RSS से जुड़ी पत्रिका का इंफोसिस पर निशाना: कहा- एंटीनेशनल ताकतों से जुड़ी है कंपनी, टुकड़े-टुकड़े गैंग की सहयोगी है

RSS से जुड़ी पत्रिका का इंफोसिस पर निशाना: कहा- एंटीनेशनल ताकतों से जुड़ी है कंपनी, टुकड़े-टुकड़े गैंग की सहयोगी है

[ad_1]

नई दिल्ली5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
RSS से जुड़ी पत्रिका का इंफोसिस पर निशाना: कहा- एंटीनेशनल ताकतों से जुड़ी है कंपनी, टुकड़े-टुकड़े गैंग की सहयोगी है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबंधित पत्रिका पाञ्चजन्य ने अपने नए संस्करण में देश की बड़ी IT कंपनी इंफोसिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्रिका में कहा गया है कि इंफोसिस एंटीनेशनल ताकतों से जुड़ी है और नक्सलों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग की सहयोगी है। पत्रिका ने यह भी कहा कि इंफोसिस जानबूझकर भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।

पाञ्चजन्य पत्रिका में “साख और आघात’ नाम की कवर स्टोरी में लिखा है कि इंफोसिस के बनाए टैक्स फाइलिंग सिस्टम में आई खामियों के चलते टैक्स व्यवस्था के प्रति लोगों का भरोसा कम हो रहा है। ऐसे में सोचने वाली बात है कि कहीं इसमें एंटीनेशनल ताकतों का कोई लेना-देना तो नहीं है। कहीं ये सब देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए तो नहीं किया गया है।

टैक्स फाइलिंग पोर्टल में आई खामियों को लेकर निशाना साधा
इंफोसिस का बनाया नया इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल 7 जून को ऑनलाइन हुआ था, लेकिन तब से टैक्सपेयर्स को इस वेबसाइट पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले महीने ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंफोसिस के CEO सलिल पारेख को बुलाकर इस खामी को जल्द से जल्द दूर करने को कहा था। वित्तमंत्री ने कंपनी को इसके लिए 15 सितंबर तक का समय दिया था। इंफोसिस को यह कॉन्ट्रैक्ट 2019 में मिला था।

पत्रिका का आरोप- पीएम मोदी के खिलाफ बोलने वालों से जुड़ी है कंपनी
इस आर्टिकल में यह भी कहा गया है कि इंफोसिस के लंबे समय से वामपंथियों और दूसरे ऐसी कंपनियों से जुड़े होने की रिपोर्ट मिलती रही है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ रहते हैं। आर्टिकल में यह सवाल भी पूछा गया है कि क्या इंफोसिस अपने विदेशी क्लाइंट्स को भी ऐसी सर्विस मुहैया कराएगी।

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा- कवर स्टोरी ऐसे बड़े IT कॉरपोरेट के बारे में है जिसका काम उसके नाम की साख के मुताबिक सही नहीं है। ऐसे काम से न सिर्फ कंपनी की साख खराब होती है, बल्कि करोड़ों लोगों को असुविधा भी होती है। ऐसे हालात में कंपनी को आगे आकर सफाई देनी चाहिए कि यह सॉफ्टवेयर कंपनी के तौर पर सेवाएं दे रही है या समाज में गुस्सा भड़काने के यंत्र के तौर पर काम कर रही है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *