Mercury Transit : बुध करेंगे वृश्चिक राशि में प्रवेश, ज्योतिषाचार्य से जानें किसे होगा लाभ और किसे रहना होगा सर्तक
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mercury transit in scorpio 2021 budh gochar rashi parivartan : ग्रहों में राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध बुध का गोचरीय परिवर्तन 20 नवम्बर 2021 दिन शनिवार को रात में 9:30 बजे शुक्र की राशि तुला से बल पौरुष ,पराक्रम के कारक ग्रह मंगल की राशि वृश्चिक मे होगा। 8 दिसम्बर 2021 तक ये रहेंगे वृश्चिक राशि में। बुध मैनेजमेंट, बुद्धि, विवेक, समझ, ज्ञान, हरे भरे प्राकृतिक वस्तुओं के कारक ग्रह हैं और मिथुन एवं कन्या राशि के स्वामी है। बुध वृष लग्न में राजयोग कारक हो जाते हैं और मीन राशि में नीचत्व को प्राप्त करते हैं।
भारत पर प्रभाव :- स्वतंत्र भारत की कुण्डली वृष लग्न एवं कर्क राशि की है। ऐसे में धन,कुटुम्भ और बुद्धि विवेक के कारक होकर शुभ फल प्रदायक हो जाते है। इस प्रकार बुध का यह गोचर
- व्यापार, उद्योग, औषधि उद्योग ,धन वृद्धि के लिए के यह गोचरीय परिवर्तन लाभदायक।
- आम जन मानस के लिए समय अनुकूलप्रद।
- राष्ट्र की जनता सुख की अनुभूति करेगी।
- विद्यालयी ,विश्वविद्यालय , construction की नई योजना, आर्थिक पैकेज, प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि, उद्योग में वृद्धि।
- लेखन एवं बौद्धिक क्षेत्र से ज़ुड़े लोगो को लाभ।
- नया व्यापारिक संबंध या योजनाओं का आरंभ।
- नवीन शोध , नवीन व्यापारिक संस्थाओं के लिए एवं रोजगार के प्रोत्साहन के लिए नई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समय अनुकूल प्रद होगा।
- सरकार द्वारा आमजन मानस को नई आर्थिक शौगात प्रदान की जा सकती है।
- पत्रकारिता की दृष्टि से भी समय अनुकूलप्रद।
- पत्रकार बन्धु अपना कार्य बहुत अच्छा करेंगे, परंतु अपना ध्यान रखना होगा।
- बौद्धिक जगत की क्षति, पत्रकारिता जगत से कुछ नकारात्मक घटनाएं राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संभव।
- सरकारी क्षेत्र से जुड़े व्यक्तित्व की क्षति की सूचना मिल सकती है अतः सतर्कता आवश्यक।
- कृषि क्षेत्र के लिए नए आर्थिक घोषणा संभव।
- नई दवा या वैक्सीन के खोज के लिए समय ठीक
सभी राशियों पर प्रभाव-
मेष:-
- पराक्रमेश एवं रोगेश होकर अष्टम भाव में।
- आन्तरिक शत्रु एवं रोग के कारण तनाव।
- शुगर, लिवर, किडनी, इंफेक्शन की समस्या।
- भाई बंधुओ को लेकर तनाव या कष्ट संभव।
- पराक्रम, सम्मान एवं बौद्धिकता में अवरोध।
- व्यापार एवं धनागम के साधनों प्रगति।
- पारिवारिक शुभता व वाणी व्यवसाय में वृद्धि।
उपाय :- गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ करना या कराना लाभप्रद
वृष :-
- धनेश-पंचमेश होकर दाम्पत्य भाव में।
- व्यापार,व्यापारिक विस्तार धन लाभ में वृद्धि।
- परिवार में मांगलिक कार्य की संभावना।
- नए साझेदारी का योग एवं लाभ स्थिति।
- विद्या में वृद्धि ,डिग्री के लिए उत्तम।
- संतान को लेकर सुसमाचार।
- जीवनसाथी, दाम्पत्य,प्रेम संबंध में सुधार।
- नेतृत्व व बौद्धिक क्षमता में वृद्धि की संभावना
उपाय :-मूल कुंडली के अनुसार पन्ना रत्न धारण करें।
मिथुन :
- लग्नेश-सुखेश होकर रोग भाव में।
- सुख एवं सुख के साधनों को लेकर तनाव।
- एलर्जी, आन्तरिक रोग एवं शत्रुओं में वृद्धि।
- मनोबल अचानक कमजोर हो सकता है।
- माता के स्वास्थ्य,गृह सुख के खर्च में वृद्धि।
- सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर तनाव में वृद्धि।
- अचानक धार्मिक या सुदूर यात्रा में वृद्धि।
उपाय :- पन्ना धारण करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
कर्क:-
- व्ययेश व पराक्रमेश होकर पंचम भाव में।
- विद्या अध्ययन डिग्री के खर्च में वृद्धि।
- संतान के क्षेत्र से तनाव या खर्च में वृद्धि।
- व्यापार में वृद्धि एवं आर्थिक सफलता में वृद्धि।
- बौद्धिकता के आधार पर पराक्रम में वृद्धि।
- यात्रा पर खर्च की संभावना।
- भाई बधुओं पर खर्च या तनाव बढ़ेगा।
उपाय :- गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ बकरी और तोता बिल्कुल न पालें।
