CJI संसद में बहस न होने पर चिंतित: स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में बोले NV रमना, संसद में बिना बहस पास हो जाते हैं बिल, ये चिंता का विषय

CJI संसद में बहस न होने पर चिंतित: स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में बोले NV रमना, संसद में बिना बहस पास हो जाते हैं बिल, ये चिंता का विषय

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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CJI संसद में बहस न होने पर चिंतित: स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में बोले NV रमना, संसद में बिना बहस पास हो जाते हैं बिल, ये चिंता का विषय

CJI ने कहा कि पुराने समय में संसद में अच्छी बहस होती थी। आज के समय में ऐसा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना 75वें स्वतंत्रता दिवस पर एक कार्यक्रम में आयोजित हुए। उन्होंने संसद में बिना बहस पास होने वाले बिलों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने सांसदों के डिबेट से बचने के रवैए पर नाखुशी जताई। उन्होंने पुराने समय से तुलना करते हुए कहा कि पहले संसद के दोनों सदन वकीलों से भरे होते थे। हालांकि, अब स्थितियां अलग हैं। यह नीतियों और उपलब्धियों की समीक्षा करने का समय है।

नए कानून को लेकर असमंजस
CJI ने कहा कि इस समय संसद में कानून पर ठीक से बहस नहीं हो रही है। हमें यह नहीं पता चलता कि कानून बनाने का उद्देश्य क्या है। यह व्यवस्था जनता के लिए ठीक नहीं है। पुराने समय में संसद में अच्छी बहस होती थी। आज के समय में ऐसा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पहले कानूनों पर चर्चा और विचार किया जाता था। इससे कानूनों को समझने में मदद मिलती थी। उन्होंने वकीलों से न्यायिक कामों के अलावा जनसेवा में भी योगदान देने को कहा। उन्होंने कहा कि वकील अपनी जानकारी और ज्ञान को देश की सेवा में लगाएं।

8 दिन में पास हुए 22 बिल
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत पेगासस मामले पर हंगामे से हुई। इस दौरान कई बिल बिना चर्चा के पास कर दिए गए। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बिल पास करने की तुलना पापड़ी-चाट बनाने से की। उन्होंने आरोप लगाया की सरकार किसी बिल पर चर्चा के लिए औसतन 7 मिनट का समय दे रही है। ब्रायन ने कहा कि मानसून सेशन के पहले हफ्ते में एक भी बिल पास नहीं हुआ। लेकिन 8 दिनों के भीतर 22 बिल पास हो गए। इस हिसाब से 1 बिल को पास होने में केवल 10 मिनट लगे।

सरकार और विपक्ष ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
सरकार ने विपक्ष पर संसद की गरिमा को धूमिल करने और उसके कामकाज को रोकने की साजिश करने का आरोप लगाया है। विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर संसद में उनकी आवाज को कुचलने, लोकतंत्र की हत्या करने और सांसदों को पीटने के लिए बाहरी लोगों को मार्शल के रूप में लाने का आरोप लगाया है।

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