नासा का यह प्रयोग सफल रहा तो धरती पर आने वाले किसी भी एस्टेरॉयड को रास्ते में ही खत्म किया जा सकेगा

नासा का यह प्रयोग सफल रहा तो धरती पर आने वाले किसी भी एस्टेरॉयड को रास्ते में ही खत्म किया जा सकेगा

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने डार्ट मिशन को लॉन्च कर दिया है। इसे अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया है। इस मिशन का मकसद एस्टेरॉयड से अपने अंतरिक्ष यान से जोरदार टक्कर कराने को है। यदि नासा या इसरो या किसी और एजेंसी को एक भयावह प्रभाव को रोकने के लिए एक एस्टेरॉयड को हटाने की जरूरत होती है तो उस वक्त यह तकनीक काम आएगी।

बता दें कि नासा पहली बार इस तरह का परीक्षण कर रहा है जो भविष्य में कभी एक विनाशकारी एस्टेरॉयड के प्रभाव से बचा सकता है। नासा से जुड़े बिल नेल्सन ने एक इंटरव्यू में कहा है कि ‘डार्ट’ ब्रूस विलिस की फिल्म ‘आर्मगेडन’ का एक रीप्ले है, हालांकि यह पूरी तरह से काल्पनिक था। उन्होंने आगे बताया है कि यदि सब कुछ डार्ट के साथ योजना मुताबिक होता है, तो नासा के पास अपने प्लामनेटरी सेक्शन में निश्चित तौर पर एक अल्ट्रामॉडर्न हथियार होगा।

यह मिशन काम कैसे करेगा?

अंतरिक्ष में लॉन्च होने के बाद, स्पेसक्राफ्ट सूर्य के चारों ओर लगभग एक पूर्ण कक्षा बनाएगा। डार्ट का प्रभाव 2022 के सितंबर के अंत में या अक्टूबर की शुरुआत में होगा, जब बाइनरी एस्टेरॉयड पृथ्वी के अपने निकटतम बिंदु पर होंगे, करीब 6.8 मिलियन मील दूर। प्रभाव से चार घंटे पहले, डार्ट एयरक्राफ्ट स्वायत्त रूप से सीधे डिमोर्फोस की ओर 15,000 मील प्रति घंटे की गति से टकराव के लिए खुद को सीधे चलाएगा। ठीक टक्कर के वक्त एक ऑनबोर्ड कैमरा प्रभाव से 20 सेकंड पहले तक वास्तविक समय में तस्वीरें कैप्चर करेगा और पृथ्वी पर वापस भेजेगा।



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