अटारी बॉर्डर पर फंसे 99 पाक हिंदू नागरिक: महिला ने दिया बच्चे को जन्म, परिस्थितियों से जूझने के कारण बच्चे का नाम रख दिया ‘बॉर्डर’
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अमृतसरएक घंटा पहले
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पाकिस्तानी नागरिक बालम राम बेटे बॉर्डर के साथ।
कोरोना से पहले अपने रिश्तेदारों को मिलने और हिंदू मंदिरों के दर्शन के लिए पहुंचा 99 लोगों का दल ढाई महीने से अटारी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है। डेरे में 2 दिसंबर को एक बच्चे ने जन्म लिया। घर में बेटा आने की खुशी के बावजूद सीमा पर समस्याओं से जूझ रहे परिवार ने उसका नाम बॉर्डर रख दिया है। सभी पाकिस्तानी नागरिक वीजा की अवधि खत्म होने और जरूरी दस्तावेजों की कमी के कारण पाकिस्तान नहीं जा पा रहे हैं।
बच्चे के पिता पाकिस्तान के रहमिया के गांव राजनपुरा निवासी बालम राम ने बताया कि 2 दिसंबर को उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। उन्होंने आसपास के गांव के लोगों से मदद ली। लोगों ने उनकी पत्नी को मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई। पराए देश और बॉर्डर पर परिस्थितियों को देख उन्होंने अपने बेटे का नाम ही बॉर्डर रखने का फैसला लिया। बालम राम ने बताया कि उनका बेटा बड़ा होकर बॉर्डर नाम के बारे में पूछेगा, लेकिन वह इसके लिए तैयार हैं। उसे भी पता चलना चाहिए कि उसका जन्म किन परिस्थतियों में और कहां हुआ।
25 दिन का मिला था वीजा, एजेंट ने दी वैलिडिटी की गलत जानकारी
डेरे में रह रहे लोगों ने बताया कि पाकिस्तान में एजेंटों की गलती के कारण आज सभी यहां फंसे हैं। उनके पासपोर्ट पर 25 दिन का वीजा लगाया था, इसकी वैलिडिटी 3 महीनों की थी। लेकिन एजेंट ने उन्हें गलत जानकारी देकर बता दिया कि वीजा तीन महीने का है। तीन महीने पूरे होने के बाद जब वापस जाने का समय आया तो उन्हें जाने नहीं दिया। इसके बाद सभी राजस्थान अपने रिश्तेदारों के पास चले गए।
दस्तावेज पूरे नहीं, इसलिए नहीं जा पा रहे पाकिस्तान
बालम राम ने बताया कि इमिग्रेशन अधिकारी दस्तावेज पूरे ना होने के कारण उन्हें पाकिस्तान नहीं जाने दे रहे। अब उनके घर बॉर्डर का जन्म हो गया है। इसलिए अब उसके दस्तावेज और सर्टिफिकेट और पासपोर्ट भी उन्हें बनवाना होगा। इसके बाद ही पूरा परिवार पाकिस्तान जा पाएगा।
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