COP26 में जुटे वर्ल्ड लीडर्स: PM ने पर्यावरण बचाने के लिए दुनिया को दिया नया मंत्र- LIFE यानी लाइफस्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट
[ad_1]
- Hindi News
- International
- COP26| UN Climate Summit 2021; Narendra Modi News | PM Narendra Modi Grand Welcome At Glasgow
5 घंटे पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन का रोम दौरा खत्म करने के बाद COP26 समिट में शामिल होने ग्लास्गो पहुंचे। यहां उन्होंने दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत का एजेंडा सामने रखा।कॉप 26 में एक्शन एंड सॉलिडेरिटी: द क्रिटिकल डिकेड सेगमेंट में प्रधानमंत्री मोदी ने ऋग्वेद की दो लाइनों से अपनी स्पीच शुरू की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- हमारी संस्कृति में हजारों साल पहले यह मंत्र दिया गया था। संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्… यानी सभी मिलकर साथ चलें। सब मिलकर संवाद करें और सभी के मन भी मिले रहें।
मैं पहली बार जब पेरिस क्लाइमेट समिट में आया था तो मानवता के लिए कुछ बात करने आया था। मेरे लिए पेरिस समिट नहीं सेंटीमेंट और कमिटमेंट था। हमारे यहां ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ कहा जाता है। यानी सभी सुखी रहें। मोदी ने LIFE यानी लाइफ स्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट का मंत्र देते हुए इसे जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अहम से वयम के कल्याण का यही रास्ता है।
भारत में दुनिया की आबादी 17%, उत्सर्जन में हिस्सा सिर्फ 5%
हमारे यहां दुनिया की 17% आबादी है, लेकिन उत्सर्जन में हिस्सा सिर्फ 5% है। हमने नॉन फॉसिल फ्यूल में 25% वृद्धि की है। विश्व की कुल आबादी से भी ज्यादा लोग हमारे यहां भारतीय रेल से यात्रा करते हैं। इस भारतीय रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य रखा है।
सिर्फ इसी पहल से सालाना 60 मिलियन टन उत्सर्जन कम होगा। इसी तरह हमारे LED बल्ब अभियान से सालाना 40 मिलियन टन उत्सर्जन कम होगा। हमने इंटरनेशनल सोलर अलायंस की पहल की है। क्लाइटमेट चेंज में लाइफ स्टाइल की एक बड़ी भूमिका है और पूरी दुनिया इसे मान रही है।
प्रधानमंत्री ने दी पंचामृत की सौगात
मैं एक शब्द आपके सामने रखता हूं LIFE यानी लाइफ स्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट। इसे जनआंदोलन बनाना होगा। अहम से वयम के कल्याण का यही रास्ता है। इस चुनौती से निपटने के लिए मैं भारत की तरफ से पांच अमृत तत्व रखना चाहता हूं। पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं…
- पहला: भारत 2030 तक अपनी नॉन फॉसिल एनर्जी को 500 गीगा बाइट तक पहुंचाएगा।
- दूसरा : भारत 2030 तक अपनी 50% ऊर्जा जरूरतों को रिन्युएबल एनर्जी से पूरा करेगा।
- तीसरा : भारत 2030 तक कुल प्रोजेक्टेडज कार्बन एमिशन का 1 बिलियन टन कम करेगा।
- चौथा : भारत 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इन्टेनसिटी को 45% तक कम करेगा।
- पांचवा : 2070 तक नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य हासिल करेगा। ये सच्चाई सभी जानते हैं कि क्लाइमेट चेंज फाइनेंसिंग को लेकर वादे खोखले साबित हुए हैं।
क्लाइमेट फाइनेंस को भी ट्रैक करना होगा
दुनिया को लो-कॉस्ट एनर्जी का महत्व समझना होगा। हमारी अपेक्षा है कि विकसित देश जल्द से जल्द 1 ट्रिलियन डॉलर का क्लाइमेट फंड मुहैया कराएं। हमें क्लाइमेट फाइनेंस को भी ट्रैक करना होगा। हम अन्य विकासशील देशों का दर्द समझते हैं। कुछ देशों के लिए क्लाइमेट चेंज उनके अस्तित्व पर मंडराता खतरा है। बड़े कदम उठाने ही होंगे। मुझे यकीन है कि ग्लास्गो में लिए गए फैसले हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य बचाएंगे।
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ नियमों को लचीला बनाने की जरूरत
भारत में जल से नल परियोजना में लोगों को लाभ मिला। भारत में स्वच्छता अभियान से लोगों के जीवन में सुधार आया। ग्लोबल वॉर्मिंग पर छोटे देशों को मदद की जरूरत है। भारत समेत अधिकतर विकासशील देशों के किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती है। देश में बारिश, बाढ़ और लगातार आ रहे तूफानों से फसल नष्ट हो रही है। पेयजल के स्रोत से लेकर किफायती आवास तक सभी को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ नियमों को लचीला बनाने की जरूरत है।
COP26 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन और यूएन चीफ एंतोनियो गुतारेस के बीच जबरदस्त बॉन्डिंग देखी गई।
पिछड़े देशों को वैश्विक मदद की जरूरत
पीएम ने कहा- पिछड़े देशों को वैश्विक मदद की जरूरत है। इसके लिए विकसित देशों को आगे आना होगा। दुनिया को अब एडॉप्टेशन पर ध्यान देना होगा। जरूरत है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के मुद्दे पर सभी देश एक साथ आएं और इसे जनभागीदारी अभियान बनाएं।
भारत की पहल से जुड़े दुनिया
