CG​​​​​​​ के कर्नल परिवार सहित मणिपुर में शहीद: 6 दिन पहले मिलकर लौटे थे माता-पिता; सुबह नाश्ते के समय मिली बेटा-बहू और पोते की मौत की खबर

CG​​​​​​​ के कर्नल परिवार सहित मणिपुर में शहीद: 6 दिन पहले मिलकर लौटे थे माता-पिता; सुबह नाश्ते के समय मिली बेटा-बहू और पोते की मौत की खबर

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रायगढ़एक घंटा पहले

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CG​​​​​​​ के कर्नल परिवार सहित मणिपुर में शहीद: 6 दिन पहले मिलकर लौटे थे माता-पिता; सुबह नाश्ते के समय मिली बेटा-बहू और पोते की मौत की खबर

मणिपुर में उग्रवादी हमले में छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के बड़े बेटे कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी (41) शहीद हो गए। उनके साथ उनकी पत्नी अनुजा शुक्ला (37) और 6 साल के बेटे अवीर त्रिपाठी की भी जान चली गई है। घात लगाए उग्रवादियों ने IED ब्लास्ट कर उनकी गाड़ी को उड़ा दिया।

सुभाष त्रिपाठी का परिवार सुबह नाश्ता कर रहा था। इसी दौरान उन्हें बेटे के शहीद होने की खबर मिली। सुभाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी 6 दिन पहले ही रविवार को रायगढ़ लौटे हैं। वह पिछले साढ़े तीन महीने से अपने बड़े बेटे विप्लव के ही पास थे। पूरे परिवार ने साथ में दिवाली मनाई, घूमे और बेटे के जल्दी आने के वादे को लेकर लौटे थे।

कमांडेंड विप्लव की करीब डेढ़ साल पहले ही मणिपुर में पोस्टिंग हुई थी। उससे पहले वह मेरठ कैंट में थे। पोस्टिंग के बाद करीब साल भर पहले घर आए थे। रिटायरमेंट के बाद भी रायगढ़ में रहने का वादा किया था।

पिता और बेटे के साथ कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी

पिता और बेटे के साथ कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी

माता-पिता की आंखें सूखीं, बस चुपचात बैठे हैं
घटना की जानकारी मिलने के बाद से विप्लव के पिता सुभाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी खामोश हैं। उनकी आंखों में आंसू नहीं हैं। पूरा शहर उनके घर और बाहर उमड़ पड़ा है। शहादत का पता चलते ही घर में मिलने वालों का तांता लगा है। लोगों की भीड़ देख बहुत मुश्किल से दोनों बाहर आए। इसके बाद से सुभाष त्रिपाठी चुपचाप बैठे हुए हैं। उनकी पत्नी जरूर बीच-बीच में आए हुए लोगों से बैठने का आग्रह कर देती हैं।

शहादत की खबर के बाद माता-पिता दोनों खामोश हैं।

शहादत की खबर के बाद माता-पिता दोनों खामोश हैं।

विनम्र स्वभाव का विप्लव कैसे फौजी बन गया, आश्चर्य होता था
मामा राजीव पटनायक ने बताया कि विप्लव बहुत विनम्र स्वभाव के थे। वह कैसे फौजी बन गए, हमको आश्चर्य लगता था। बहन ने दोनों बेटों को सेना में अफसर बनाया। पोस्ट से लौटते समय उग्रवादियों ने गाड़ी पर हमला किया। इसके बाद भी लड़ते रहे, लेकिन गोलियां खत्म हो गईं विप्लव के दादा जी किशोरी मोहन त्रिपाठी भारत की संविधान निर्माता सभा के सदस्य थे। उन्होंने संविधान बनाने में भूमिका निभाई, पोते ने देश की सेवा में जान दे दी।

मामा राजेश पटनायक।

मामा राजेश पटनायक।

ट्रेनिंग से पहले बड़े भाई का शव लेने गए लेफ्टिनेंट कर्नल
कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी के छोटे भाई अनय त्रिपाठी असम राइफल्स में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। वह जल्द ही ट्रेनिंग के लिए महू जाने वाला थे। इससे पहले परिवार के साथ खुशियां मना रहे थे। सब साथ बैठकर नाश्ता कर रहे थे, तभी उनको सेना की ओर से शहादत की सूचना मिली। उन्होंने इसकी जानकारी को कन्फर्म किया और फिर वे अपने बड़े भाई, भाभी और भतीजे का शव लेने के लिए मणिपुर रवाना हो गए हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक व्यक्त किया।

8वीं तक रायगढ़ में पढ़े, फिर रीवा के सैनिक स्कूल में
कमांडेंट विप्लव का जन्म 1980 में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई रायगढ़ में ही हुई। इसके बाद उनको पढ़ने के लिए मध्यप्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल भेज दिया गया। कमांडेंट विप्लव ने साल 2001 में सेना जॉइन की थी। इसके बाद डिफेंस स्टडी में एमएससी किया। जिसके बाद उन्हें प्रमोशन दिया गया और उनकी तैनाती असम राइफल्स में की गई।

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