MP में हर साल बढ़ रही 15 लाख आबादी: डेढ़ दशक में 10 करोड़ हाे जाएगी राज्य की जनसंख्या; भोपाल साक्षरता के मामले में इंदौर, जबलपुर से पीछे

MP में हर साल बढ़ रही 15 लाख आबादी: डेढ़ दशक में 10 करोड़ हाे जाएगी राज्य की जनसंख्या; भोपाल साक्षरता के मामले में इंदौर, जबलपुर से पीछे

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • 15 Lakh Population Is Increasing Every Year In MP, We Will Become 100 Million In One And A Half Decade…

भोपाल15 घंटे पहलेलेखक: भगवान उपाध्याय/ मनोज जोशी

  • कॉपी लिंक
आज बात आबादी की। 100 साल पहले मध्यप्रदेश की आबादी 1.39 करोड़ थी, लेकिन राज्य में अब हर दशक में इतनी आबादी बढ़ रही है। - Dainik Bhaskar

आज बात आबादी की। 100 साल पहले मध्यप्रदेश की आबादी 1.39 करोड़ थी, लेकिन राज्य में अब हर दशक में इतनी आबादी बढ़ रही है।

  • 8 करोड़ 45 लाख है प्रदेश की जनसंख्या, राज्य में बुजुर्गों और महिलाओं की जनसंख्या बढ़ी
  • 48.4 % महिलाओं की संख्या है, जो 2011 से 0.4% ज्यादा है, पुरुषों की 51.6% है
  • 100 साल पहले 1921 में भोपाल की आबादी 1.40 लाख थी, जो 2021 में 21 लाख पहुंच गई
  • देश में छठवां स्थान; थाईलैंड, फ्रांस, इटली और द. अफ्रीका से भी ज्यादा प्रदेश की आबादी

100 साल पहले मध्यप्रदेश की आबादी 1.39 करोड़ थी, लेकिन राज्य में अब हर दशक में इतनी आबादी बढ़ रही है। हर साल लगभग 15 लाख लोग राज्य के हिस्से में जुड़ जाते हैं। इस लिहाज से हम आबादी के हिसाब से थाईलैंड, फ्रांस, यूके, इटली और साउथ अफ्रीका से भी आगे निकल चुके हैं।

हर 10 साल बाद होने वाली जनगणना इसी साल 2021 में होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण टल गई। लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश की आबादी अब 8.45 करोड़ के आसपास है। यदि आबादी की यही रफ्तार रही तो मुमकिन है कि हम अगले डेढ़ दशक में 10 करोड़ हो जाएंगे। वहीं भोपाल शहर की बात करें तो 100 साल पहले 1921 में यहां की आबादी केवल 1.40 लाख थी, जो 2021 में 21 लाख पहुंच गई है। यानी 100 साल में भोपाल की आबादी 15 गुना बढ़ी है।

यदि आबादी की यही रफ्तार रही तो मुमकिन है कि हम अगले डेढ़ दशक में 10 करोड़ हो जाएंगे।

यदि आबादी की यही रफ्तार रही तो मुमकिन है कि हम अगले डेढ़ दशक में 10 करोड़ हो जाएंगे।

पुरुषों का प्रतिशत घटा, महिलाओं का बढ़ा

2011 की जनगणना में मप्र में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी 7.5% थी जो 2021 में 8.5 हो गई है और 2036 तक 12.8 प्रतिशत हो जाएगी। जबकि पिछले 10 सालों से 6 वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या लगभग 15% है। जनगणना 2011 में 52% यानी 3.76 करोड़ पुरुष और 48% यानी 3.50 करोड़ महिलाएं थीं। 2021 में पुरुषों का प्रतिशत 51.6 जबकि महिलाओं का 48.4 हो गया है।

2005 तक मप्र में भी थी टू चाइल्ड पॉलिसी

मप्र में टू चाइल्ड पॉलिसी यानी हम दो हमारे दो का नियम 2001 से 2005 तक माना गया। इस नियम के तहत तीसरा बच्चा होने पर व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं रहता था। लेकिन जब ये विवाद हुआ कि इसे विधानसभा-लोकसभा चुनावों में भी लागू करवाया जाए तो 2005 में राज्य की भाजपा सरकार ने इसे हटा दिया।

भोपाल में…35 लाख के लिए पानी, 40 लाख के लिए बिजली है हमारे पास

भोपाल शहर का विकास इसके मप्र की राजधानी बनने के बाद ही हुआ है। 1951 की जनगणना में भोपाल की 2.3 लाख आबादी थी और 1961 में 3.71 लाख हुई यानी 10 साल में 4.66% बढ़त। यह भोपाल की आबादी में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है।

स्वास्थ्य…शहर में 5000 डॉक्टर हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। इस हिसाब से 50 लाख आबादी के लिए यह पर्याप्त है।

घर-ट्रांसपोर्ट…पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए 200 लो-फ्लोर बसें हैं, जो 600 होने वाली है, मेट्रो का भी काम चल रहा है। वहीं आबादी को देखते हुए करीब 50 हजार मकानों की और जरूरत है।

साक्षरता में तीसरे नंबर पर है भोपाल… मप्र में साक्षरता की दर 69.32 प्रतिशत है। जबलपुर में 81.07, इंदौर में 80.87 और भोपाल में 80.37 प्रतिशत साक्षरता दर है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *