जनरल रावत का दिसंबर से है अहम कनेक्शन: सेना में अधिकारी बनने से हादसे तक, हर बड़े मौके में शामिल रहा है साल का आखिरी महीना

जनरल रावत का दिसंबर से है अहम कनेक्शन: सेना में अधिकारी बनने से हादसे तक, हर बड़े मौके में शामिल रहा है साल का आखिरी महीना

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5 मिनट पहले

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जनरल रावत का दिसंबर से है अहम कनेक्शन: सेना में अधिकारी बनने से हादसे तक, हर बड़े मौके में शामिल रहा है साल का आखिरी महीना

भारतीय सेना के सर्वोच्च अधिकारी जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के जंगलों में क्रैश हो गया। जनरल रावत की जिंदगी में साल का आखिरी महीना यानी महज इस हादसे के कारण ही अहम नहीं है बल्कि उनके सेना में अधिकारी बनने से लेकर हादसे तक हर बड़े मौके का ‘दिसंबर कनेक्शन’ रहा है।

16 दिसंबर को बने थे सेना में अधिकारी
उत्तराखंड निवासी जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को हुआ था। नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन दिया गया था। उन्हें सेना में 16 दिसंबर, 1978 को सेना की 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन मिला था। इसी यूनिट में उनके पिता को भी सेना में कमीशन मिला था। यह पहला मौका था, जब साल का आखिरी महीना उनकी अहम उपलब्धियों का हिस्सा बना था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद ये फोटो ट्वीट कर दुख जताया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद ये फोटो ट्वीट कर दुख जताया है।

16 दिसंबर को ही बने लेफ्टिनेंट और इसी दिन बने मेजर
इसके बाद 16 दिसंबर, 1980 को जनरल बिपिन रावत को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर प्रमोट किया गया। इसके 9 साल बाद एक बार फिर दिसंबर का महीना लकी रहा और वे 16 दिसंबर, 1989 को कैप्टन से मेजर के पद पर प्रमोशन दिया गया।

दिसंबर में ही मिला था कमांडर ग्रेड में प्रमोशन
जनरल रावत को उनके करियर में शानदार उपलब्धियों के बाद आर्मी कमांडर ग्रेड में प्रमोशन दिया गया। इस प्रमोशन की घोषणा भी 2015 में दिसंबर महीने में ही की गई थी। हालांकि उन्होंने कमांडर ग्रेड में अपनी पहली पोस्टिंग के तौर पर सदर्न कमांड के GOC के तौर पर 1 जनवरी, 2016 से काम शुरू किया था।

बहुत सारे अहम अभियान जनरल बिपिन रावत के करियर का हिस्सा रहे हैं।

बहुत सारे अहम अभियान जनरल बिपिन रावत के करियर का हिस्सा रहे हैं।

सितंबर में बने वाइस चीफ और दिसंबर में बने सेना प्रमुख
सदर्न कमांड के GOC के तौर पर जनरल रावत का कार्यकाल महज 8 महीने का रहा और 1 सितंबर, 2016 को उन्हें वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (उप सेना प्रमुख) पद पर प्रमोशन मिल गया।

लेकिन महज दो महीने बाद ही जब दिसंबर का महीना आया तो जनरल रावत के लिए साल का यह आखिरी महीना फिर से लकी रहा और 17 दिसंबर, 2016 को उन्होंने भारतीय सेना प्रमुख (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) के पद पर प्रमोट किया गया। हालांकि यह जिम्मेदारी उन्होंने जनरल दलबीर सिंह के 31 दिसंबर को रिटायर होने पर 1 जनवरी, 2017 से संभाली।

देश के पहले CDS भी दिसंबर में ही बने
जनरल रावत को देश का पहला CDS यानी तीनों सेनाओं के प्रमुख के तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने का भी मौका मिला। देश की इस सर्वोच्च सैन्य नियुक्ति पर जनरल रावत को तैनात करने की घोषणा भारत सरकार ने 30 दिसंबर, 2019 को यानी उनके सेना प्रमुख पद से
रिटायरमेंट से महज एक दिन पहले की। उन्होंने CDS के तौर पर 31 दिसंबर को सेना प्रमुख के पद से रिटायरमेंट के तत्काल बाद ही काम करना शुरू कर दिया था।

इसी हेलिकॉप्टर हादसे ने CDS जनरल बिपिन रावत को देश से छीन लिया है।

इसी हेलिकॉप्टर हादसे ने CDS जनरल बिपिन रावत को देश से छीन लिया है।

अब जिंदगी की आखिरी घड़ी भी दिसंबर महीने में
जनरल रावत की अहम उपलब्धियों के बीच सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पल भी दिसंबर महीने में ही आया। बुधवार यानी 8 दिसंबर को जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर क्रैश में 12 सैन्य अधिकारियों के साथ मौत हो गई है।

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