टमाटर की बढ़ती कीमतों से राहत नहीं: दो महीने तक टमाटर के दाम नहीं घटेंगे, रिपोर्ट में ज्यादा बारिश को बताया महंगा होने की वजह
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नई दिल्ली29 मिनट पहले
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सब्जियों की महंगाई अभी थमने वाली नहीं है। खासतौर पर टमाटर को लेकर अभी 2 महीने और लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है। इसकी वजह ज्यादा बारिश बताई जा रही है। क्रिसिल रिसर्च की रिपोर्ट में सामने आया है कि टमाटर की खेती करने वाले बड़े राज्यों में से एक कर्नाटक में बारिश के कारण स्थिति इतनी खराब है कि वहां भी सब्जियों को महाराष्ट्र के नासिक से मंगाना पड़ रहा है।
कर्नाटक में सामान्य से 105% ज्यादा बारिश हुई है। वहीं, आंध्रप्रदेश में सामान्य से 40% और महाराष्ट्र में 22% ज्यादा बारिश हुई है। ये राज्य अक्टूबर से दिसंबर के बीच मेन सप्लायर के रूप में सामने आए हैं।
142% तक बढ़ गईं हैं टमाटर की कीमतें
25 नवंबर को कीमतों में 142% की बढ़ोतरी हुई है। जनवरी से मध्य प्रदेश और राजस्थान में फसल आना शुरू होगी। तब तक कीमतें बढ़ती रहेंगी। उम्मीद है कि नई फसल आने के बाद टमाटर के रेट में 30% की गिरावट आएगी। देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में टमाटर के दाम 70 से 90 रुपए तक पहुंच गए हैं। शादियों के मौसम में मांग बढ़ने के चलते भी इसके भाव कम नहीं होंगे।
प्याज के दाम में आ सकती है गिरावट
हरियाणा से प्याज की नई सप्लाई अगले 10 से 15 दिनों के समय में नई सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में गिरावट आएगी। वहीं आलू की कीमतों के लिए रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और गुजरात में जरूरत से ज्यादा बारिश से बुआई के सीजन को बड़ा झटका लगा है।
सरकार का दावा- दिसंबर से कम होंगी कीमतें
वहीं, सरकार का कहना है दिसंबर में टमाटर की कीमतें कम हो सकती हैं। बेमौसम बारिश की वजह से टमाटर की कीमत पर असर पड़ा है। सरकार का अनुमान है कि उत्तर भारत से दिसंबर में टमाटर की खेप आनी शुरू हो जाएंगी। साल 2020 में टमाटर की 21.32 लाख टन की सप्लाई हुआ करती थी, लेकिन इस साल यह 19.62 लाख टन ही रही, जिसकी वजह से कीमत बढ़ी हैं।
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