CG की आबादी 21 साल में 50% बढ़ी: राज्य में गांवों के मुकाबले शहरों में रहने वालों की तादाद में बढ़ोतरी, 2 दशक में 75 से 182 हुए नगर निगम, पालिकाएं और नगर पंचायतें

CG की आबादी 21 साल में 50% बढ़ी: राज्य में गांवों के मुकाबले शहरों में रहने वालों की तादाद में बढ़ोतरी, 2 दशक में 75 से 182 हुए नगर निगम, पालिकाएं और नगर पंचायतें

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रायपुर14 घंटे पहलेलेखक: जाॅन राजेश पाॅल

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मध्यप्रदेश से 2000 में अलग होने के बाद छत्तीसगढ़ में आबादी जिस रफ्तार से बढ़ी, शहरीकरण का अनुुपात उससे ज्यादा तेज रहा है, यानी प्रदेश में लोगों की शहरों में रुचि बढ़ी है। प्रदेश में 2001 की जनगणना में आबादी 2.08 करोड़ थी और शहरों की संख्या 75 ही थी। इनमें नगर निगम, नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें शामिल हैं।

आधार रजिस्ट्रेशन एजेंसी के मुताबिक 2020 में प्रदेश में 2.94 करोड़ लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ, इस आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल जनगणना में आबादी 3 करोड़ होना चाहिए।

इस तरह, आबादी में वृद्धि 50 प्रतिशत से कम है, लेकिन शहरों की संख्या दोगुनी से भी अधिक यानी 182 हो चुकी है। एक गंभीर पहलू यह भी है कि प्रदेश में इस दौरान गांव 20308 से घटकर 20126 रह गए हैं, यानी 78 गांव नक्शे से गायब हो चुके हैं।

छत्तीसगढ़ में 1991 से 2001 तक 32.18 लाख लोग बढ़े हैं, यानी 18 प्रतिशत की वृद्धि। भास्कर की पड़ताल के मुताबिक राज्य बनने के बाद यानी 2001 से 2011 के बीच 10 साल में 47.06 लाख लोग बढ़ गए हैं। यह वृद्धि 22.59 प्रतिशत है और नई जनगणना से पहले ही विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार यह वृद्धि और अधिक होने वाली है। राज्य बनने के शुरुआती 10 सालों में ही 14 कस्बे बढ़कर शहरों में तब्दील हो गए थे, और पिछले 10 साल में यह ट्रेंड कई गुना बढ़ चुका है।

हालांकि प्रदेश का लगभग 44 प्रतिशत भूभाग जंगल है, जिसका फायदा यह हुआ है कि देश में प्रति वर्ग किमी में 382 लोग रहते हैं, जो छत्तीसगढ़ में 189 ही है। यह बात अलग है कि यहां भी पिछले 10 वर्ष में जनसंख्या का घनत्व 154 से बढ़कर 189 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो चुका है, यानी बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश से अलग हुआ और तुरंत बाद जनगणना शुरू हुई। अब तक दो जनगणना (2001 तथा 2011) हो चुकी हैं। शेष पेज-11

आधार रजिस्ट्रेशन से अनुमान
इस साल जनगणना शुरू नहीं हुई है लेकिन यूआईटी (यूनिक आइडेंटिफिकेशन यानी आधार) में लगे अफसरों के मुताबिक प्रदेश में 2020 तक प्रदेश में 2,94,36,231 लोगों ने आधार पंजीयन करवाया है, यानी 3 करोड़ होने से 6 लाख लोग ही कम हैं।

प्रदेश में 18% बढ़े

  • छत्तीसगढ़ में 2001 में 32 लाख 18 हजार लोग बढ़े यानी 18% वृद्धि।
  • छत्तीसगढ़ में 2011 में 47,06,393 लोग बढ़े हैं यानी 22.59 % वृद्धि।
  • यहां स्त्री पुरुष अनुपात 989 -991 था। 1000 पुरुषों की तुलना में स्त्रियां।
  • 0-6 साल की उम्र के 35.84 लाख बच्चे (14.03%) पिछली गणना में

छत्तीसगढ़ में साक्षरता

  • 2001 में 1 करोड़ 11 लाख लोग साक्षर
  • 2011 में ये बढ़कर 1 करोड़ 56 लाख
  • पुरुष 89 लाख 62 हजार।
  • महिलाएं 66 लाख 36 हजार।

एक्सपर्ट व्यू

इंफ्रास्ट्रक्चर व मूलभूत सुविधाओं में हुई वृद्धि
आरके श्रीवास्तव, राष्ट्रीय सांख्यिकी अधिकारी

राज्य बनने के बाद प्रदेश में जनसंख्या बढ़ी है, तो इसके साथ-साथ शहरीकरण तेजी से हुआ। साक्षरता दर भी बढ़ी है और सरकारी नौकरियों में भी खासी वृद्धि दर्ज की जा रही है। आम लोगों की आमदनी बढ़ी है, इससे जीवन स्तर सुधरा है। एक दशक के डेटा पर नजर डालें तो पूरे छत्तीसगढ़ में इंफ्रास्ट्रक्चर व मूलभूत सुविधाओं में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। इंडस्ट्रीज व नौकरी के अवसर बढ़े हैं, कारोबार भी विस्तृत हुआ है। आर्थिक गणना की रिपोर्ट आने से हालात और स्पष्ट होंगे, लेकिन जिस तरह की वृद्धि नजर आरही है वह छत्तीसगढ़ के लिए अच्छे संकेत हैं।

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