एडॉप्टेशन के तरीके चाहे स्थानीय हों। पिछड़े देशों को इसके लिए दुनिया का सहयोग मिलना चाहिए। लोकल एडॉप्टेशन को ग्लोबल सहयोग के लिए भारत ने कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिस्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर पहल की शुरूआत की थी। मैं सभी देशों को इस पहल से जुड़ने का अनुरोध करता हूं।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
नल से जल, क्लीन इंडिया मिशन और उज्जवला से सुधरा जीवन
भारत में हमने कई मुद्दों और विकास कार्यक्रमों में भी प्राकृतिक जरूरतों को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई हैं। नल से जल, क्लीन इंडिया मिशन और उज्जवला के जरिए हमने लोगों के जीवन स्तर में सुधार किए हैं।
हमारे यहां जनजातियां प्रकृति के साथ रहने का हुनर जानती है। हम चाहते हैं कि उनका यह हुनर आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे। इसके लिए जरूरी है कि हम इस जीवन से जुड़े मुद्दे को स्कूल के सिलेबस में शामिल करें।
अमेरिका दुनिया के सामने उदाहरण पेश करेगा: बाइडेन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी समिट में अपनी बात रखी। बाइडेन ने कहा- हम में निवेश करने और एक स्वच्छ ऊर्जा वाले भविष्य का निर्माण करने की क्षमता है। इस प्रक्रिया में दुनिया भर में लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे हमारे बच्चों के लिए स्वच्छ हवा, हमारे ग्रह के लिए स्वस्थ वन और पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वच्छ ऊर्जा से रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया।
हम दिखाएंगे कि अमेरिका दुनिया के सामने उदाहरण पेश करेगा और शक्ति से नेतृत्व करेगा। हमारा प्रशासन जलवायु प्रतिबद्धताओं को शब्दों में नहीं बल्कि कार्यों के जरिए पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
समिट से पहले जॉनसन से मिले मोदी
COP26 वर्ल्ड लीडर्स समिट के इतर पीएम मोदी ने ब्रिटेन के PM बोरिस जॉनसन से मुलाकात की। मोदी ने समिट के सफल आयोजन के लिए जॉनसन को बधाई दी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन और अनुकूलन के लिए जॉनसन के वैश्विक पहल की सराहना की।
मोदी ने COP26 वर्ल्ड लीडर्स समिट के सफल आयोजन के लिए जॉनसन को बधाई दी।
उन्होंने ISA और CDRI के तहत संयुक्त पहलों सहित क्लाइमेट फाइनांस, टेक्नोलॉजी, नवाचार और ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों पर ब्रिटेन के साथ मिलकर काम करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
इसके साथ ही दोपहर करीब 2 बजे के आसपास प्रधानमंत्री ने 2030 के रोडमैप का जायजा लिया। उन्होंने व्यापार और अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में प्राथमिकताओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई। उन्होंने एफटीए वार्ता शुरू करने की दिशा में उठाए गए कदमों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
हम दुनिया को वहां ले आए, जहां कयामत की मशीन शुरू हुई: जॉनसन
समिट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दुनियाभर में हरित औद्योगिक क्रांति की आवश्यकता बताई। जॉनसन ने कहा कि समय आ गया है कि विकसित देशों को अपनी विशेष जिम्मेदारी को पहचानना चाहिए। इसके लिए हर किसी को मदद करना होगा।
ग्लासगो में 250 साल पहले हुआ था, जब जेम्स वाट एक ऐसी मशीन के साथ आए थे जो भाप से संचालित होती थी। यह कोयले को जलाने से पैदा होती थी। हम आपको उसी जगह ले आए, जहां से कयामत की मशीन शुरू हुई थी। सभी देशों को एक बार फिर से इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। साथ ही एक-दूसरे की मदद करनी होगी।
जीवाश्म ईंधन का प्रयोग कम करना होगा: गुतारेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस।
COP26 समिट में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि पेरिस जलवायु समझौते के बाद से पिछले 6 सालों में रिकॉर्तोड़ गर्मी पड़ी है। जीवाश्म ईंधन का तेजी से उपयोग करके हम मानवता को खात्म की कगार पर धकेल रहे हैं। हमें एक कड़ा निर्णय लेना होगा। या तो हम इसे रोक दें या जलवायु परिवर्तन से हम रुक जाएंगे।
गुतारेस ने आगे कहा- जैव विविधता के साथ क्रूर बर्ताव बहुत हुआ, कार्बन के साथ खुद को मारना बहुत हुआ, प्रकृति के साथ शौचालय जैसा बर्ताव बहुत हुआ। हम अपनी कब्र खुद खोद रहे हैं। हमारी आंखों के सामने हमारा ग्रह बदल रहा है।
‘मोदी है भारत का गहना’
मोदी के होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने ‘मोदी है भारत का गहना’ गाना गाकर उनका स्वागत किया। मोदी ने एक बच्चे से भी बात की। वे यहां दो दिन के दौरे पर आए हैं। कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज का 26वां सेशन 12 नवंबर तक चलने वाला है। इसकी अध्यक्षता ब्रिटेन और इटली कर रहे हैं। इसमें हाई लेवल सेगमेंट यानी वर्ल्ड लीडर्स समिट होनी है। इसमें 120 देशों के प्रमुख शामिल हो रहे हैं।
[ad_2]
Source link