कोरोना से जंग: सक्रिय मरीज यदि प्रतिदिन 1 करोड़ हो जाएं तो 3.45 लाख ऑक्सीजन बेड चाहिए, नई लहर से लड़ने का रोडमैप
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- If Active Patients Become 1 Crore Per Day, Then 3.45 Lakh Oxygen Beds Are Needed, Roadmap To Fight The New Wave
एक घंटा पहलेलेखक: पवन कुमार
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दावा है कि 2.55 लाख बेड हैं, 90 हजार ही कम; 4 लाख बढ़ा रहे।
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही अभी समाप्त नहीं हुई है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा महामारी से निपटने के लिए बनाए गए एम्पावर्ड ग्रुप-1 और 2 ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों का रोडमैप तैयार किया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक एम्पावर्ड ग्रुप्स का अनुमान है कि दूसरी लहर के पीक पर जहां एक दिन में 4.14 लाख नए मरीज मिले थे, वहीं तीसरी लहर के पीक पर एक दिन में 6.21 लाख तक मरीज मिल सकते हैं।
एक दिन में सक्रिय मरीजों की संख्या 1 करोड़ तक पहुंच जाए तो जरूरतें क्या होंगी इसका खाका तैयार किया गया है। अनुमान के मुताबिक तब 69 हजार लोगों को आईसीयू बेड्स और 3.45 लाख लोगों को ऑक्सीजन बेड्स की जरूरत होगी। उपलब्ध संसाधनों के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हालात बिगड़ते हैं तो करीब 90 हजार ऑक्सीजन बेड कम पड़ेंगे।
अच्छी बात ये है कि इससे निपटने की तैयारी भी है। गुरुवार को कैबिनेट ने 23,130 करोड़ के जिस आपात फंड को मंजूरी दी है उससे होने वाले कामों में 20 हजार आईसीयू बेड बढ़ाना भी शामिल है। साथ ही 1500 ऑक्सीजन प्लांट्स के जरिये 4 लाख ऑक्सीजन बेड्स बढ़ाए जाएंगे। हालांकि बेड उपलब्धता का यही आंकड़ा दूसरी लहर में भी दिया गया था। ऑक्सीजन बेड की कमी फिर भी हो गई थी।
- दावा: 2.55 लाख बेड हैं, 90 हजार ही कम…4 लाख बढ़ा रहे…और सच्चाई: दूसरी लहर में एक दिन के सर्वाधिक 37.4 लाख सक्रिय मरीज 10 मई को थे। सरकारी आंकड़ों में तब भी 2.55 लाख ऑक्सीजन बेड उपलब्ध थे। 20% मरीजों यानी 7.49 लाख को अस्पताल और इसके 15% यानी 1.12 लाख को ऑक्सीजन बेड चाहिए थे। फिर भी हाहाकार मचा था।
12 लाख बच्चे बीमार हुए तो 3 हजार को हो सकता है एमआईएस-सी
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि 12 लाख बच्चे बीमार पड़ते हैं तो इसमें महज 5% यानी 60 हजार को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है। उनमें से भी 5% यानी तीन हजार को मल्टीसिस्टम इन्फ्लामेट्री सिंड्रोम (एमआईएस-सी) होने की आशंका है।
तीसरी लहर के लिए 2500 करोड़ की दवा खरीद होगी
अनुमान: सक्रिय मरीजों में 23% को अस्पताल की जरूरत होगी…दूसरी लहर में 15-20% ही थी
तीसरी लहर में केस तेजी से बढ़े तो सक्रिय मरीजों में से 23% को अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है। दूसरी लहर में 15-20% मरीजों को अस्पताल जाना पड़ा था। एक करोड़ सक्रिय मरीज हुए तो 23 लाख को अस्पताल की जरूरत पड़ेगी।
- 3% यानी 69 हजार को आईसीयू बेड की जरूरत होगी। अभी 75,867 आईसीयू बेड हैं।
- 15% यानी 3.45 लाख को ऑक्सीजन बेड की जरूरत होगी। आंकड़ों में देश में अभी 2.55 लाख ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं।
- 5% यानी 1.15 लाख को आइसोलेशन बेड की जरूरत होगी। देश में अभी 4.95 लाख आइसोलेशन बेड उपलब्ध हैं।
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