ड्रैगन को जवाब देंगी इंडियन आर्मी: LAC पर तैनात होंगी M777 तोपें, मेक इन इंडिया के तहत​​​​​​​ भारत में भी बनेंगी

ड्रैगन को जवाब देंगी इंडियन आर्मी: LAC पर तैनात होंगी M777 तोपें, मेक इन इंडिया के तहत​​​​​​​ भारत में भी बनेंगी

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11 मिनट पहले

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ड्रैगन को जवाब देंगी इंडियन आर्मी: LAC पर तैनात होंगी M777 तोपें, मेक इन इंडिया के तहत​​​​​​​ भारत में भी बनेंगी

लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच इंडियन आर्मी और अधिक M777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर तोपों की संख्या बढ़ा रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने नवंबर 2016 में अमेरिका को 75 करोड़ डॉलर की लागत वाले 145 होवित्जर का ऑर्डर दिया था। जून 2022 तक आर्मी को 56 और M777 मिलेंगे। अब तक 89 होवित्जर की डिलीवर पूरी हो चुकी है। लद्दाख में LAC के पास भारत और चीन के बीच 18 महीने से अधिक समय से तनाव चल रहा है। अरुणाचल प्रदेश में भी चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं।

M777 को बनाने वाली कंपनी बीएई सिस्टम्स ने 25 तैयार हॉवित्जर डिलीवर किए हैं और बाकी तोपें सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत महिंद्रा डिफेंस के साथ भारत में बनाई जा रही हैं। इन तोपों की रेंज 30 किलोमीटर तक है। लेकिन अच्छी परिस्थिति में यह 40 किमी से अधिक की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। हॉवित्जर को जरुरत के मुताबिक आसानी से एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता है।

ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती आसान
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन (रिटायर्ड) ने कहा कि बाकि के M777 के शामिल होने से सेना को बड़ी बढ़त मिलेगी। टाइटेनियम और एल्यूमीनियम से बनी हॉवित्जर का वजन करीब 4 हजार किलोग्राम है, लेकिन चिनूक हेलीकॉप्टर इसे ऊंचाई वाले इलाकों में ले जाने में सक्षम है। अरुणाचल प्रदेश में एक आर्टिलरी ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर संजीव कुमार ने पहले कहा कि ऐसे कई इलाके हैं, जहां भारी तोपों को तैनात नहीं किया जा सकता है। लेकिन M777 को चिनूक में स्लिंग-लोड कर तेजी से तैनात किया जा सकता है।

FARP के तहत खरीदे जाएंगे दूसरे हथियार
M777 सेना की फील्ड आर्टिलरी रिलेशनशिप प्लान (FARP) का अहम हिस्सा है, जिसे 1999 में मंजूरी दी गई थी। 50 हजार करोड़ के FARP के तहत नेट्रैक सेल्फ प्रोपेल्ड गन, ट्रक-माउंटेड गन सिस्टम, टोड आर्टिलरी पीस और व्हील्ड सेल्फ प्रोपेल्ड गन सहित नए 155 मिमी हथियारों को शामिल करने के लिए रोड मैप तैयार किया है।

M777 के अलावा आर्मी ने K9 वज्र-T आटोमैटिक आर्टिलरी गन और 155 मिमी बोफोर्स को लद्दाख सेक्टर में तैनात किया है। निजी क्षेत्र की डिफेंस कंपनी लार्सन एंड टुब्रो और दक्षिण कोरिया की हनवा टेकविन (HTW) ने भारत में एडवांस मोबाइल K9 बंदूकें बनाई है। इन तोपों को मैदानी इलाकों में तैनात किया जाना था, लेकिन सेना ने इन्हें ऊंचाई पर तैनात करने के लिए कुछ मामूली बदलाव किए हैं। भारत और चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में LAC पर सीमा के दोनों ओर सैन्य गतिविधियों में इजाफा हुआ है। दोनों तरफ बड़ी संख्या में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है।

चीन के साथ बातचीत बेनतीजा
जनरल रावत ने पिछले दिनों कहा कि परमाणु हथियार संपन्‍न दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने में विश्‍वास की कमी और संदेह आड़े आ रहा है। पिछले महीने भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 13वें राउंड की बातचीत बिना नतीजे के खत्म हो गई थी। दोनों पक्षों के बीच सीमा से पीछे हटने के मसले पर सहमति नहीं बन पाई है। इस कारण पिछले साल सीमा की सुरक्षा के लिए भेजे गए हजारों सैनिक अब बेस पर लंबे समय तक वापस नहीं लौटेंगे।

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