GST के दायरे में आ सकता है डीजल और पेट्रोल: 17 सितंबर को लखनऊ में GST काउंसिल की बैठक, एक देश -एक दाम की तैयारी; कई और बड़े फैसले हो सकते हैं

GST के दायरे में आ सकता है डीजल और पेट्रोल: 17 सितंबर को लखनऊ में GST काउंसिल की बैठक, एक देश -एक दाम की तैयारी; कई और बड़े फैसले हो सकते हैं

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लखनऊ14 मिनट पहले

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GST के दायरे में आ सकता है डीजल और पेट्रोल: 17 सितंबर को लखनऊ में GST काउंसिल की बैठक, एक देश -एक दाम की तैयारी; कई और बड़े फैसले हो सकते हैं

देश में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव और एक देश -एक दाम की तैयारीकी बढ़ते दामों के बीच एक अहम फैसले की तैयारी है। सूत्रों का दावा है कि पेट्रोलियम पदार्थों जैसे-पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। 17 सितंबर को लखनऊ में GST काउंसिल की बैठक होने वाली है।कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद से जीएसटी काउंसिल की यह पहली फिजिकल बैठक होगी।

जीएसटी काउंसिल की इस 45वीं बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाला जीएसटी मंत्री समूह एक देश-एक दाम के प्रस्ताव पर चर्चा कर सकता है। शुक्रवार को लखनऊ में होने वाली इस बैठक में एक या एक से अधिक पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा हो सकती है।
प्रस्ताव पर मुहर के बाद हर राज्य में एक समान होगे पेट्रोल डिजल के दाम

मंत्री समूह के प्रस्ताव पर जीएसटी काउंसिल मुहर लगा देता है तो फिर देश के सभी राज्यों में पेट्रोल और डिजल के दाम एक समान हो जाएंगे। इतना ही नही एक समान जीएसटी से पेट्रोल व डीजल के दामों में भारी कमी आएगी। हालांकि जीएसएटी काउंसिल इस प्रस्ताव से सहमत नही है। सूत्रों का दावा है कि राजस्व को देखते हुए जीएसएटी काउंसिल के उच्च अधिकारी पेट्रोलियम पदार्थों पर एक समान जीएसटी लगाने को तैयार नहीं हैं।

पेट्रोल और डिजल पर GST से होती है सबसे ज्यादा कमाई

दरअसल, वित्तीय वर्ष 2019-20 में पेट्रोलियम पदार्थों से राज्य व केंद्र सरकार को 5.55 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसमें पेट्रोल व डीजल से ही सबसे ज्यादा राजस्व सरकारों को मिला। एक अनुमान के मुताबिक पेट्रोल पर केंद्र सरकार 32 प्रतिशत तो राज्य सरकार 23.07 प्रतिशत टैक्स ले रही है। वहीं डीजल पर केंद्र 35 तो राज्य सरकारें 14 प्रतिशत से ज्यादा का टैक्स वसूल कर रही हैं।

कोरोना के इलाज में भी टैक्स से रियायत दी जा सकती

बैठक में कोरोना उपचार से जुड़े उपकरणों व दवाइयों पर भी टैक्स से रियायत भी दी जा सकती है। वहीं आठ मिलियन से ज्यादा फर्म के लिए आधार अनिवार्य किया जा सकता है। इतना ही नही जीएसटी काउंसिल सिक्किम में फार्मा और बिजली पर स्पेशल सेस की अनुमति देने के लिए मंत्रियों के समूह (GoM) की रिपोर्ट पर विचार करेगी।

इस राज्य में स्पेशल सेस लगाने पर विचार

सूत्रों के मुताबिक, जीओएम सिक्किम को तीन साल के लिए फार्मा आइटम्स की इंटर-स्टेट सप्लाई पर 1 फीसदी उपकर (Cess) और बिजली की खपत या बिक्री पर 0.1 रुपए प्रति यूनिट लगाने की अनुमति देने के पक्ष में है. हालांकि यह राज्य का मामला है जो गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के दायरे से बाहर है। GoM ने केंद्र से 2023 तक सिक्किम को सहायता के रूप में 300 करोड़ रुपए प्रति वर्ष के विशेष पैकेज पर विचार करने का आग्रह किया है ताकि उसे COVID​​​-19 के कारण हुए नुकसान की रिकवरी में मदद मिल सके।

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