कोरोना के अफ्रीकी वैरिएंट की 10 बड़ी बातें: भारत में दूसरी लहर के दौरान मिले डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है मल्टीपल म्यूटेशन वाला कोविड स्ट्रेन
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नई दिल्ली2 मिनट पहले
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दक्षिण अफ्रीका में मिले मल्टीपल म्यूटेशन वाले कोरोना वैरिएंट को लेकर दुनियाभर के देश डर गए हैं। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज ने बताया- देश में इस वैरिएंट के अब तक 22 केस मिले हैं। वैज्ञानिकों ने इसे B.1.1.529 नाम दिया है। इसे वैरिएंट ऑफ सीरियस कंसर्न बताया है।
उधर, WHO में कोरोना मामले की टेक्निकल चीफ डॉ. मारिया वान केरखोव ने कहा- हमें इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। मल्टीपल म्यूटेशन की वजह से वायरस के बिहेवियर में बदलाव हो रहा है और यह चिंता की बात है।
अकेले दक्षिण अफ्रीका में पिछले एक हफ्ते में इस वैरिएंट की वजह से कोरोना के 210% नए मरीज बढ़ गए हैं। कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका समेत जिन देशों में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां से आने वाली फ्लाइट्स और यात्रियों को लेकर सख्ती बढ़ा दी है।
भारत ने भी दक्षिण अफ्रीका, इजराइल, हॉन्गकॉन्ग और बोत्सवाना से आने वाले यात्रियों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मल्टीपल म्यूटेशन वाला कोविड स्ट्रेन भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मिले डेल्टा वैरिएंट से भी कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है। पढ़ें, इस स्ट्रेन से जुड़ी 10 बड़ी बातें..
1. स्पाइक प्रोटीन पर 30 बार म्यूटेट हो रहा नया वैरिएंट
एक्सपर्ट्स का मानना है कि दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट (B.1.1.529) 50 बार म्यूटेट हो रहा है, जिसमें यह अकेले स्पाइक प्रोटीन पर 30 बार म्यूटेट होकर हमला कर रहा है। कोरोना के अधिकांश वैक्सीन इसी स्पाइक प्रोटीन की सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं। एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर रीसर्च कर रहे हैं कि नया वैरिएंट क्या डेल्टा या पहले के अन्य स्ट्रेन्स से भी ज्यादा खतरनाक तो नहीं है?
कोरोनावायरस की बाहरी सतह पर क्राउन (मुकुट) की तरह दिखने वाला जो हिस्सा होता है, यहां से वायरस प्रोटीन को निकालता है। इसे स्पाइक प्रोटीन कहते हैं। इसी प्रोटीन से संक्रमण की शुरुआत होती है। यह इंसान के एंजाइम एसीई2 रिसेप्टर से जुड़कर शरीर तक पहुंचता है और फिर अपनी संख्या बढ़ाकर संक्रमण को बढ़ाता है।
2. रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन पार्ट में 10 म्यूटेशन सामने आए
दक्षिण अफ्रीका में मिले B.1.1.529 वैरिएंट के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन पार्ट में 10 म्यूटेशन सामने आए हैं, जबकि डेल्टा वैरिएंट में महज दो म्यूटेशन हुए थे। हालांकि यह नया वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट में म्यूटेशन के बाद सामने आए डेल्टा प्लस वैरिएंट की तरह घातक है या नहीं, ये अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन हुआ था, जिसकी वजह से ये वैरिएंट इम्यून सिस्टम को बाईपास कर देता था और यही बात इसे घातक बनाती थी।
3. एड्स रोगी में डेवलप हुआ होगा नया स्ट्रेन
लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक फ्रेंकोइस बॉलौक्स ने कहा कि B.1.1.529 वैरिएंट संभवतः एचआईवी / एड्स रोगी में डेवलप हुआ होगा, जिसका इलाज नहीं हुआ हो। नए स्ट्रेन के ऑरिजिन को लेकर अभी अटकलें हैं, लेकिन यह किसी एक व्यक्ति से ही विकसित हुआ हो सकता है।
4. पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोग हुए संक्रमित
B.1.1.529 वैरिएंट इस हफ्ते पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया। इसके बाद यह बोत्सवाना सहित आस-पास के देशों में फैल गया है। यहां पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोग इससे संक्रमित हो गए हैं। बोत्सवाना में जहां इसके 4 केस सामने आए हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका में नए वैरिएंट से जुड़े 100 से अधिक मामले देखे गए हैं।
5. इस वैरिएंट के दो मरीज हॉन्गकॉन्ग में सामने आ चुके
इसी तरह इस वैरिएंट के दो मरीज हॉन्गकॉन्ग में सामने आ चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका के इन यात्रियों को फाइजर की वैक्सीन दी जा चुकी है। इन्हें अलग-अलग कमरों में आइसोलेट किया गया था। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ एरिक फीगल-डिंग ने बताया कि इनके सैंपल में PCR टेस्ट वैल्यू 18 और 19 है जिसका वायरल लोड बहुत ज्यादा था। हालांकि इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई।
6. नए वैरिएंट के हवा में भी फैलने का खतरा है
मरीजों के अलग-अलग कमरों में रहने के कारण नए वैरिएंट के हवा में भी फैलने का खतरा है। डॉ. फीगल डिंग ने बताया कि होटल में मौजूद अन्य मेहमानों को इनसे काफी दूर रखा गया है। इनवायरमेंटल सेंपल में दोनों कमरों में 87 में से 25 स्वाब में वायरस पाया गया।
7. यूरोप ने भी दक्षिण अफ्रीका पर लगाए यात्रा प्रतिबंध
यूरोप में भी इस वैरिएंट को लेकर सख्ती बरती जा रही है। ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, जर्मनी, इटली और नीदरलैंड ने शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया। कुछ यूरोपीय देशों ने बोत्सवाना, इस्वातिनी (स्वाजीलैंड), लेसोथो, नामीबिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे से उड़ानें भी सस्पेंड कर दी हैं।
8. ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका समेत 7 देशों पर बैन लगाए
ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका के अलावा 6 और देशों को रेड लिस्ट में शामिल किया है। यूके ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले यात्रियों पर यात्रा प्रतिबंध लागू किए हैं। हालांकि, ब्रिटेन में अब तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है।
9. फ्रांस, सिंगापुर और इजराइल ने भी प्रतिबंध लगाए
फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरन ने कहा कि फ्रांस ने 48 घंटे के लिए दक्षिणी अफ्रीका से आने वाली सभी उड़ानों पर रोक लगा दी है। इजराइल ने कहा है कि उसने बड़ी संख्या में म्यूटेट हो रहे एक कोरोना वैरिएंट की पहचान की है। मलावी से लौटे एक व्यक्ति में इसके लक्षण पाए गए हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक दो लोगों को क्वारैंटाइन में रखा गया था। इजराइल, सिंगापुर, जर्मनी और इटली ने भी दक्षिण अफ्रीकी विमानों पर रोक लगा दी है।
10. दक्षिण अफ्रीका आने-जाने पर जर्मनी ने बैन लगाया
जर्मनी ने भी साउथ अफ्रीका आने-जाने वाले नागरिकों के ट्रैवल पर बैन लगाने का फैसला किया है। जर्मनी के हेल्थ मिनिस्टर जेंस स्पॉन ने शुक्रवार को कहा- नए नियम शुक्रवार रात से लागू होंगे, अफ्रीका के आस-पास के देशों पर भी ट्रैवल बैन लगाया जा सकता है। वैक्सीन लगे होने के बावजूद जर्मनी के नागरिकों को देश पहुंचने पर 14 दिनों तक क्वारैंटाइन में रहना होगा।
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