लेडी कांस्टेबल का लुधियाना ब्लास्ट से लिंक: धमाके में मारे गए पुलिसवाले की गर्लफ्रेंड थी कमलजीत कौर, RDX किसने दिया, इसकी भी जांच

लेडी कांस्टेबल का लुधियाना ब्लास्ट से लिंक: धमाके में मारे गए पुलिसवाले की गर्लफ्रेंड थी कमलजीत कौर, RDX किसने दिया, इसकी भी जांच

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लुधियाना10 घंटे पहले

लुधियाना कोर्ट में हुए धमाके में एक लेडी कांस्टेबल का नाम सामने आया है। जांच कर रही पुलिस टीम ने बम धमाके में मारे गए बर्खास्त पुलिसवाले गगनदीप सिंह की गर्लफ्रेंड कमलजीत कौर को गिरफ्तार के किया है, जो कॉन्स्टेबल है। फिलहाल वह जिला पुलिस के एसपी हेडक्वार्टर की नायब रीडर के तौर पर तैनात है। साथ ही गगनदीप को ब्लास्ट के लिए आरडीएक्स किसने दिया, इसकी भी जांच की जा रही है।

बम फिट करने वाले से बढ़ती गईं नजदीकियां
सूत्रों के अनुसार, कोर्ट में बम फिट करते समय हुए धमाके में मारा गया गगनदीप अपनी पत्नी से विवाद होने के चलते कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर के साथ ही रह रहा था। साल 2019 में ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के समय गगनदीप सिंह भी पुलिस हेड कॉन्स्टेबल था। पुलिस महकमे में आठ साल की नौकरी के दौरान गगनदीप सिंह एसपी हेडक्वार्टर का रीडर भी रहा। उसी समय उसकी दोस्ती नायब रीडर के पद पर तैनात कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर से हुई।

ड्रग्स केस में पकड़े जाने के बाद दो साल जेल में गुजारने वाला गगनदीप इस साल 8 सितंबर को ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। तब से ही वह लेडी कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर के संपर्क में था।

गगनदीप की महिला मित्र को कोर्ट में पेश करने ले जाती पुलिस।

गगनदीप की महिला मित्र को कोर्ट में पेश करने ले जाती पुलिस।

मंदिरा दत्ता की कोर्ट में पेश हुए ड्रग्स तस्कर
इस बीच, धमाके की जांच कर रही टीम ने पंजाब के दो नामी 2 ड्रग्स तस्करों को शनिवार दोपहर 3 बजे लुधियाना कोर्ट में पेश किया। इनके नाम रणजीत सिंह उर्फ चीता और सुखविंदर सिंह हैं। लुधियाना जेल में बंद इन दोनों तस्करों को जांच टीम ने शनिवार सुबह ही प्रोडक्शन वारंट पर लिया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट मंदिरा दत्ता की अदालत में पेशी के बाद दोनों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया।

जांच एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि 54 साल का रणजीत सिंह उर्फ चीता ही वह शख्स है जिसने गगनदीप का संपर्क खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकियों से कराया। ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के बाद गगनदीप 2 साल लुधियाना जेल में रहा और वहीं रणजीत सिंह चीता के जरिये उसके आतंकियों से लिंक बने। रणजीत सिंह उर्फ चीता के साथ रिमांड पर लिए गए दूसरे तस्कर सुखविंदर सिंह की उम्र 39 साल है।

गगनदीप को RDX डिलीवर करने वाले की तलाश
जांच में स्पष्ट हो चुका है कि लुधियाना ब्लास्ट में RDX का इस्तेमाल किया गया। जांच एजेंसियां यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि जो बम ब्लास्ट हुआ, वह गगनदीप को किसने दिया? कितने और लोग इस मॉड्यूल का हिस्सा हैं? इस ब्लास्ट में कितना RDX इस्तेमाल हुआ? गगनदीप को उसकी डिलीवरी कहां से मिली? इस ब्लास्ट का मकसद क्या था? और गगनदीप किसके कहने पर बम फिट करने पहुंचा? पुलिस के अनुसार, 2019 में पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा ड्रग्स केस में पकड़े गए गगनदीप सिंह का केस लुधियाना कोर्ट में ही चल रहा है। इसकी हियरिंग 24 दिसंबर को ही लुधियाना कोर्ट परिसर में ग्राउंड फ्लोर पर लगने वाली अदालत में होनी थी। इस केस में गगनदीप 8 सितंबर 2021 को ही जमानत पर बाहर निकला था।

