SAD को राजेवाल का जवाब: किसान मोर्चा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे अकाली नेता, किसानों को नशेड़ी कहने वाली पार्टी के कार्यकर्ताओं की गाड़ी में मिली थी शराब

SAD को राजेवाल का जवाब: किसान मोर्चा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे अकाली नेता, किसानों को नशेड़ी कहने वाली पार्टी के कार्यकर्ताओं की गाड़ी में मिली थी शराब

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लुधियाना15 घंटे पहले

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SAD को राजेवाल का जवाब: किसान मोर्चा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे अकाली नेता, किसानों को नशेड़ी कहने वाली पार्टी के कार्यकर्ताओं की गाड़ी में मिली थी शराब

शिरोमणि अकाली दल बादल दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन राजेवाल और संयुकत किसान मोर्चा के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल ने मंगलवार को कहा कि अकाली नेता बिना किसी सबूत के संयुक्त किसान मोर्चा पर आरोप लगा रहे हैं।

राजेवाल ने कहा है कि SAD नेताओं का सोमवार को यह कहना कि 16 सितंबर की घटनाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कुछ नहीं किया, बिल्कुल गलत है। मोर्चा ने बैठक करके इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि SAD नेताओं ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि कितने लोग दिल्ली से वापसी के समय टेंट में विश्राम करके आए हैं। राजेवाल ने कहा कि मोर्चा पर डटे किसानों को नशेड़ी कह रहे हैं और इनके कार्यकर्ताओं की गाडियों से जो शराब मिली है, उसका तो वीडियो भी हमारे पास है।

अकाली नेताओं का विरोध हो रहा है तो इसमें मोर्चा के नेताओं का कसूर नहीं है। शिरोमणि अकाली दल बादल के कार्यकाल में बेअदबी, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दी माफी और कृषि कानूनों पर दोहरे स्टैंड के कारण ही अकालियों का विरोध हो रहा है। किसान मोर्चा ने कभी भी किसी राजनीतिक पार्टी की जनसभा का विरोध करने के निर्देश नहीं दिए हैं। गांवों में लोग खुद राजनेताओं का विरोध कर रहे हैं।

चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाते हुए SAD नेता।

चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाते हुए SAD नेता।

अकाली दल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाए थे आरोप शिरोमणि अकाली दल बादल ने सोमवार को चंडीगढ़ कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाए थे कि 17 सितंबर को दिल्ली में रोष प्रदर्शन में शामिल होकर लौट रहे पार्टी वर्करों को टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर रोककर बदसलूकी की गई। वर्करों के कुर्ते की जेबों पर लिख दिया कि बादल चोर मुर्दाबाद, यही नहीं उनके ककारों की बेअदबी की गई। पगडियां तक उतारी गईं। अकाली नेताओं कहा कि उन्होंने किसानों के लिए दिन-रात काम किया है। जिन लोगों ने मोर्चा में लंगर लगाए और वहां जाकर सेवा की उनसे बदसलूकी हुई है। कई दिन बीतने के बाद भी मोर्चा ने इस पर कोई स्टैंड नहीं लिया।

किसान संगठन और अकाली पहले से हैं आमने-सामने
दरअसल शिरोमणि अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब में 100 दिन 100 विधानसभा क्षेत्र, गल पंजाब दी कार्यक्रम शुरू किया था। सुखबीर अलग-अलग एरिया में जाकर जन सभाएं कर रहे थे। किसान संगठनों ने इसका विरोध किया था ओर इसे तुरंत रोकने की सलाह सुखबीर बादल को दी थी। अब यह कार्यक्रम बंद भी हो गए हैं। अकाली दल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान संगठनों के समक्ष बैठकर बात करने की बात कही थी और एक पत्र भी लिखा था। चंडीगढ़ में सभी पार्टियों के नुमाइंदों से बैठक भी हुई थी। इस दौरान भी सभी राजनीतिक पार्टियों को राजनीतिक समारोह करने से रोकने के लिए कहा गया था।

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