राजनाथ का इशारों में चीन पर हमला: INS विशाखापट्टनम नौसेना को सौंपकर बोले रक्षा मंत्री- कुछ गैर जिम्मेदार देश UN के नियम भी नहीं मानते
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मुंबई13 घंटे पहले
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इशारों ही इशारों में चीन पर निशाना साधा। रविवार को राजनाथ ने मुंबई में INS विशाखापट्टनम शिप नौसेना को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत हिंद और प्रशांत महासागर में मुक्त आवागमन का समर्थन करता है, लेकिन कुछ गैर जिम्मेदार देश समुद्री सीमा पर बने संयुक्त राष्ट्र (UN) के नियमों को भी नहीं मानते। भारत एक जिम्मेदार देश है और अपनी जिम्मेदारी समझता है।
राजनाथ ने आगे कहा कि INS विशाखापट्टनम के नौसेना में शामिल होने के बाद हमारी पहुंच हिंद महासागर से बढ़कर प्रशांत और अटलांटिक महासागर में भी हो गई है। इस युद्धपोत के जरिए हवा से जमीन, हवा और पानी तीनों में हमला किया जा सकता है।
देश का पहला P-15 बी क्लास स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक
INS विशाखापट्टनम के कैप्टन वीरेन्द्र बेन्स ने बताया कि 30 नॉटिकल माइल्स की स्पीड से चलने में सक्षम इस वॉर शिप की लंबाई 164 मीटर और वजन 7500 टन है। इस युद्धपोत का डिजाइन नेवी के नौसेना डिजाइन निदेशालय ने बनाया है। इसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में किया गया है। यह देश का पहला पी-15बी क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है।
सभी आधुनिक हथियारों से लैस है यह जंगी जहाज
वीरेन्द्र बेन्स के मुताबिक, इसके निर्माण में बहुत ही मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी स्टील डीएमआर 249ए का उपयोग किया गया है। यह युद्धपोत ब्रह्मोस-बराक जैसे विध्वंसक मिसाइल से लैस होगा। इसके अलावा यह कई तरह के हथियारों और सेंसर से भी लैस है, जिसमें सुपरसोनिक सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम और शॉर्ट रेंज गन, एंटी सबमरीन रॉकेट, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर एवं कम्युनिकेशन सूट शामिल हैं। इस युद्धपोत का मोटो (आदर्श वाक्य) “यशो लाभश्व” है।
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