर्डर के धरने पर दवाइयों के साथ-साथ भोजन का भी प्रबंध किया हुआ है। उनके बेटे गुरमुख सिंह को गिरफ़्तार करके झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है, इसलिए इस मामले की ज्यूडीशियल जांच होनी चाहिए।
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