शहीद कुलदीप की विदाई रुला गई: आखिरी वक्त पत्नी ने खुद को संभाला; चिता जलते ही जय हिंद का नारा लगाते हुए चीखी- कुलदीप I LOVE YOU

शहीद कुलदीप की विदाई रुला गई: आखिरी वक्त पत्नी ने खुद को संभाला; चिता जलते ही जय हिंद का नारा लगाते हुए चीखी- कुलदीप I LOVE YOU

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घरड़ाना (झुंझुनूं)4 मिनट पहलेलेखक: सतवीर सिंह/ध्वज आर्य

तमिलनाडु हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह राव का शनिवार को राजस्थान के झुंझुनू में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हुआ। घरों की छतों से लेकर सड़कें तक लोगों से पट गईं। सम्मान में तिरंगा लहराया, नारे लगे… पर एक चीख सबको रुला गई। ये चीख थी कुलदीप की पत्नी यश्विनी की।

कुलदीप की पार्थिव देह दिल्ली से एयरफोर्स के विमान में आई। पत्नी यश्विनी और कुलदीप की बहन भी साथ ही आए। यश्विनी ने कुलदीप की तस्वीर सीने से लगा रखी थी। सेना के ट्रक में रखी पार्थिव देह को एकटक देखती रही। सास आई तो उन्हें सीने से लगाकर ढांढस बंधाया। मां ने भी बेटे की तस्वीर को चूमा और सैल्यूट किया।

यश्विनी चुप रही, कुछ नहीं बोली… कुलदीप की ओर देखती रही। चिता को मुखाग्नि दी गई और जय हिंद का जयघोष गूंजने लगा। यश्विनी भी शहीद पति को सैल्यूट करते हुए जय हिंद के नारे लगा रही थी, पर अचानक चीखते हुए बोली- I LOVE YOU कुलदीप। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं।

यश्विनी की ये चीख हर दिल को भेद गई। आसपास खड़े लोगों ने उन्हें संभाला, पर पति की चिता पर यश्विनी का ये रुदन गूंजता ही रहा- कुलदीप, आई लव यू।

कुलदीप सिंह राव का पार्थिव शरीर गांव लाते समय उनकी पत्नी एकटक देखती रही। दोनों हाथों से उनकी तस्वीर को सीने से लगाए रखा।

कुलदीप सिंह राव का पार्थिव शरीर गांव लाते समय उनकी पत्नी एकटक देखती रही। दोनों हाथों से उनकी तस्वीर को सीने से लगाए रखा।

मां भी लगाती रही जय हिंद के नारे, दुधमुंहे बच्चे लेकर मोक्षधाम पहुंची महिलाएं
कुलदीप की मां ने बेटे की तस्वीर को चूमा। आंखों में आंसू भरे थे, लेकिन देश के लिए बेटे के फर्ज का अहसास भी था। लगातार नारे लगाती रही- जय हिंद। शहीद की अंत्येष्टि में महिलाएं भी शामिल हुईं, अपने दुधमुंहे बच्चों के साथ। राजस्थान और खासकर शेखावाटी में अब ये परंपरा बन गई है कि महिलाएं भी शहीद की अंत्येष्टि में शामिल हो रही हैं।

शहीद कुलदीप सिंह राव की मां नारे लगाती रही।

शहीद कुलदीप सिंह राव की मां नारे लगाती रही।

बहन ने माता-पिता को संभाला, हाथ थामे रही
बहन भी दिल्ली से अपने भाई कुलदीप के पार्थिव शरीर के साथ गांव पहुंची। यहां मां-बाप को हिम्मत दी। घर से जब कुलदीप का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तो बेटी ने अपने पिता को संभाला। वे पूरे रास्ते अपने पिता का हाथ थामे चलती रहीं।

घर पहुंचने पर कुलदीप के मां-बाप ने भी श्रद्धांजलि दी।

घर पहुंचने पर कुलदीप के मां-बाप ने भी श्रद्धांजलि दी।

जनसैलाब उमड़ा, छतों पर पैर रखने की जगह नहीं
हवाई पट्‌टी से लेकर गांव तक लोगों का जनसैलाब दिखा। गांव से अंतिम यात्रा गुजरी। लोगों ने फूल बरसाए। छतों पर खड़े लोग अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए इंताजर कर रहे थे। हालात ये थे कि पैर रखने की जगह नहीं थी। गांव के चौक में शहीद कुलदीप सिंह का अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम सफर में ग्रामीण तिरंगा हाथ में लेकर चल रहे थे।

अंतिम सफर में ग्रामीण तिरंगा हाथ में लेकर चल रहे थे।

अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़े थे। छतों पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी।

अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़े थे। छतों पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी।

कुछ और फोटोज में देखिए शहीद कुलदीप का सफर

हवाई पट्‌टी पर पार्थिव शरीर पहुंचने पर श्रद्धांजलि दी गई।

हवाई पट्‌टी पर पार्थिव शरीर पहुंचने पर श्रद्धांजलि दी गई।

अपनी सास को हिम्मत बंधाते हुए बहू यश्विनी।

अपनी सास को हिम्मत बंधाते हुए बहू यश्विनी।

शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगों का जनसैलाब उमड़ा।

शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगों का जनसैलाब उमड़ा।

शहीद की अंतिम यात्रा में साथ-साथ रही पत्नी।

शहीद की अंतिम यात्रा में साथ-साथ रही पत्नी।

अंतिम दर्शन के लिए आस-पास गांव के लोग भी मौजूद रहे।

अंतिम दर्शन के लिए आस-पास गांव के लोग भी मौजूद रहे।

शहीद की पत्नी की ओर से उन्हें आखिरी सैल्यूट किया गया।

शहीद की पत्नी की ओर से उन्हें आखिरी सैल्यूट किया गया।

जब वे वहां से निकली तो मौजूद लोगों ने जय हिंद के नारे लगाए। इस पर पर उन्होंने लोगों को सैल्यूट कर जय हिंद कहा।

जब वे वहां से निकली तो मौजूद लोगों ने जय हिंद के नारे लगाए। इस पर पर उन्होंने लोगों को सैल्यूट कर जय हिंद कहा।

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