मुसीबत में अनिल देशमुख: मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व गृहमंत्री की 4.2 करोड़ की संपत्ति ED ने जब्त की, तीन बार समन के बावजूद देशमुख ED के सामने नहीं हुए हैं पेश

मुसीबत में अनिल देशमुख: मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व गृहमंत्री की 4.2 करोड़ की संपत्ति ED ने जब्त की, तीन बार समन के बावजूद देशमुख ED के सामने नहीं हुए हैं पेश

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Maharashtra
  • Anil Deshmukh Corruption Case | Maharashtra Ex Home Minister Family Assets Seized By Enforcement Directorate

मुंबई11 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
मुसीबत में अनिल देशमुख: मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व गृहमंत्री की 4.2 करोड़ की संपत्ति ED ने जब्त की, तीन बार समन के बावजूद देशमुख ED के सामने नहीं हुए हैं पेश

देशमुख पर एंटीलिया केस में गिरफ्तार बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने भी वसूली के गंभीर आरोप लगाए हैं।

100 करोड़ की वसूली और मनी लांड्रिंग का आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की परेशानियां खत्म नहीं हो रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने आज देशमुख और उनके परिवार की 4.2 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया है। इसमें नागपुर का एक फ्लैट और पनवेल की एक जमीन शामिल है। इसी मामले में देशमुख के पीए संजीव पलांडे और पीएस कुंदन शिंदे को अरेस्ट किया था, दोनों फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की कस्टडी में हैं।

देशमुख तीन बार बुलाने के बावजूद अभी तक ED के सामने पेश नहीं हुए हैं। हर बार उन्होंने कोरोना संक्रमण का खतरा और अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए पेशी से छूट मांगी है। तीनों बार उनकी जगह उनके वकील इंद्रपाल सिंह बलयार्ड एस्टेट स्थित ED ऑफिस पहुंचे थे।

ED की कार्रवाई से बचने के लिए देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया है। ED पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए 100 करोड़ की वसूली के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है। देशमुख द्वारा लगातार पेशी से बचने के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि अनिल देशमुख क्या गिरफ्तारी से बचने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय अब तक देशमुख के कई ठिकानों पर दो बार रेड कर चुकी है। ED ने कुछ दिन पहले देशमुख के पीए संजीव पलांडे और पीएस कुंदन शिंदे को अरेस्ट किया था, दोनों फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की कस्टडी में हैं। इन पर आरोप हैं कि ये इन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में देशमुख की मदद की थी। देशमुख ने ED की पूछताछ से बचने के लिए एक पत्र लिखा था।

अनिल देशमुख ने अपने पत्र में कहा था

  • मैंने आपके द्वारा 25 जून को भेजे समन का पूरा पालन किया और एक अधिकृत व्यक्ति (वकील) को जरुरी सभी दस्तावेज के साथ आपके सामने भेजा। इसके बावजूद मीडिया में पेशी को लेकर गलत धारणाएं बनाई जा रही हैं।
  • मैं एक मास पॉपुलर लीडर रहा हूं और पूरा जीवन जनता की सेवा में बिताया है।
  • मैं पहले भी यह बता चुका हूं कि मेरे खिलाफ जो भी आरोप हैं वह एक ऐसे शख्स द्वार लगाए गए हैं, जो पहले से गंभीर आरोप में फंसा है और जिस पर केंद्र के कहने पर काम करने का आरोप लगा है।
  • मैं खुद भी आरोप के पीछे का झूठ उजागर करना चाहता हूं। बिना उचित दस्तावेज के मैं आपके सवालों का जवाब देने में सक्षम नहीं हूं, इसलिए मुझे ECIR की एक प्रति उपलब्ध करवाई जाए।
  • 72 साल का होने और आयु से संबंधित बीमारियों से पीड़ित होने के बावजूद आपने मुझे 25 जून को बुलाया और ईडी के कई अधिकारियों ने बिना सोशल डिस्टेंसिंग के मुझ से कई घंटे की पूछताछ की है। उम्र और स्वास्थ्य के कारण, मुझे कोविड-19 से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है।

परमबीर सिंह के आरोप के बाद शुरू हुई है जांच

यह मामला देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था।

इस केस में ED की टीम ने करीब 10 से 12 बार मालिकों के भी बयान दर्ज किए हैं। इसके बाद तलोजा जेल जाकर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे का भी बयान दर्ज किया है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *