आज का इतिहास: पहली बार जहरीले इंजेक्शन से दी गई सजा-ए-मौत, दवाओं के कॉकटेल का किया गया था इस्तेमाल

आज का इतिहास: पहली बार जहरीले इंजेक्शन से दी गई सजा-ए-मौत, दवाओं के कॉकटेल का किया गया था इस्तेमाल

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6 मिनट पहले

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आज का इतिहास: पहली बार जहरीले इंजेक्शन से दी गई सजा-ए-मौत, दवाओं के कॉकटेल का किया गया था इस्तेमाल

आज ही के दिन 1982 में, चार्ल्स ब्रूक्स जूनियर जहरीले इंजेक्शन से मौत की सजा पाने वाले पहले व्यक्ति बने थे। अमेरिका के टेक्सास शहर में दवाओं के कॉकटेल को ब्रूक्स के शरीर में डाला गया, जिससे उनका दिमाग और शरीर सुन्न पड़ गए, वह पैरालाइज हो गए और दिल की धड़कनों के रुकने से उनकी मौत हो गई। जहरीले इंजेक्शन के जरिए हुई इस पहली मौत ने इस बात को लेकर आम लोगों और डॉक्टरों के बीच बहस छेड़ दी थी कि क्या मौत की सजा देने की यह प्रक्रिया मानवीय है या नहीं? हालांकि जहरीले इंजेक्शन से मौत की सजा देने का सिलसिला आज भी जारी है।

चार्ल्स ब्रूक्स को एक ऑटो मैकेनिक डेविड ग्रेगरी की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में ब्रूक्स के साथ ही वुडी लाउड्रेस को भी मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन बाद में लाउड्रेस की सजा कम हो गई, लेकिन चार्ल्स ब्रूक्स की मौत की सजा बरकरार रही। हालांकि इस घटना से जुड़ा हथियार कभी बरामद नहीं हो सका और अधिकारियों ने कभी यह निर्धारित नहीं किया कि ग्रेगरी को किसने गोली मारी।

जहरीले इंजेक्शन को फांसी की अन्य विधियों, जैसे गैस, बिजली के झटके या लटकाने की तुलना में अधिक मानवीय माना जाता था। इसके पीछे तर्क ये था कि इस इंजेक्शन में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में से एक से गहरी बेहोशी आ जाती है, इससे मरने वाले को दर्द नहीं होता। हालांकि नैतिकता का उल्लंघन मानते हुए कई डॉक्टर जहरीले इंजेक्शन के विरोध में थे लेकिन इसके बावजूद इसे स्वीकार्य माना गया।

1972: अंतरिक्ष से ली गई पृथ्वी की सबसे सुंदर तस्वीर

7 दिसंबर 1972 को नासा के आखिरी मैन्ड मिशन अपोलो-17 के क्रू ने स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी की सबसे शानदार तस्वीर खींची थी। इस शानदार तस्वीर को “ब्लू मार्बल” कहते हैं। इस तस्वीर के खास होने की एक विशेष वजह थी-दरअसल, ये पहली बार था जब पृथ्वी की किसी तस्वीर में साउथ पोल भी नजर आया था। हालांकि, ये पूरा बादलों से ही घिरा दिख रहा था। लेकिन अफ्रीका इसमें एकदम साफ नजर आ रहा था।

नासा के चांद पर उसके आखिरी मैन्ड मिशन “अपोलो-17″ के क्रू में यूजेन सेरनान, रोनाल्ड इवांस और हैरिसन श्मिट थे शामिल। इसी क्रू ने ”ब्लू मार्बल” नाम से पृथ्वी की सबसे सुंदर तस्वीर खींची थी।

नासा के अपोलो-17 क्रू द्वारा खींची गई पृथ्वी की खूबसूरत ब्लू मार्बल तस्वीर (साभार: NASA)

नासा के अपोलो-17 क्रू द्वारा खींची गई पृथ्वी की खूबसूरत ब्लू मार्बल तस्वीर (साभार: NASA)

नासा ने इस तस्वीर का क्रेडिट अपोलो-17 की क्रू को दिया था। खास बात ये है कि ये तस्वीर अपोलो-17 मिशन लॉन्च होने के 5 घंटे 6 मिनट बाद ही खींची गई थी। इस तस्वीर को 70 मिमी के हेसलब्लेड कैमरे से लिया गया था, जिसमें 80 मिमी का लेंस लगा था। तस्वीर लेने से दो दिन पहले ही 5 दिसंबर को तमिलनाडु में एक साइक्लोन भी आया था और इस तस्वीर में वो भी दिख रहा था।।

नासा ने लॉन्च की थी ATS-1 सैटेलाइट

नासा ने 7 दिसंबर 1966 को ATS-1 सैटेलाइट लॉन्च की थी। इस सैटेलाइट में ब्लैक एंड व्हाइट वेदर कैमरा फिट किया गया था, जिसने पृथ्वी और चांद की साथ में तस्वीर ली थी। ये ऐसी पहली तस्वीर है, जिसमें पृथ्वी और चांद साथ में दिख रहे थे। ATS-1 ने जब ये तस्वीर क्लिक की थी, तब वह पृथ्वी से करीब 35,888 किमी और चांद से 4.34 लाख किमी दूर था। पृथ्वी और चांद की साथ में ये तस्वीर 22 दिसंबर 1966 को मिली थी। 12 साल तक काम करने के बाद 1 दिसंबर 1978 को ATS-1 डिएक्टिवेट हो गया। हालांकि, इसका कम्युनिकेशन हार्डवेयर 1985 तक काम करता रहा।

भारत और दुनिया में 7 दिसंबर के दिन को और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2009: डेनमार्क के कोपेनहेगन में जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू हुआ।

2008: भारतीय गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने जापान टूर का ख़िताब जीता।

2008: हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने चन्द्रमोहन को मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किया।

2002: तुर्की की आजरा अनिन मिस वर्ल्ड बनीं।

2001: तालिबान ने कई दिनों तक चली लड़ाई के बाद अफगानिस्तान के कंधार पर कब्जा छोड़ा।

1988: आर्मेनिया में आए 6.9 तीव्रता वाले भूकंप से 25 हजार लोगों की मौत, लाखों बेघर।

1995: भारत ने संचार उपग्रह इनसेट-2सी का प्रक्षेपण किया।

1992: दक्षिण अफ्रीका की धरती पर पहली बार कोई वनडे मैच खेला गया।

1949: भारतीय सशस्‍त्र बल फ्लैग डे मनाया जाता है।

1941: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आज ही के दिन जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हवाई हमला किया।

1889: दुनिया में मौजूदा रूप की पहली गाड़ी बनाई गई।

1856: देश में पहली बार आधिकारिक रूप से ‘हिंदू विधवा’ का विवाह कराया गया।

1825: भाप से चलने वाला पहला जहाज ‘इंटरप्राइज’ कोलकाता पहुंचा।

खबरें और भी हैं…

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