उत्तराखंड LIVE: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजापुर पहुंचे, हो सकती है वापिसी

उत्तराखंड LIVE: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजापुर पहुंचे, हो सकती है वापिसी

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डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) द्वारा कल (02 जुलाई 2021) रात इस्तीफा देने के बाद से सियासी हलचत तेज हो गई है। राज्य को एक बार फिर से नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। इसको लेकर आज दोपहर 3 बजे विधान मंडल की बैठक बुलाई गई है। इसमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे। 

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजापुर गेस्ट हाउस पहुंचे। उन्होंने कहा, “विधानमंडल दल की बैठक होगी उसमें नेता चुना जाएगा। सूत्रों की मानें तो, त्रिवेंद्र सिंह रावत की वापिसी हो सकती है। यानी कि एक बार फिर उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है।

नया सीएम चुनने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर विधायकों से बात करेंगे। वे देहरादून में बीजापुर गेस्ट हाउस पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा, “आज पार्टी (BJP) ने 3 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है बैठक में हम सब विधायकों से बातचीत करेंगे, उनके मशवरे के बाद हम आगे का निर्णय लेंगे।

आज ही शपथग्रहण
बीजेपी विधायक दल की बैठक में वर्तमान विधायकों में से ही किसी को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में उत्तराखंड के नए सीएम को लेकर ऐलान होगा और आज ही शपथग्रहण होगा।

सीएम पद के लिए ये नाम आगे
तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद से ही धन सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम नए मुख्यमंत्री के लिए सामने आ रहा था। इनमें से फिलहाल सतपाल महाराज उत्तराखंड सरकार में पर्यटन, सांस्कृतिक और सिंचाई मंत्री है। वहीं अब इसमें दो और नाम सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, बिशन सिंह चुफाल या फिर त्रिवेंद्र सिंह रावत में से कोई एक उत्तराखंड का नया सीएम हो सकता है। 

बता दें कि, बिशन सिंह चुफाल डीडीहाट विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में सीएम पद से इस्तीफा दिया था। 

क्या बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत? 
सीएम तीरथ सिंह रावत द्वारा इस्तीफा दिए जाने को लेकर उत्तराखंड के पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि, यदि उन्होंने (तीरथ सिंह रावत) इस्तीफा नहीं दिया होता, तो इससे संवैधानिक संकट पैदा हो जाता।



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