Shocking report, Omicron will affect male sperm | ओमिक्रॉन का स्पर्म पर भी पड़ेगा बुरा असर! दिल्ली में हुई 24 नए मरीजों की पुष्टि, देशभर में कुल संक्रमितों की संख्या 200 – Bhaskar Hindi
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डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कई देशों ने इस बात का दावा किया है कि, कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा की तुलना में कम गंभीर है। लेकिन, हाल ही में इंपीरियल कॉलेज लंदन की नई स्टडी सामने आई है, जिसमें ओमिक्रॉन को डेल्टा जितना ही गंभीर बताया गया है। इस रिपोर्ट की कुछ दावे से पुरुषों की चिंता बढ़ सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना से ठीक होने के बाद कई लोगों की स्पर्म क्वालिटी खराब हो सकती है। इसे लेकर लगभग 35 पुरुषों पर रिसर्च किया गया, जिसमें पाया कि, कोरोना के असर से प्रेग्नेंसी की चाहत रखने वाले कपल परेशान हो सकते हैं।
भारत में 200 ओमिक्रॉन मरीजों की पुष्टि
राजधानी दिल्ली में आज 24 नए कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई, जिसके बाद देशभर में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 200 पहुंच चुकी है। नए वेरिएंट से सबसे ज्यादा दिल्ली और महाराष्ट्र प्रभावित है। महाराष्ट्र में अब तक 54 मरीजों की पुष्टि हुई है। बता दें कि, सोमवार को कुल ओमिक्रॉन मरीजों का आंकड़ा 174 था और अब इसकी संख्या 200 पहुंच चुकी है।
डेल्टा जितना गंभीर है ओमिक्रॉन
ओमिक्रॉन से ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका में भी पहली मौत दर्ज की गई है। शुरुआती अध्ययन में माना जा रहा था कि, इसका संक्रमण तेजी से फैलता है लेकिन, ये डेल्टा जितना गंभीर नहीं है। इस बात को UK की रिपोर्ट में सिरे से खारिज कर दिया गया है। स्टडी के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा से कम खतरनाक नहीं है। बता दें कि, ये रिसर्च इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने की है, जिसमें 11 हजार 359 ओमिक्रॉन संक्रमितों की तुलना 2 लाख अन्य वेरिएंट से संक्रमित लोगों से की गई। इसके बात रिसर्च में खुलासा हुआ कि, ऐसे कोई सबूत नहीं है, जिसमें कहा जा सकते है कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा की तुलना में कम गंभीर है।
स्पर्म पर क्या होगा असर
- फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी में छपी एक स्टडी के अनुसार, कोरोना से रिकवर होने के कई महीनों तक स्पर्म क्वालिटी घट जाती है या खराब रहती है।
- 35 पुरुषों में की गई स्टडी में देखा गया कि, सीमेन संक्रामक नहीं होता है।
- लेकिन, रिकवर होने के एक महीने बाद पुरुषों की स्पर्म गतिशीलता 60 फीसदी और स्पर्म काउंट 37% तक घट जाती है।
- शोधकर्ताओं का मानना है कि, बच्चें की चाहत रखने वाले कपल को इस बात का पता होना चाहिए कि, कोरोना से ठीक होने के बाद स्पर्म क्वालिटी कम हो जाती है।
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