MDU रोहतक के अफगानी छात्रों का परिवार से संपर्क टूटा: डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिया मदद का भरोसा, एक स्टूडेंट की मां अफगानिस्तान में विधायक हैं; कोरोना काल में 9 लौट गए थे स्वदेश

MDU रोहतक के अफगानी छात्रों का परिवार से संपर्क टूटा: डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिया मदद का भरोसा, एक स्टूडेंट की मां अफगानिस्तान में विधायक हैं; कोरोना काल में 9 लौट गए थे स्वदेश

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रोहतक2 घंटे पहले

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MDU रोहतक के अफगानी छात्रों का परिवार से संपर्क टूटा: डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिया मदद का भरोसा, एक स्टूडेंट की मां अफगानिस्तान में विधायक हैं; कोरोना काल में 9 लौट गए थे स्वदेश

रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले तीनों अफगानी छात्र।

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने से वहां की व्यवस्था चरमरा गई है। लोगों के जीवन पर संकट आ गया है। ऐसे में अफगानिस्तान के रहने वाले वे विद्यार्थी जो भारत में विभिन्न संस्थानों में पढ़ते हैं, उनके लिए भी मुसीबत की घड़ी आ गई है। रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले तीन अफगानिस्तानी छात्रों का उनके परिवार से संपर्क टूट गया है। छात्रों के नाम अब्दुल मनन, अब्दुल रहीम और मुर्तजा हैं। परिवार से हजारों मील दूर ये तीनों छात्र इस बात को लेकर परेशान हैं कि वहां उनके अपनों का क्या हाल होगा। बुधवार को अफगानी छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल समस्याओं को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मिला। चौटाला छात्रों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।

परिजनों से बात नहीं हो रही, पैसे भी खत्म हुए
भारत और अफगानिस्तान सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौते के तहत महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में शिक्षा सत्र 2020-21 में 12 अफगानी छात्रों ने दाखिला लिया था। इनमें से 9 छात्र कोरोना काल के दौरान स्वदेश लौट गए, जबकि तीन इस समय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन छात्रों को कुछ दिन तक विश्वविद्यालय इंटरनेशनल हॉस्टल में रखा गया, लेकिन इसके बाद कोविड-19 की वजह से हॉस्टल बंद कर दिए गए तो इन छात्रों ने PG में आश्रय लिया। बीते दिनों इनकी मातृभूमि अफगानिस्तान में तालिबान की वजह से बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। इसकी वजह से इन छात्रों की परिजनों से बातचीत नहीं हो पा रही है। इनके पैसे भी खत्म हो गए हैं, क्योंकि इनके देश में मची अफरा-तफरी की वजह से परिजन पैसे नहीं भेज पा रहे हैं।

अफगानी छात्रों से मुलाकात करते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला।

अफगानी छात्रों से मुलाकात करते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला।

छात्रों से मिले डीप्टी सीएम चौटाला, हरसंभव मदद का दिया भरोसा
अफगानी छात्रों की परेशानियों को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है। बुधवार को रोहतक में इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल की अगुवाई में अफगानी छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल डिप्टी सीएम से मिला। उन्होंने उपमुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपते हुए अपनी समस्याओं से अवगत करवाया।

अफगानी छात्रों को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का ट्वीट

अफगानी छात्रों को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का ट्वीट

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अफगानी स्टूडेंट्स को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा इनके लिए रहने-खाने आदि का इंतजाम तुरंत करवा दिए जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अपने सभी मेहमानों को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानि समस्त संसार एक परिवार मानकर उनके साथ खड़ा है। चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इन छात्रों की परेशानी को देखते हुए तुरंत रहने-खाने आदि का प्रबंध करेगी। इसके अलावा इनके वीजा संबंधित जो परेशानियां सामने आ रही हैं, उसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश आने पर सरकार द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा।

विधायक हैं मां, नेताओं को चुन-चुन कर मार रहे तालिबानी
अफगानिस्तान के गजनी प्रांत से आए छात्र अब्दुल मनन ने बताया कि उनकी मां क्षेत्र की विधायक हैं। कई दिनों से घरवालों से बातचीत नहीं हो रही है। दिन-प्रतिदिन हमारे देश में संकट बढ़ने की जानकारी मीडिया से मिल रही हैं। पता नहीं मेरे घर वाले किस हालत में हैं। मां की जान का सबसे बड़ा जोखिम है, क्योंकि तालिबानी लड़ाके नेताओं को चुन-चुनकर मार रहे हैं। इससे मेरी टेंशन और ज्यादा बढ़ गई है।

क्रूर तालिबानी मानवता की सभी हदें कर देंगे पार

अब्दुल रहीम ने भी महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग में शिक्षा सत्र 2019-21 के लिए दाखिला लिया था। इस समय इनकी परीक्षाएं चल रही हैं, लेकिन रहीम कहते हैं कि अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को हमारे देश के मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। लोग तालिबानी खौफ के चलते देश छोड़ रहे हैं। अगर हस्तक्षेप नहीं किया गया तो तो क्रूर तालिबानी मानवता की सभी हदें पार कर जाएंगे। जब से अमेरिकी सेना की वापसी हुई, तब से तालिबान ने पैर परासने शुरू किए हैं।

अमेरिका सेना की वापसी से पहले ही करने थे सुरक्षा के ठोस प्रबंध

अफगानी छात्र मुर्तजा ने कहा कि हजारों लोगों को तालिबानी लड़ाके मार रहे हैं, लेकिन इंटरनेशनल बिरादरी हाथ पर हाथ रखे बैठी है। इन्होंने सवाल किया कि दुनिया में कितनी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं कार्यरत हैं। क्या किसी ने भी अभी तक तालिबान को रोकने की कोशिश की। अमेरिकी सेना की वापसी से पहले ही हमारे देश के लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस प्रबंध करने चाहिए थे।

छात्रों की मदद के लिए इनसो ने प्रधानमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापनः प्रदीप देशवाल
अफगानिस्तान संकट के दौरान भारत में पढ़ने वाले अफगानी विद्यार्थियों की मदद के लिए छात्र संगठन इनसो ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम हरियाणा के सभी जिलों में विश्वविद्यालय व जिला प्रशासन के साथ-साथ चंडीगढ़ व दिल्ली में भी ज्ञापन सौंपे है। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने बताया कि इनसो ने अपने ज्ञापन के जरिए अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए अफगानी छात्रों के लिए शिक्षण संस्थानों में रहने-खाने सहित तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग प्रशासन से की है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात सामान्य होने तक प्रशासन व सरकार द्वारा इन छात्रों की फीस माफी, वीजा एक्सटेंशन, अन्य कोर्स-डिग्री में दाखिला, बोनाफाइड सर्टिफिकेट आदि में पूरा सहयोग किया जाए।

छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है। ‌विवि प्रशासन हर दम उनके साथ है। जब तक अफगानिस्तान में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तब तक वे यहां रह सकते हैं। उनकी हर संभंव मदद की जाएगी।

– प्रोफेसर बीआर काम्बोज, कुलपति MDU

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