श्रीनगर एनकाउंटर में 4 की मौत: इनमें दो बिजनेसमैन, परिवार का आरोप- सुरक्षाबलों ने गोली मारी; IG बोले- दोनों आतंकियों के मददगार
[ad_1]
- Hindi News
- National
- Terrorists Encounter Jammu Kashmir Update; 4 Killed In Srinagar Hyderpora
श्रीनगर19 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
श्रीनगर के हैदरपोरा में सोमवार को हुए मुठभेड़ में दो आतंकी समेत दो स्थानीय कारोबारियों की मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि दोनों कारोबारी आतंकियों के मददगार थे। ऑपरेशन में मारे गए डॉ. मुदसिर गुल और अल्ताफ भट्ट की वहां स्थित एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में दुकानें थीं। डेंटल सर्जन मुदस्सिर गुल इस कॉम्प्लेक्स में कंप्यूटर सेंटर चलाता था। वहीं अल्ताफ इस कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के मालिक थे और वहां हार्डवेयर और सीमेंट की दुकान भी चलाते थे।
IGP का दावा- आतंकियों का मददगार था डॉ. मुदसिर
कश्मीर के IGP विजय कुमार ने इस घटना को लेकर मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि मारे गए दो आतंकियों में एक पाकिस्तान का नागरिक हैदर है। दूसरा बनिहाल का रहने वाला आमिर उसका स्थानीय सहयोगी है। तीसरा शख्स अल्ताफ अहमद भट्ट सीमेंट कारोबारी था। वहीं चौथा शख्स डॉ. मुदसिर गुल ऑवर ग्राउंड वर्कर यानी आतंकियों का मददगार था, जिसने उन्हें रहने के लिए जगह दी थी। पुलिस ने घटनास्थल से 2 पिस्टल, 6 मोबाइल फोन और 6 कंप्यूटर रिकवर किए हैं।
परिवार का आरोप- सुरक्षाबलों ने आम लोगों को मारा
मीडिया से बातचीत करती अल्ताफ अहमद भट्ट की बेटी।
अल्ताफ अहमद भट्ट और डॉ. मुदसिर गुल के परिजनों का आरोप है कि दोनों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। भास्कर डॉट कॉम के पास परिजनों के वीडियो हैं जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि सुरक्षाबलों ने आम लोगों को मारा है। घटनास्थल पर कोई आतंकी था ही नहीं। वहां कोई गन शोट्स नहीं हुआ।
सुरक्षाबलों की तरफ से फायरिंग की गई। सुरक्षाबलों ने मेरे पापा को 2 बार घटनास्थल वाले इमारत की ऊपरी मंजिल पर भेजा। तीसरी बार भी उन्हें वहां भेजा गया और पुलिस ने उनहें गोली मार दी। डॉ. मुदसिर गुल मेरे पापा की मौत के गवाह थे, इसलिए उन्हें भी पुलिस ने मार दिया। मेरे रिश्तेदार इसके गवाह हैं। वहां सिर्फ एक खास धर्म के लोगों को मारा गया है।
IGP बोले- आतंकियों के लिए कॉल सेंटर चलाता था डॉ. मुदसिर
वहीं, IGP विजय कुमार ने बताया कि दोनों क्रॉस फायरिंग में मारे गए हैं। हालांकि, पुलिस का ये भी कहना है कि डॉ. मुदसिर गुल आतंकियों के लिए कॉल सेंटर चलाता था। इस कॉल सेंटर का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को ऑपरेट करने के लिए किया जाता था। कुमार ने बताया कि हमने शवों को दफनाने के लिए मुदसिर और अल्ताफ के परिवार से संपर्क किया था, क्योंकि हम कानून व्यवस्था के चलते शव परिवारों को नहीं सौंप सकते थे। हम शवों को हंदवाड़ा ले गए जहां उन्हें दफना दिया गया।
[ad_2]
Source link