CM चन्नी को एक और झटका: पंजाब में सरकारी विज्ञापनों के स्लोगन से नाम हटाया गया; यही बात कह सिद्धू को दिया था जवाब

CM चन्नी को एक और झटका: पंजाब में सरकारी विज्ञापनों के स्लोगन से नाम हटाया गया; यही बात कह सिद्धू को दिया था जवाब

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चंडीगढ़19 मिनट पहले

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CM चन्नी को एक और झटका: पंजाब में सरकारी विज्ञापनों के स्लोगन से नाम हटाया गया; यही बात कह सिद्धू को दिया था जवाब

पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच CM चरणजीत चन्नी को कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू से एक और झटका मिला है। पंजाब के सरकारी विज्ञापनों के स्लोगन से सीएम का नाम हटा पंजाब सरकार कर दिया गया है। सिद्धू ने सीएम चन्नी को इशारों में कमजोर कहा था। तब सीएम ने इशारों में यही स्लोगन सुनाकर उन्हें जवाब दिया था कि बेअदबी और ड्रग्स के मसले ऐसे हल करूंगा कि हर घर में सीएम चन्नी के मामले हल करने की बात चलेगी।

कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM कुर्सी से हटाने के बाद चन्नी सीएम बनाए गए। इसके बाद पंजाब में शहरों से लेकर ऑनलाइन भी ‘घर-घर विच चल्ली गल, मुख्यमंत्री चन्नी करदा मसले हल’ का स्लोगन दिया गया था। हालांकि अब इसमें मुख्यमंत्री चन्नी को हटाकर पंजाब सरकार कर दिया गया है। ऑनलाइन भी इस स्लोगन से सीएम का नाम हटा दिया गया है।

पहले इस स्लोगन में CM चन्नी का नाम था।

पहले इस स्लोगन में CM चन्नी का नाम था।

कैप्टन के पीछे छिप गई थी पार्टी

माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के वक्त पंजाब में पार्टी उनके चेहरे के पीछे छिप गई थी। उन्हीं के नाम पर 2017 में ‘कॉपी विद कैप्टन’, ‘पंजाब दा कैप्टन’ जैसे स्लोगन तैयार किए गए। जब कैप्टन के खिलाफ बगावत हुई तो फिर ‘पंजाब दा कैप्टन इक ही हुंदा’ और ‘कैप्टन दोबारा’ जैसे स्लोगन बन गए। यही वजह है कि कांग्रेस के भीतर कैप्टन के कद का कोई चेहरा नहीं बन सका।

अब मुख्यमंत्री चन्नी की जगह पंजाब सरकार कर दिया गया है।

अब मुख्यमंत्री चन्नी की जगह पंजाब सरकार कर दिया गया है।

इसी राह पर चल पड़े थे चन्नी

कैप्टन गए तो सीएम चन्नी भी इसी राह पर चल पड़े। उनके नाम से भी यह स्लोगन बना दिए गए। कुछ दिन पहले सिद्धू ने बेअदबी, ड्रग्स जैसे मामलों पर इशारों में चन्नी को कमजोर बता दिया। तब चन्नी ने कहा था कि वे सब मसले हल करेंगे। इसके बाद घर-घर में बात चलेगी की चन्नी मसले हल करते हैं। यही बात सिद्धू खेमे को खटक गई।

ऑनलाइन विज्ञापनों में भी सीएम चन्नी का नाम हटा दिया गया है।

ऑनलाइन विज्ञापनों में भी सीएम चन्नी का नाम हटा दिया गया है।

सिद्धू खेमे का विरोध, सिर्फ चन्नी की ब्रांडिंग क्यों?

सियासी सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू खेमे ने इसका विरोध किया। यह इसलिए अहम है कि अगले चुनाव के बाद सिद्धू भी CM कुर्सी के दावेदार बने हुए हैं। ऐसे में सरकार का सिर्फ सीएम चेहरे तक सीमित रहना चन्नी की पॉपुलैरिटी बढ़ाएगा। वहीं पार्टी का कद भी कम होगा। सबसे ज्यादा असर नवजोत सिद्धू पर ही पड़ेगा, क्योंकि बयान हों या कद, वे कहीं भी सीएम चन्नी से छोटा नहीं होना चाहते।

विरोधियों ने भी कसे तंज

कांग्रेस की इस भीतरी सियासत पर तंज कसने में विरोधी भी पीछे नहीं रहे। SAD के प्रवक्ता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि कांग्रेस में एंटी चन्नी लॉबी सरकारी विज्ञापनों से उनका नाम हटवाने में कामयाब रही।

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