HPSC का डिप्टी सेक्रेटरी 1.8 करोड़ के साथ गिरफ्तार: डेंटल सर्जन का एग्जाम क्लीयर कराने के नाम पर अनिल नागर ने ली राशि, विजिलेंस ने दबोचा
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यमुनानगरएक घंटा पहले
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हरियाणा में विजिलेंस टीम ने पब्लिक सर्विस कमिशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर को 1.8 करोड़ रुपए के साथ गिरफ्तार किया है। हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की ओर से 26 सितंबर 2021 को आयोजित हुई डेंटल सर्जन की परीक्षा क्लीयर कराने के नाम पर यह राशि ली गई थी। लेकिन इससे पहले ही गड़बड़ी की भनक विजिलेंस को लग गई और डिप्टी सेक्रेटरी समेत तीन आरोपियों को दबोच लिया।
हरियाणा में मनोहर लाल सरकार ‘बिना पर्ची बिना खर्ची’ सरकारी नौकरी का दावा करती है। लेकिन विजिलेंस टीम ने नौकरियों में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया है। विजिलेंस को ज्यूडिशियल एग्जाम में गड़बड़ी की सूचना मिली थी। विजिलेंस ने टीम गठित कर गुपचुप तरीके से कार्रवाई की।
17 नवंबर को दर्ज की प्राथमिकी
विजिलेंस टीम ने 17 नवंबर 2021 को सूचना के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर छापा मारा और जिला भिवानी निवासी नवीन कुमार को 20 लाख रुपये की नकद राशि स्वीकार करते रंगेहाथ पकड़ा। उसे 18 नवंबर 21 को अदालत में पेश किया और 4 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। प्रदीप से जब टीम ने गहनता से पूछताछ की तो उसने खुलासा कि यह पैसा अनिल नागर के पास जाना है। रकम को झज्जर निवासी अश्वनी नाम लेते हुए बताया कि वह अनिल नागर के नाम पर एक करोड़ रुपए ले रहा है।
अश्विनी को पैसे लेकर भेजा नागर के पास
प्रदीप के स्वीकार करने के बाद और जांच के दौरान सामने आए अन्य सबूतों के आधार पर, विजिलेंस अधिकारियों ने झज्जर जिले के निवासी अश्विनी शर्मा को गिरफ्तार किया है। उसे रकम समेत अनिल नागर के पास भेजा और कहा कि अनिल नागर को यह पैसा पहुंचाओ। अश्वनी ने नागर से बात की और उसे सेक्टर 11 पंचकूला में बुलाया। जैसे ही हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप सचिव अनिल नागर (HCS) ने राशि अश्वनी से ली तो विजिलेंस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके सूटकेस से 90 लाख रुपए टीम ने बरामद किए हैं।
पेपर बनाने वाली एजेंसी से थी साठगांठ
सामने आया है कि नागर की साठगांठ पेपर बनाने वाली एजेंसी और चेक करने वाली एजेंसी से थी। वह उम्मीदवारों को यह बताता था और इसी आधार पर वह रिश्वत ले रहा था। विजिलेंस को पहले से ही इस पर शक था। इसके बाद यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।
कुल 1 करोड़ 7 लाख 97 हजार रुपए बरामद
राज्य सतर्कता ब्यूरो की ओर से जारी बयान के अनुसार डेंटल सर्जन की परीक्षा पास कराने के नाम पर नागर यह रिश्वत ले रहा था। आरोपियों से 1 करोड़ 7 लाख 97 हजार रुपए बरामद हुए हैं। विजिलेंस टीम डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर और अन्य दोनों आरोपितों से पूछताछ कर रही है। उसके एक सहयोगी के आवास पर तलाशी जारी है, इससे और नकदी बरामद हुई है। सांठगांठ का पता लगाने और सभी दोषियों को पकड़ने के लिए मामले में आगे की जांच जारी है।
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