लुधियाना ब्लास्ट में आरोपी को कोर्ट में पेश करने ले जाती जांच टीम।

लुधियाना ब्लास्ट में आरोपी को कोर्ट में पेश करने ले जाती जांच टीम।

जांच के दायरे में सभी कॉल्स
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसियां और पंजाब पुलिस गगनदीप सिंह की पिछले 2 साल में हुई सभी कॉल्स की जांच कर रही है। उन सभी मोबाइल नंबरों को जांच के दायरे में ले लिया गया है जिनसे गगनदीप के नंबर पर कॉल आई या फिर उसने कॉल की। शुरुआती जांच में सामने आया है कि गगनदीप सिंह ने बहुत सारी कॉल्स व्हाट्सएप और मैसेंजर के जरिये की ताकि उन्हें ट्रेस न किया जा सके। पंजाब पुलिस ने दो दर्जन से ज्यादा फोन कब्जे में ले लिए हैं। इनकी जांच की जा रही है। यह फोन उन लोगों के हैं जिनसे गगनदीप सिंह की लंबी बातचीत होती थी। इनमें गगनदीप के साथ ड्रग्स केस में गिरफ्तार लोगों के फोन भी शामिल हैं।

आतंकी रिंदा से जुड़े हैं तार
अमृतसर जिले में अजनाला एरिया के लाधोके गांव का रणजीत सिंह उर्फ चीता खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा का पुराना साथी है। हरविंदर सिंह रिंदा इस समय पाकिस्तान में है और वहीं बैठकर पंजाब में ड्रग्स तस्करों और गैंगस्टरों के जरिए बम ब्लास्ट की प्लानिंग कर रहा है।

सितंबर में जमानत पर बाहर आने के बाद भी गगनदीप जेल में बैठे रणजीत सिंह के संपर्क में बना हुआ था। लुधियाना कोर्ट में बम धमाके से पहले भी उसने रणजीत सिंह के साथ बात की। उसके बाद बम फिट करते समय हुए ब्लास्ट में गगनदीप की ही मौत हो गई।

हेरोइन मंगवाने का मास्टरमाइंड है चीता
भारत-पाक इंटरनेशनल बॉर्डर के नजदीक पड़ते लाधोके गांव के रणजीत सिंह उर्फ चीता के पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी संगठनों और वहां के ड्रग तस्करों से पुराने संबंध हैं। चीता ने ही 2019 में पाकिस्तान से 532 किलो हेरोइन मंगवाई थी। लगभग 2700 करोड़ रुपए की यह हेरोइन पाकिस्तान के रास्ते आने वाले अफगानिस्तान के नमक की बोरियों में छिपाकर भेजी गई।

29 जुलाई 2019 को अटारी बॉर्डर पर कस्टम की जांच के दौरान हेरोइन की यह खेप पकड़ी गई। उस समय तक यह देश में पकड़ी गई हेरोइन की सबसे बड़ी खेप थी। इसके साथ 52 किलो अन्य नशीला पदार्थ भी बरामद हुआ। यह हेरोइन नमक की जिस कन्साइनमेंट के साथ आई, वह अमृतसर के एक व्यापारी ने मंगवाई थी। इसका मामला चंडीगढ़ स्थित NIA कोर्ट में चल रहा है जहां रणजीत सिंह उर्फ चीता आरोपी है।

NIA व हरियाणा-पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाही
हेरोइन की 532 किलो की खेप पकड़े जाने के बाद इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने अपने हाथ में ले ली। NIA टीम ने ही पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर रणजीत सिंह उर्फ चीता को 2019 में हरियाणा के सिरसा से गिरफ्तार किया था। तीनों के ज्वाइंट ऑपरेशन में रणजीत सिंह उर्फ चीता अपने भाई गगन के साथ सिरसा जिले में बेगू गांव के एक मकान से पकड़ा गया। इन दोनों की मदद करने वाले बेगू गांव के गुरमीत सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

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