DRDO वैज्ञानिक ने कोर्ट में रखा टिफिन बम: वकील पड़ोसी से बदला लेने बनाया प्लान, रिमोट कंट्रोल से किया ब्लास्ट; लिफ्ट लगाने के मसले पर था विवाद
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नई दिल्ली3 घंटे पहले
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दिल्ली के एक कोर्ट में हुए ब्लास्ट के मामले में शनिवार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिक की गिरफ्तारी ने सभी को हैरान कर दिया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि वैज्ञानिक भरत भूषण कटारिया के पास विस्फोटक बनाने का सामान मिला है। उसने अपने वकील पड़ोसी से बदला लेने के लिए 9 दिसंबर को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट किया था। वकील के साथ उसका प्रॉपर्टी संबंधी 6 साल पुराना विवाद था।
1000 गाड़ियां, 100 कैमरों की जांच की
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि ब्लास्ट की जांच कर रही स्पेशल सेल टीम ने उस दिन रोहिणी कोर्ट में आई 1,000 गाड़ियों की जांच की। 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे जांचे गए। पुलिस का दावा है कि उनके पास आरोपी भरत भूषण के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ही पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। विस्फोटक काले रंग के बैग में रखकर कोर्ट में छोड़ा गया था। सीसीटीवी जांच के बाद पुलिस को भूषण पर शक हुआ था।
ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) का वैज्ञानिक भरत भूषण कटारिया।
कोर्ट रूम में बैग छोड़कर निकला आरोपी
9 दिसंबर को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट के रूम नंबर 102 में ब्लास्ट हुआ। इसमें एक शख्स जख्मी हुआ। ब्लास्ट रिमोट कंट्रोल से किया गया था। सीसीटीवी जांच के बीच पुलिस को पता चला कि पीड़ित वकील का पड़ोसी भरत भूषण कटारिया भी उस दिन कोर्ट रूम पहुंचा था। कमिश्नर राकेश अस्थाना के मुताबिक वह सुबह 9.33 पर कोर्टरूम पहुचा। एक घंटे बाद 10.35 बजे वह एक बैग कोर्ट रूम में छोड़कर निकला।
प्रॉपर्टी विवाद के बाद बनाया बम रखने का प्लान
पुलिस के मुताबिक कटारिया की अशोक विहार में प्रॉपर्टी है। वकील इस प्रॉपर्टी के एक फ्लोर में रहता है। 4 मंजिला इमारत में लिफ्ट लगाने को लेकर करीब 6 साल पहले रंजिश शुरू हुई थी। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कई केस दर्ज करा रखे हैं। पिछली सुनवाई में अदालत ने कटारिया पर गैरजरूरी रूप से तारीख आगे बढ़वाने के कारण 1,000 रु. का जुर्माना लगाया था। इस मामले में 20 दिसंबर को अंतिम बहस होनी है, जिसमें कटारिया के खिलाफ आरोप तय हो सकते हैं।
ठीक से फटा ही नहीं टिफिन बम
फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) ने दिल्ली पुलिस को बताया कि बम को स्टील के टिफिन में रखा गया था। उसमें आधा किलो आमोनियम नाइट्रेट भी था, लेकिन ठीक ढंग से न रखने के कारण सिर्फ डेटोनेटर में ही ब्लास्ट हुआ।
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