ड्रोन नियम-2021 का मसौदा जारी: ड्रोन की छूट बढ़ाना चाहती है सरकार; जम्मू एयरपोर्ट पर आतंकी हमले के बाद नए ड्रोन नियम बने
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5 मिनट पहले
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नए नियमों के तहत सरकार ड्रोन बनाने वाले और इस्तेमाल करने वाले दोनों की जानकारी रख सकेगी।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नए ‘ड्रोन नियम-2021’ का मसौदा जारी किया है। जम्मू एयरपोर्ट पर हाल में हुए ड्रोन आतंकी हमले के बाद इन नियमों पर सबकी नजर है। ड्राफ्ट में सरकार ने एनपीएनटी यानी ‘नो परमिशन, नो टेकऑफ’ की नीति अपनाने की बात तो कही है। मगर पुराने नियमों के मुकाबले छूट काफी बढ़ा दी गई है। नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना घटा दिया गया है और साथ ही यूनिक ऑथराइजेशन नंबर और यूनिक प्रोटोटाइप आइडेंटिफिकेशन नंबर जैसी कई अनिवार्यताएं समाप्त कर दी गई हैं।
सरकार का कहना है कि नए नियमों के तहत सरकार ड्रोन बनाने वाले और इस्तेमाल करने वाले दोनों की जानकारी रख सकेगी। नए नियमों पर आम जनता से 5 अगस्त तक राय मांगी गई है। इसके बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। ये नियम 12 मार्च-2021 को जारी यूएएस (मानवरहित विमान प्रणाली) नियमों की जगह लेंगे।
ग्रीन, यलो और रेड जोन में बंटेगा आकाश
- अनुमति, अनुमोदन आदि के लिए भरे जाने वाले फॉर्म्स की संख्या 25 से घटाकर छह कर दी गई है।
- एक डिजिटल स्काई प्लेटफाॅर्म विकसित किया जाएगा। इस पर रेड, यलो और ग्रीन जोन स्पष्ट चिह्नित होंगे। यलो जोन का दायरा हवाई अड्डे की परिधि से 45 से घटाकर 12 किलोमीटर होगा।
- ग्रीन जोन में 400 मीटर और हवाई अड्डे की परिधि से आठ से 12 किलोमीटर में 200 मीटर तक उड़ान भरने के लिए मंजूरी जरूरी नहीं।
एक्सपर्ट व्यू : छूट बढ़ाना खतरनाक, ट्रैकिंग जरूरी
डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक रवि गुप्ता कहते हैं कि ड्रोन, हैक्साकाॅप्टरों पर नजर रखने के लिए कोस्टल सिक्योरिटी सिस्टम की तर्ज पर काम किया जा सकता है। इसमें लाखों नौकाओं को आइडेंटिफिकेशन चिप्स से जोड़ दिया गया है। ऐसा ही तंत्र ड्रोन्स के लिए हो।
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