पटियाला की पावर गेम हारे अमरिंदर: अपने करीबी मेयर की कुर्सी नहीं बचा सके; कांग्रेस छोड़ने के बाद CM चन्नी-सिद्धू का कैप्टन को बड़ा झटका

पटियाला की पावर गेम हारे अमरिंदर: अपने करीबी मेयर की कुर्सी नहीं बचा सके; कांग्रेस छोड़ने के बाद CM चन्नी-सिद्धू का कैप्टन को बड़ा झटका

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चंडीगढ़34 मिनट पहलेलेखक: मनीष शर्मा

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पटियाला की पावर गेम हारे अमरिंदर: अपने करीबी मेयर की कुर्सी नहीं बचा सके; कांग्रेस छोड़ने के बाद CM चन्नी-सिद्धू का कैप्टन को बड़ा झटका

पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला की पावर गेम हार गए। वह अपने गढ़ पटियाला के ही मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू की कुर्सी नहीं बचा सके। गुरूवार को पटियाला नगर निगम हाउस की मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें कैप्टन ग्रुप बहुमत साबित नहीं कर सका।

कैप्टन ने इसके लिए सभी सियासी दांव-पेंच खेले हुए थे। उनकी सांसद पत्नी परनीत कौर और बेटी जयइंदर कौर ने भी पार्षदों का समर्थन जुटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद भी वोट देने के लिए पटियाला पहुंचे थे। हालांकि कैप्टन ग्रुप यह दावा जरूर कर रहा है कि यह अविश्वास प्रस्ताव था, जिसे कैप्टन ग्रुप ने मात दे दी।

कैप्टन को CM की कुर्सी से हटाने के बाद चन्नी-सिद्धू की जोड़ी ने बड़ा झटका दिया है

कैप्टन को CM की कुर्सी से हटाने के बाद चन्नी-सिद्धू की जोड़ी ने बड़ा झटका दिया है

कैप्टन के कांग्रेस छोड़ने के बाद CM चरणजीत चन्नी और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू का यह पहला बड़ा झटका है। इससे पहले कैप्टन को CM की कुर्सी से हटवाने में ही दोनों की बड़ी भूमिका रही थी।

नंबर गेम से ऐसे मात खा गए अमरिंदर
पटियाला नगर निगम में 60 पार्षद हैं। इसके अलावा तीन विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह, मंत्री ब्रह्ममोहिंदरा और हरिंदरपाल चंदूमाजरा मेंबर हैं। इस तरह 63 वोट वाले हाउस में मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू को दो तिहाई यानी 42 वोट चाहिए थे। उनके पक्ष में सिर्फ 25 वोटें ही पड़ी। सिर्फ पार्षदों के लिहाज से वह 31 का बहुमत भी प्राप्त नहीं कर सके।

विश्वास मत हासिल न कर सके, इसलिए मेयर सस्पेंड : मंत्री ब्रह्ममोहिंदरा
मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू के खिलाफ 36 वोट पड़े। वह 31 का बहुमत भी प्राप्त नहीं कर सके। वह विश्वास मत हासिल नहीं कर सके। इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। उनकी जगह पर सीनियर डिप्टी मेयर बतौर मेयर काम करेंगे।

अविश्वास प्रस्ताव फेल हुआ, मेयर को हटाया तो हाईकोर्ट जाएंगे : अमरिंदर
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पटियाला नगर निगम हाउस में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव चाहिए था। जिसमें उन्हें दो-तिहाई बहुमत चाहिए था। मेयर के पक्ष में 25 और विपक्ष में 36 वोटें पड़ी। इससे उनका अविश्वास प्रस्ताव फेल हो गया। अगर मेयर को सस्पेंड किया गया है तो हाईकोर्ट फैसला करेगा।

कैैप्टन को उनके ही करीबी मंत्री ब्रह्ममोहिंदरा ने शिकस्त दी। यह वही मंत्री हैं जिन्होंने सिद्धू के कांग्रेस प्रधान बनने पर यह कहकर मिलने से मना किया था कि पहले वह कैप्टन से माफी मांगे।

कैैप्टन को उनके ही करीबी मंत्री ब्रह्ममोहिंदरा ने शिकस्त दी। यह वही मंत्री हैं जिन्होंने सिद्धू के कांग्रेस प्रधान बनने पर यह कहकर मिलने से मना किया था कि पहले वह कैप्टन से माफी मांगे।

गढ़ ही ढह गया, पंजाब कैसे जीतेंगे?
पटियाला में हुए सियासी घमासान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विरोधी भी यह बात कह रहे हैं कि अमरिंदर अपना गढ़ ही नहीं बचा सके। ऐसे में वह पंजाब लोक कांग्रेस नाम की नई पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव में पंजाब कैसे जीतेंगे। खासकर, अमरिंदर खुद को पंजाब का सियासी दिग्गज बताते रहे हैं। यह बात इसलिए भी अहम है क्योंकि अमरिंदर अभी तक कांग्रेस को कहते रहे हैं कि उनकी अगुवाई में कांग्रेस ने सभी लोकल निकायों के चुनाव जीते।

कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद नगर निगम पहुंचे हुए थे

कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद नगर निगम पहुंचे हुए थे

कांग्रेस के लिए भी चिंता कम नहीं
कैप्टन अमरिंदर सिंह के गढ़ को भले ही कांग्रेस ने चोट पहुंचाई हो लेकिन दो तिहाई बहुमत से मेयर को न हटा पाना कांग्रेस के लिए चिंता हो सकती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला से ही चुनाव लड़ने वाले हैं। कैप्टन कांग्रेस छोड़ चुके हैं। ऐसे में उनके पक्ष में अभी भी इतनी संख्या में पार्षद होना कांग्रेस के लिए चुनावी हार-जीत में खतरे का संकेत है।

नगर निगम पटियाला में कैप्टन के साथ खड़े मेयर संजीव शर्मा

नगर निगम पटियाला में कैप्टन के साथ खड़े मेयर संजीव शर्मा

बहुमत नहीं, अविश्वास प्रस्ताव था : मेयर
इस बारे में मेयर पद से सस्पेंड किए संजीव शर्मा बिट्‌टू ने कहा कि यह बहुमत साबित करने का नहीं बल्कि अविश्वास प्रस्ताव का मत था। मैं नया मेयर नहीं बन रहा। जो मुझे बहुमत साबित करना पड़े। मुझे 21 वोट चाहिए थी और मेरे पास 25 वोट आई। जब कांग्रेस का वहां बस नहीं चला तो अफसरों पर दबाव डालकर गलत आदेश तैयार कर जारी कराए गए।

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