दिल्ली हाईकोर्ट में ट्विटर का हलफनामा: कंपनी ने कहा- शिकायत अधिकारी की नियुक्ति में 8 हफ्ते का वक्त लगेगा; पहली कंप्लायंस रिपोर्ट 11 जुलाई तक सबमिट करेंगे

दिल्ली हाईकोर्ट में ट्विटर का हलफनामा: कंपनी ने कहा- शिकायत अधिकारी की नियुक्ति में 8 हफ्ते का वक्त लगेगा; पहली कंप्लायंस रिपोर्ट 11 जुलाई तक सबमिट करेंगे

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नई दिल्ली43 मिनट पहले

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नए IT कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से जारी विवाद के बीच माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब पेश किया। ट्विटर ने कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया। इसमें कंपनी ने बताया कि भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति में 8 हफ्ते का वक्त लग सकता है।

इसके साथ कंपनी ने यह भी बताया कि भारत में एक ऑफिस स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है, जो इस मसले पर कोऑर्डिनेशन का काम करेगा। यहीं नए IT नियमों के तहत सभी काम किए जाएंगे। हाईकोर्ट में ट्विटर ने बताया कि नए IT नियमों के तहत 11 जुलाई तक पहली कंप्लायंस रिपोर्ट सबमिट कर दी जाएगी।

हाईकोर्ट ने मांगा था जवाब
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आप कानून नहीं लागू करते हैं तो हम आपको किसी तरह की सुरक्षा नहीं दे सकते। जस्टिस रेखा पिल्लई ने कहा था कि आप साफ जवाब के साथ आइए, वरना मुश्किल में पड़ जाएंगे। उन्होंने ट्विटर को 8 जुलाई तक का समय दिया था।

अंतरिम ऑफिसर की नियुक्ति नियमों के मुताबिक नहीं
ट्विटर के अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने 21 जून को अपना पद छोड़ दिया था। जिसके बाद ट्विटर ने कैलिफोर्निया स्थित जेरेमी केसल को भारत के लिए नया शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था। हालांकि, केसल की नियुक्ति नए IT नियमों के अनुरूप नहीं थी, क्योंकि इन नियमों में कहा गया है कि शिकायत निवारण अधिकारी सहित सभी नोडल अधिकारी भारत में होने चाहिए।

28 मई को दायर हुई याचिका
ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में 28 मई को एडवोकेट अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका में कहा गया है कि ट्विटर एक अहम सोशल मीडिया मीडिएटर है। इसलिए नए नियमों के प्रावधानों द्वारा उस पर लगाए गए वैधानिक कर्तव्यों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

ट्विटर ने लीगल शील्ड खोई
इससे पहले ट्विटर ने नए IT कानूनों का पालन नहीं करने की वजह से थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए लीगल शील्ड को खो दी थी। यानी सरकार की तरफ से उसे कंटेंट को लेकर किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। आसान शब्दों में कहा जाए तो अब ट्विटर के ऊपर IPC की धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस स्थिति के लिए ट्विटर खुद ही जिम्मेदार है।

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