भास्कर एक्सक्लूसिव: नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड के रिएक्शन में देरी से बच गई दरभंगा एक्सप्रेस, काजीपेट में ही ट्रेन को उड़ाने की थी साजिश

भास्कर एक्सक्लूसिव: नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड के रिएक्शन में देरी से बच गई दरभंगा एक्सप्रेस, काजीपेट में ही ट्रेन को उड़ाने की थी साजिश

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Bihar
  • NIA Revelas Acid Reaction Delayed Blast In Secunderabad Darbhanga Special Train At 17th June

पटना3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून की दोपहर 3:25 बजे जिस पार्सल में ब्लास्ट हुआ था, असल में उस ब्लास्ट की टाइमिंग और जगह आतंकियों ने कुछ और तय कर रखी थी। इनके टारगेट पर सिकंदराबाद से दरभंगा के बीच चलने वाली 07007 डाउन स्पेशल ट्रेन में सवार बेगुनाह पैसेंजर्स थे, जिन्हें आतंकवादी हमेशा के लिए मौत की नींद सुलाने वाले थे। मगर, इनकी प्लानिंग फेल हो गई।

पार्सल के अंदर रखे लिक्विड बम का ब्लास्ट तब हुआ, जब वो ट्रेन दरभंगा स्टेशन पहुंच चुकी थी। पार्सल को ट्रेन से उतारा जा चुका था। ट्रेन में सवार सारे पैसेंजर्स उतर चुके थे। इस दरम्यान किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन आतंकियों ने जो साजिश रच रखी थी अगर वो कामयाब हो जाती तो बड़ा नुकसान होता। काफी संख्या में ट्रेन में सफर कर रहे लोग मारे जाते।

सिकंदराबाद से 132 KM दूर काजीपेट जंक्शन था टारगेट
सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के मंसूबे खतरनाक थे। आतंकियों के फुलप्रुफ प्लान के तहत 15-16 जून की मध्य रात्रि को 07007 डाउन के पार्सल कोच में केमिकल ब्लास्ट होता। उससे चलती ट्रेन में आग लगती और फिर उस वक्त सो रहे पैसेंजर्स की जान चली जाती। इसके लिए आतंकियों ने सिकंदराबाद स्टेशन से 132 KM दूर काजीपेट जंक्शन को चुना था।

24 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर मामले की जांच करती NIA टीम।

24 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर मामले की जांच करती NIA टीम।

दरअसल, 15 जून की रात 10 बजकर 40 मिनट पर दरभंगा के लिए 07007 स्पेशल ट्रेन सिकंदराबाद से रवाना हुई थी। इस ट्रेन का पहला स्टॉपेज 132 KM दूर काजीपेट जंक्शन है। यहां यह ट्रेन 1 घंटे 54 मिनट के बाद यानी 16 जून को मध्य रात 12 बजकर 38 मिनट पर पहुंचती है। ठीक दो मिनट के बाद यह ट्रेन काजीपेट से 132 KM की दूरी पर स्थित रामागुंडम स्टशन के लिए बढ़ जाती है।

आतंकियों की प्लानिंग थी कि यह ब्लास्ट काजीपेट से खुलने के बाद हो जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वहां से 1781 KM दूर दरभंगा में ब्लास्ट हुआ। इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब NIA की टीम ने हैदराबाद से सगे भाई इमरान मलिक और नासिर मलिक को पकड़ा। फिर, बहुत सारी बातें उत्तर प्रदेश के शामली से पकड़े गए मो. सलीम और टेलर कफील से हुई पूछताछ में सामने आई।

समय पर एक-दूसरे से नहीं मिल पाया केमिकल
जिस पार्सल में ब्लास्ट हुआ था, उसके अंदर रखे शीशी की बोतल में लिक्विड बम था। NIA की पूछताछ में चारों आतंकियों से पता चला है कि इसे नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड से बनाया गया था। बोतल के अंदर इन दोनों ही एसिड के बीच में कागज की एक मोटी परत दी गई थी। मोटी परत वाला कागज समय पर जल जाता और दोनों केमिकल एक-दूसरे से मिल जाते तो ब्लास्ट तय समय के अनुसार हो जाता। फिर चलती ट्रेन के अंदर ब्लास्ट होता और जानमाल का बड़ा नुकसान होता।

17 जून को रेलवे स्टेशन पर जांच करते पुलिस अधिकारी।

17 जून को रेलवे स्टेशन पर जांच करते पुलिस अधिकारी।

सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी और कई नए व बड़े खुलासे हो सकते हैं। NIA पकड़े गए सभी आतंकियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। इसमें इमरान और नासिर का रिमांड NIA को मिल चुका है। अब सलीम उर्फ टुइंया और कफील का रिमांड मिलना बाकी है। इसके बाद जो पूछताछ होगी, उसमें बहुत कुछ सामने आने वाला है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *