CDS चॉपर क्रैश में एक और दुखद खबर: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु के अस्पताल में निधन, 7 दिन बाद हारे जिंदगी की जंग

CDS चॉपर क्रैश में एक और दुखद खबर: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु के अस्पताल में निधन, 7 दिन बाद हारे जिंदगी की जंग

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नई दिल्ली10 मिनट पहले

CDS जनरल रावत के साथ हेलिकॉप्टर हादसे में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया। इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। एयरफोर्स ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण ने गंभीर चोटों की वजह से दम तोड़ दिया। तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसे में घायल होने के बाद पहले उन्हें वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। वे पिछले 7 दिन से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे।

गैलेंट्री अवॉर्ड विनर थे कैप्टन वरुण
गैलेंट्री अवॉर्ड विनर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सैन्य परिवार से आते हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी वरुण सिंह का परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा है- जल, थल और नभ। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) से थे। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं। वरुण का परिवार इन दिनों भोपाल में रहता है।

पत्नी और बच्चों के साथ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह। (फाइल फोटो)

पत्नी और बच्चों के साथ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह। (फाइल फोटो)

देवरिया (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उन्हें यह अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया था। वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इस काम के लिए उन्‍हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

बेस्ट पायलट अवॉर्ड से भी सम्‍मानित
वरुण ग्रुप कैप्‍टन अभिनंदन वर्तमान के बैचमेट हैं। अभिनंदन ने 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में घुसने वाले पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था। उन्होंने इस दौरान पुराने MIG-21 से अमेरिकन मेड F-16 मार गिराया था। वरुण बेस्ट पायलट अवॉर्ड से भी सम्‍मानित हो चुके हैं।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह परिवार के साथ बेटे का जन्मदिन मनाते हुए। (फाइल फोटो)

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह परिवार के साथ बेटे का जन्मदिन मनाते हुए। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ में पढ़े, फिर NDA में सिलेक्शन

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की सलामती के लिए देश भर में प्रार्थना की जा रही थी।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की सलामती के लिए देश भर में प्रार्थना की जा रही थी।

वरुण सिंह के परिवार में पत्नी और एक बेटा-बेटी है। उन्हें CDS बिपिन रावत को रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल ऑफिसर बनाया गया था। वरुण ने चंडीगढ़ के चंडी मंदिर स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 2004 में उनका NDA में सिलेक्शन हो गया।

20 साल पहले भोपाल शिफ्ट हो गया था परिवार

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल केपी सिंह और मां उमा सिंह भोपाल में रहते हैं।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल केपी सिंह और मां उमा सिंह भोपाल में रहते हैं।

20 साल पहले वरुण का परिवार भोपाल शिफ्ट हो गया था। वहीं उनका मकान भी बना हुआ है। वरुण के पिता केपी सिंह अपनी पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं रहते हैं। वरुण सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ वेलिंग्टन में रहते थे।

देवरिया से 25 किमी दूर कन्हौली गांव में ग्रुप कैप्टन वरुण का पैतृक आवास।

देवरिया से 25 किमी दूर कन्हौली गांव में ग्रुप कैप्टन वरुण का पैतृक आवास।

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