JCO जसविंदर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा: कपूरथला के पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ संस्कार की तैयारी, पुंछ में आतंकी हमले में हुए शहीद
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कपूरथला20 मिनट पहले
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शहीद की पत्नी को तिरंगे पर लिपटी वर्दी सौंपते गांव के लोग।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमले में शहीद हुए JCO जसविंदर सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह कपूरथला जिले में उनके पैतृक गांव माना तलवंडी में पहुंच गया। शहीद का संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किए जाने की तैयारी चल रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल के प्रतिनिधि के रूप में कपूरथला के DC दीप्ति उप्पल सुबह ही माना तलवंडी गांव पहुंच गई। इसके अलावा भुलत्थ के विधायक सुखापाल खैहरा और SGPC प्रधान व अकाली नेता जागीर कौर ने भी गांव पहुंचकर शहीद के परिवार से संवेदना जताई। भाई के घर पर ही परिवार व रिश्तेदार शोक व्यक्त करने पहुंच रहे हैं। पूरा गांव शोक में है।
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शहीद का शव लेकर गांव माना तलवंडी पहुंची सेना की गाड़ी।
जम्मू के पुंछ में बीते सोमवार को आतंकियों के घुसपैठ की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया था। इसी दौरान घात लगाकर बैठे आतंकियों की फायरिंग में एक ऑफिसर समेत 5 जवान शहीद हो गए। इनमें नायब सूबेदार जसबिंदर सिंह, नायक मंदीप सिंह, सिपाही गज्जन सिंह, सिपाही सरज सिंह और सिपाही वैसाख सिंह शामिल रहे। शहीद जसविंदर सिंह कपूरथला जिले के माना तलवंडी गांव के रहने वाले थे।
जसविंदर सिंह के दो बच्चे हैं। इनमें 13 साल का बेटा बिक्रमजीत सिंह व 11 साल की बेटी हरनूर कौर हैं। उनकी मां कई महीने से बीमार है। शहीद के पिता कैप्टन हरभजन सिंह का दो महीने पहले कोरोना से निधन हो चुका है। पिता की बीमारी के वक्त ही जसविंदर सिंह आखिरी बार गांव आए थे।
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जसविंदर सिंह की शहादत पर पूरे गांव में शोक का माहौल है।
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शहीद के परिवार को ढांढस बंधाती एसजीपीसी प्रधान जागीर कौर।
कैप्टन पिता और सूबेदार मामा से प्रेरित होकर सेना में भर्ती हुए थे जसविंदर
शहीद जसविंदर के मामा गुरनरिंदर सिंह जो आर्मी से बतौर सूबेदार रिटायर्ड हैं, ने बताया कि जसविंदर ज्यादातर उनके पास ही रहे हैं। जसविंदर अपने पिता कैप्टन हरभजन सिंह व उनको (मामा को) देखकर फौज में गया। फौज में वह 21 साल पहले सिख रेजीमेंट में भर्ती हुआ। 2007 में भी जसविंदर सिंह ने आतंकियों से मुकाबला करते हुए बहादुरी दिखाई जिस पर उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया।
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जेसीओ जसविंदर सिंह।
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