सदी के महान व्यक्तित्व: सबसे बड़े दानदाता जमशेदजी को जानने के लिए रोज एक व्यक्ति ही संग्रहालय आता है, उनकी जन्मस्थली नवसारी में 2014 में बना था संग्रहालय

सदी के महान व्यक्तित्व: सबसे बड़े दानदाता जमशेदजी को जानने के लिए रोज एक व्यक्ति ही संग्रहालय आता है, उनकी जन्मस्थली नवसारी में 2014 में बना था संग्रहालय

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  • Every Day Only One Person Comes To The Museum To Know Jamsetji, The Biggest Donor.

39 मिनट पहलेलेखक: भद्रेश नायक

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सदी के महान व्यक्तित्व: सबसे बड़े दानदाता जमशेदजी को जानने के लिए रोज एक व्यक्ति ही संग्रहालय आता है, उनकी जन्मस्थली नवसारी में 2014 में बना था संग्रहालय

संग्रहालय में उनके जन्मस्थल वाला कमरा, टाटा परिवार की नामावली, फोटो के जरिए झांकी, पुराने बर्तन रखे गए हैं।

भारतीय उद्योग के पितामह और सदी के सबसे बड़े दानवीर जमदेशजी टाटा के बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि वे दक्षिण गुजरात के नवसारी के रहने वाले थे। यहां उनकी जन्मस्थली को ‘संग्रहालय’ का आकार दिया गया है। जहां टाटा परिवार की वंशावली से लेकर समूह की प्रगति यात्रा के गवाह रही चीजों को प्रदर्शित किया गया है।

जमदेशजी टाटा (फाइल फोटो)

जमदेशजी टाटा (फाइल फोटो)

3 मार्च 2014 को उनके जन्मदिवस पर संग्रहालय आम लोगों के लिए खोला गया था। तब से लेकर इन 7 साल में 4300 लोग ही उनकी विरासत को देखने आए हैं। जून 2021 में केवल 30 लोग ही पहुंचे। इस तरह संग्रहालय देखने वालों का औसत एक व्यक्ति ही है। मार्च 2020 में कोरोना संकट के चलते ये संग्रहालय भी पूरी तरह बंद था।

संग्रहालय में उनके जन्मस्थल वाला कमरा, टाटा परिवार की नामावली, फोटो के जरिए झांकी, पुराने बर्तन रखे गए हैं। जमदेशजी 65 साल के जीवन में 22 साल विदेश यात्रा पर रहे। 19 मई 1904 को उन्होंने जर्मनी में अंतिम सांस लीं।

अंग्रेजों के अपमान का बदला ताज होटल बनाकर दिया

मुंबई स्थित ताज होटल विश्व विरासत में शामिल है। जमदेशजी ने ही इसे बनवाया था। दरअसल, कुछ घमंडी अंग्रेजों ने तब जमदेशजी का एक होटल में सार्वजनिक रूप से अपमान कर दिया था। इसका जवाब उन्होंने ताज होटल बनवा कर दिया। अंग्रेजों ने कहा था- ‘हम यहां इंडियन को नहीं आने देते।’

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