LJP पर अधिकार की लड़ाई: स्पीकर के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट गए चिराग, कहा- पारस हमारी पार्टी के सदस्य नहीं, उन्हें संसदीय दल का नेता किसने बनाया
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पटना3 मिनट पहले
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LJP सांसद चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही LJP सांसद चिराग पासवान ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल कर दी है। चिराग ने इस बात की जानकारी ट्वीट करते हुए दी है।
चिराग ने लोकसभा अध्यक्ष के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसके जरिए पशुपति कुमार पारस को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल का नेता चुन लिया गया।
एक और ट्वीट करते हुए LJP सांसद ने लिखा है कि प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं, लेकिन जहां तक LJP का सवाल है पारस हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशुपति पारस को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दी थी।
आगे उन्होंने लिखा है कि पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस को पहले ही निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है।
कल PM मोदी को दी थी धमकी
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को सीधे PM नरेंद्र मोदी को चुनौती दी थी। चिराग ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि LJP कोटे से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो मैं कोर्ट जाऊंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं हूं, पार्टी भी मेरी है। समर्थन भी मेरे पास है। मेरी अनुमति के बिना, पार्टी के कोटे से किसी भी सांसद को मंत्री बनाना गलत है।
चिराग को उम्मीद थी कि मोदी ऐसा नहीं करेंगे
चिराग पासवान ने यह भी कहा था- विवाद के बीच अगर ऐसे सांसद को मंत्री बनाया जाता है, जिसे पार्टी निकाल चुकी है तो यह गलत होगा। मुझे नहीं लगता कि PM मोदी ऐसा करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो मैं राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चाचा पशुपति पारस को मंत्री बनाना है, तो JDU में शामिल करके बनाएं, लेकिन LJP के नाम पर नहीं।
हर चुनौती का जवाब देने के लिए हूं तैयार
लोजपा में टूट के सवाल पर चिराग ने कहा कि अलग गुट बनाकर चाचा और बागियों ने रामविलास पासवान के विचारों को कुचला है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 75 सदस्य हैं। इसमें 66 सदस्य हमारे साथ हैं। सभी का ऐफिडेविट भी हमारे पास है। इस बात पर मैं चुनाव आयोग और कोर्ट, दोनों ही जगहों पर चुनौती दे सकता हूं। चाचा पशुपति कुमार पारस के पास कोई ठोस आधार नहीं है।
LJP में 13-14 जून की रात हुआ था तख्तापलट
LJP में 13 जून की शाम से कलह शुरू हुई थी। 14 जून को चिराग पासवान को छोड़ बाकी पांचों सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। इसमें हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। इसकी सूचना लोकसभा स्पीकर को भी दे दी गई। 14 जून की शाम तक लोकसभा सचिवालय से उन्हें मान्यता भी मिल गई थी। इसके बाद चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पांचों बागी सांसदों को LJP से हटाने की अनुशंसा कर दी। फिर 17 जून को पटना में पारस गुट की बैठक में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया।
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