HDFC बैंक से 50 लाख लूटे: तरनतारन में बैंक स्टाफ को गन प्वाइंट पर लेकर चंद मिनटों में वारदात, 2 में से एक लुटेरा पुलिस वर्दी में
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तरनतारन3 घंटे पहले
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तरनतारन में HDFC बैंक की वो ब्रांच जिसमें लूट हुई।
पंजाब के तरनतारन जिले में शनिवार को दो युवकों ने HDFC बैंक से 50 लाख रुपए लूट लिए गए। निजी सेक्टर के HDFC बैंक की तरनतारन-जंडियाला रोड स्थित ब्रांच में यह वारदात दोपहर 3 बजे के आसपास हुई। दोनों लुटेरे आए और बैंक स्टाफ को गन प्वाइंट पर लेने के बाद चंद मिनटों में रकम लेकर फरार हो गए। वारदात की जानकारी मिलते ही आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। तरनतारन के एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क खुद भी घटनास्थल पर पहुंचे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वारदात के समय बैंक के अंदर सिर्फ स्टाफ के ही लोग मौजूद थे। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बैंक के अंदर लगे क्लोज सर्किट (CC) कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी। आसपास के एरिया में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी देखी जा रही है ताकि लुटेरों का रूट पता चल सके।
वारदात स्थल का जायजा लेने पहुंचे तरनतारन SSP हरविंदर सिंह विर्क।
मुंह ढंक रखे थे लुटेरों ने
तरनतारन के एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क ने बताया कि शनिवार दोपहर 3.17 बजे दो युवक बैंक के अंदर दाखिल हुए। दोनों ने अपने मुंह ढंके हुए थे और हाथों में हथियार ले रखे थे। उनमें से एक लुटेरे ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। बैंक के सीसीटीवी की फुटेज में देखने के बाद यह वर्दी कॉन्स्टेबल या हेड कॉन्स्टेबल रैंक के मुलाजिम की लग रही है।
एसएसपी के अनुसार, स्टाफ ने बताया है कि बैंक के अंदर घुसते ही दोनों लुटेरों ने स्टाफ को गन प्वाइंट पर ले लिया। कैश काउंटर की दराज में रखी रकम निकालने के बाद लुटेरों ने बैंक स्टाफ को गोली मारने की धमकी देकर स्ट्रॉन्ग रूम खुलवाया और वहां रखा कैश लेकर फरार हो गए। बैंक कर्मचारियों के अनुसार, दोनों लुटेरे तकरीबन 50 लाख रुपए ले गए हैं।
वारदात के बाद बैंक में जांच करती पंजाब पुलिस की टीम।
लुटेरों के हुलिये और पहनावे के बारे में सवाल-जवाब
एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने बैंक की सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले ली है। फुटेज देखने के बाद शुरुआती क्लू मिले हैं जिसके आधार पर आगे की जांच की जा रही है। दोनों लुटेरों को बहुत जल्दी पकड़ लिया जाएगा। इस बात की पड़ताल भी की जा रही है कि इस वारदात में दोनों लुटेरों के अलावा कोई तीसरा या बैंक का स्टाफ भी शामिल है या नहीं?
पुलिस बैंक कर्मचारियों से लुटेरों के हुलिये, पहनावे और बोलचाल के तौर-तरीकों की जानकारी ले रही है ताकि पता चल सके कि यह किसी लोकल गैंग का काम है या इस वारदात में कोई बाहरी भी शामिल रहा? हालांकि दोनों ही लुटेरों ने अपने मुंह ढंक रखे थे, इसलिए बैंक के कर्मचारी हुलिये के बारे में कुछ खास नहीं बता पा रहे।
बिना हथियार वाला प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड
HDFC बैंक की जिस ब्रांच में लूट हुई, वहां बैंक मैनेजमेंट की ओर से प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड तो तैनात है मगर उसके पास न तो कोई हथियार होता है और न ही सुरक्षा के लिए लाठी-डंडा। तरनतारन के एसएसपी ने कहा कि कोरोना से पहले बैंकों में तैनात प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स के पास हथियार होते थे मगर अब जो सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, उनमें से किसी के पास आर्म्स नहीं है।
वारदात के बाद बैंक में जांच करती पंजाब पुलिस की टीम।
थाना 200 और MLA की कोठी 100 मीटर दूर
पठानकोट में दो हफ्ते पहले आर्मी कैंट के गेट पर हुए ग्रेनेड हमले और गुरदासपुर में हफ्तेभर के अंदर 1 किलो RDX, टिफिन बम व हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद पूरे पंजाब में हाई अलर्ट घोषित है। इसके बावजूद तरनतारन में बैंक से 50 लाख रुपए लूट लिए गए।
तरनतारन-जंडियाला रोड स्थित HDFC बैंक की जिस ब्रांच में लूट हुई, वहां से पुलिस थाना महज 200 मीटर की दूरी पर है। यही नहीं, बैंक की इस ब्रांच से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर ही तरनतारन के कांग्रेसी विधायक डॉ. धर्मवीर अग्निहोत्री की कोठी है। पुलिस थाना और लोकल एमएलए की कोठी होने की वजह से इस एरिया में हमेशा पुलिस तैनात रहती है। इसके बावजूद लुटेरे बैंक लूटकर फरार होने में कामयाब हो गए।
वारदात के बाद बैंक में जांच करती पंजाब पुलिस की टीम।
तरनतारन के चौराहों पर लगे CCTV कैमरे खराब
लुटेरों ने जिस तरनतारन-जंडियाला रोड पर बैंक लूटा, वह शहर की मुख्य सड़क है। इस इलाके में दिनभर भीड़ रहती है। बैंक ब्रांच के दोनों तरफ पड़ने वाले चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसी सड़क पर एक तरफ बस स्टैंड है और वहां भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। बैंक से महज 500 गज की दूरी पर जो चौक है, वहां दिनभर पुलिस तैनात रहती है और सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। मगर अफसोस, तरनतारन शहर के ज्यादातर चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे लंबे समय से खराब पड़े हैं।
शहर में खराब पड़े सीसीटीवी कैमरों को ठीक करवाने के लिए न तो पुलिस-प्रशासन ने कोई कदम उठाया और न ही जिला प्रशासन ने। अगर सीसीटीवी कैमरे वर्किंग में होते तो लुटेरों के रूट की जानकारी आराम से मिल सकती थी। अब पुलिस इस सड़क पर बनी दुकानों के बाहर संबंधित दुकान मालिक द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पर निर्भर हो गई है।
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