Indian Navy sends training mission to Sri Lanka to revive military ties | सैन्य संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए भारतीय नौसेना ने श्रीलंका में भेजा प्रशिक्षण मिशन – Bhaskar Hindi

Indian Navy sends training mission to Sri Lanka to revive military ties | सैन्य संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए भारतीय नौसेना ने श्रीलंका में भेजा प्रशिक्षण मिशन – Bhaskar Hindi

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने श्रीलंका में एक प्रशिक्षण बेड़ा भेजा है, क्योंकि दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश अपने सैन्य संबंधों को फिर से पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अस्सी के दशक के अंत में चरम पर थे। यह कदम पिछले एक महीने में दोनों देशों के बीच गहन राजनयिक और रक्षा गतिविधियों के अनुसरण के तौर पर सामने आया है, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी स्तर जैसे पर्यटन, रक्षा, व्यापार, आर्थिक विकास और कूटनीति शामिल हैं।

पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के अवसर पर श्रीलंकाई खेल मंत्री नमल राजपक्षे, पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा और राज्य मंत्री डी. वी. चानाका के नेतृत्व में एक श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल 125 बौद्ध भिक्षुओं के साथ भारत आया था। इसका उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने भी भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला को भारत के प्रति अपने देश की प्रतिबद्धता के बारे में आश्वासन दिया था। उन्होंने श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव पर नई दिल्ली को आश्वस्त किया था। कोलंबो ने भारतीय कंपनियों के लिए निवेश के लिए अपने बंदरगाहों को खोल दिया है और कोलंबो बंदरगाह पर अडानी समूह को वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के विकास कार्य की जिम्मेदारी दी है।

भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने भी इस महीने की शुरुआत में श्रीलंका का दौरा किया था, ताकि रक्षा संबंधों में प्राथमिकता के साथ भागीदार के रूप में कोलंबो के लिए नई दिल्ली की प्रतिबद्धता को सु²ढ़ किया जा सके। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने इस साल की शुरुआत में दक्षिणी पड़ोसी को रक्षा क्षेत्र में अपना पहली प्राथमिकता वाला भागीदार बताया था।

दोनों नौसेनाओं के एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के अलावा, भारतीय और श्रीलंकाई सेनाओं ने भी हाल ही में 12 दिवसीय सैन्य अभ्यास किया है। भारतीय सेना क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के अलावा श्रीलंकाई सेना के जवानों की क्षमता का भी निर्माण कर रही है। बढ़ते रक्षा संबंधों के नवीनतम संकेत में, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल की सहायता से श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों को प्रशिक्षण दे रही है। भारतीय नौसेना के जहाज- सुजाता, मगर, शार्दुल, सुदर्शनी और तारंगिनी तट रक्षक जहाज विक्रम के साथ 24 से 28 अक्टूबर तक एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षण कोर्स के लिए श्रीलंका पहुंचे हैं।

रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, तैनाती हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न देशों के सामाजिक-राजनीतिक और समुद्री पहलुओं को उजागर करके युवा अधिकारियों और अधिकारी-प्रशिक्षुओं के क्षितिज को व्यापक बनाएगी।  बयान में यह भी कहा गया है कि यह तैनाती प्रशिक्षुओं को समुद्र में आईएन युद्धपोतों के संचालन में सहयोग के साथ ही विदेशी राष्ट्रों के साथ दोस्ती को बढ़ावा देने का काम भी करेगी।

दोनों नौसेनाएं दो दिवसीय नौसैनिक अभ्यास भी करेंगी। श्रीलंकाई नौसेना के अनुसार, शार्दुल और मगर कोलंबो बंदरगाह पहुंचे हैं, जबकि सुजाता, सुदर्शनी, तारंगिनी और विक्रम त्रिंकोमाली बंदरगाह के लिए रवाना हुए हैं। दोनों सेनाओं की अंत:क्रियाशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से दोनों नौसेनाओं के बीच विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियों की योजना बनाई गई है। भारतीय नौसेना पिछले चार दशकों से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दे रही है। वर्तमान में, श्रीलंका से बड़ी संख्या में अधिकारी और नाविक दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) में शुरुआती से लेकर उन्नत स्तर तक के कोर्स से गुजर रहे हैं।

जहाज एसएनसी-भारतीय नौसेना के प्रशिक्षण कमान का हिस्सा हैं, जिसका नेतृत्व वाइस एडमिरल ए. के. चावला, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, एसएनसी कर रहे हैं। कोच्चि में स्थित पहला प्रशिक्षण स्क्वाड्रन वर्तमान में कप्तान आफताब अहमद खान द्वारा संचालित है, जो कि प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के वरिष्ठ अधिकारी हैं। अस्सी के दशक के दौरान भारत और श्रीलंका के बीच उत्कृष्ट रक्षा और सैन्य सहयोग कायम था। नई दिल्ली ने चरमपंथ के खिलाफ अपनी लड़ाई में देश का समर्थन करने के लिए इंडियन पीस कीपिंग फोर्स (आईपीकेएफ) जिसे भारतीय शांति सेना के तौर पर भी जाना जाता है, उसको श्रीलंका भेजा था।

 

(आईएएनएस)

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