उत्तराखंड कांग्रेस की कलह खत्म: राहुल से मिलने के बाद कैंपेन कमेटी के चीफ बने हरीश रावत; बोले- कांग्रेस के गीत गाए जा

उत्तराखंड कांग्रेस की कलह खत्म: राहुल से मिलने के बाद कैंपेन कमेटी के चीफ बने हरीश रावत; बोले- कांग्रेस के गीत गाए जा

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नई दिल्ली40 मिनट पहले

कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ दो दिन पहले बगावत करने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सुर बदल गए हैं। शुक्रवार को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ हुई मीटिंग के बाद रावत के चेहरे पर खुशी नजर आई। कांग्रेस हाईकमान ने रावत को आगामी विधानसभा चुनाव में कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया है।

राहुल से मुलाकात के बाद रावत जब मीडिया से मिले तो बदले-बदले से नजर आए। रावत ने गाते हुए कहा, ‘कदम-कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा, ये जिंदगी उत्तराखंड के वास्ते, उत्तराखंड पर लुटाए जा।’ उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के गीत गाएंगे और उत्तराखंड पर जिंदगी लुटाएंगे।

रावत ने कहा कि उत्तराखंड के प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर हमारे नेता राहुल गांधी के साथ सभी की बैठक हुई थी, इसमें मुझे चुनाव में कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है।

CM चेहरे पर अब भी असमंजस
कांग्रेस हाईकमान ने हालांकि रावत को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बना दिया, लेकिन मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अभी भी असमंजस वाली स्थिति है। रावत से जब इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, कांग्रेस में एक विशेषाधिकार हमेशा कांग्रेस प्रेसिडेंट के पास रहा है, वे बाद में नेता तय करते हैं। हरीश रावत ने कहा कि मेरे हर कदम से भाजपा का नुकसान होता है। हाईकमान से मिलने के बाद अब कोई शिकवा नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चुनाव के दौरान मैं कांग्रेस पार्टी का चेहरा रहूंगा।

राहुल गांधी से मीटिंग के लिए जाते उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश के अन्य नेता।

राहुल गांधी से मीटिंग के लिए जाते उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश के अन्य नेता।

क्या कहा था रावत ने?
सोशल मीडिया पर दो दिन पहले हरीश रावत की पोस्ट के बाद उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक बवाल मच गया था। इस बात की अटकलें शुरू हो गई थीं कि उत्तराखंड में चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल रावत के ट्वीट का लब्बोलुआब यही था कि वे पार्टी आलाकमान की मनमानी से नाराज हैं और जल्द ही कोई बड़ा फैसला (पार्टी छोड़ने का) कर सकते हैं।

रावत ने ट्वीट में लिखा था- है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!

राहुल की रैली में हुआ था विवाद
16 दिसंबर को देहरादून के परेड ग्राउंड मैदान में राहुल गांधी की रैली हुई थी। उस रैली में हरीश रावत राहुल गांधी के लिए कुर्सी लेकर गए, लेकिन उस कुर्सी को राहुल गांधी ने झटक दिया था। इसके पहले हरीश रावत के बेहद करीबी कांग्रेसी राजीव जैन मंच का संचालन कर रहे थे। राहुल के आने से ठीक पहले राजीव जैन ने मंच से हरीश रावत के लिए नारे लगवा दिए, जिससे प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव नाराज हो गए। यादव ने फौरन राजीव को मंच संचालन से हटा दिया और किसी और को यह जिम्मेदारी दी गई।

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