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सिंह :-
- धनेश व लाभेश होकर सुख भाव में।
- धनागम और आय के स्रोत में वृद्धि।
- परिवार में वृद्धि के लिए समय ठीक।
- विद्या अध्ययन, गृह सुख में वृद्धि की स्थिति।
- प्रोपर्टी से लाभ, गृह एवं वाहन सुख प्राप्ति।
- कार्यस्थल पर कर्मगत प्रगति होगी।
- वाणी व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ।
- मातृ स्नेह एवं सहयोग की पूर्ण प्राप्ति।
उपाय :- हरे रंग का सुगंधित रुमाल जेब मे रखें। हरी मूंग या उड़द का सेवन करें।
कन्या:-
- राज्येश एवं लग्नेश होकर पराक्रम भाव में।
- स्वास्थ्य एवं मनोबल में बेहतर सुधार।
- व्यक्तित्व में वृद्धि,सोचने,कार्य क्षमता में वृद्धि।
- सुख एवं आनंद में वृद्धि परंतु अचानक कष्ट।
- रुके कार्यो में अवरोध के साथ प्रगति।
- परिश्रम करने की इच्छा मे तनाव के साथ वृद्धि
- सम्मान में वृद्धि, यश कीर्ति में वृद्धि।
- आन्तरिक डर या चिंता में वृद्धि होगी।
उपाय :- बुध अष्टोत्तरशत नामावली का पाठ करते रहे। पन्ना रत्न मूल कुंडली के अनुसार धारण करें।
तुला :-
- भाग्येश एवं व्ययेश होकर धन भाव में।
- कुटुम्ब में कुछ नया कार्य या प्रगति संभव।
- व्यापारिक या पारिवारिक संबंधों में वृद्धि।
- पिता के सहयोग सानिध्य एवं भाग्य में वृद्धि।
- विद्या ,डिग्री के लिए समय अनुकूलप्रद।
- शुगर, किडनी, आंतरिक रोग एवं शत्रु में वृद्धि।
- अचानक खर्च, यात्रा खर्च में वृद्धि।
उपाय :- गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ लाभदायक होगा।
वृश्चिक:-
- अष्टमेश व आयेश होकर लग्न भाव में।
- लाभ, आय, व्यापारिक विस्तार में वृद्धि।
- मानसिक चिन्ता व बौद्धिक क्षमता में अवरोध।
- दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में प्रगति।
- नई साझेदारी संबंध के विस्तार में वृद्धि।
- आन्तरिक रोग, स्वास्थ्य में खर्च बढ़ सकता है।
- बुद्धि का सुव्यवस्थित प्रयोग कर पाएंगे।
उपाय :- गणपति उपासना लाभदायक। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं।
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धनु :-
- राज्येश एवं सप्तमेश होकर व्यय भाव में।
- सुख के साधनों एवं धार्मिकता में वृद्धि।
- सोच- समझकर ही साझेदारी करें तो लाभ।
- पारिवारिक विवाद या तनाव की स्थिति बनेगी।
- प्रेम संबंधों व जीवनसाथी पर खर्च में वृद्धि।
- सम्मान व नौकरी में थोड़ा तनाव वृद्धि संभव।
- स्किन एलर्जी, शुगर, किडनी की समस्या।
उपाय :- हरी मूँग या हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाते रहें।
मकर :-
- रोगेश व भाग्येश होकर लाभ भाव में।
- भाग्य में वृद्धि ,भाग्य का साथ प्राप्त होगा।
- गुप्त शत्रु ,शुगर,लिवर की समस्या से तनाव।
- पिता के सहयोग सानिध्य व यश की प्राप्ति।
- डिग्री,लेखन व बौद्धिक क्षमता में वृद्धि।
- व्यापार में विस्तार एवं व्यापारिक लाभ में वृद्धि।
- संतान पक्ष से तनाव के साथ सुसमाचार
उपाय :- बुध कवच का पाठ करना या कराना लाभ दायक होगा।
कुम्भ:–
- पंचमेश व अष्टमेश होकर राज्य भाव में।
- उत्तम विद्या, डिग्री में तनाव के साथ वृद्धि।
- वाणी व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ।
- घरेलू सुख व माता के स्वास्थ्य में सुधार।
- गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि।
- बौद्धिक क्षमता व लेखन शक्ति में वृद्धि।
- सन्तान को लेकर थोड़ी चिंता कम होगी।
- परिश्रम व सम्मान के लिए प्रयत्न ज्यादा।
उपाय :- बुधवार को हरा वस्त्र धारण करें। श्री गणेश उपासना के लाभ होगा।
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मीन :-
- सुखेश-सप्तमेश होकर भाग्य भाव में।
- सुख में वृद्धि ,सुख के साधनों में वृद्धि।
- साझेदारी से लाभ में वृद्धि के संयोग।
- जीवनसाथी वैवाहिक एवं प्रेम संबंध में वृद्धि।
- गृह एवं वाहन को लेकर वृद्धि में संयोग।
- आन्तरिक डर एवं भाग्य में वृद्धि।
- व्यापार में विस्तार की स्थिति बनेगी।
- माता के स्वास्थ्य सुधारेगा,सम्पति से लाभ।
उपाय :- बुध कवच, गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करते रहें।
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