दिल्ली मार्च पर किसान संगठनों में फूट: 26 को कूच पर अड़े चढूनी गुट की टिकैत के सामने हूटिंग, बिना प्रतिक्रिया दिए निकले गुरनाम
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सोनीपत32 मिनट पहले
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दिल्ली कूच पर अड़े चढूनी गुट के लोग नारेबाजी करते हुए।
सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक के दौरान दिल्ली कूच के फैसले पर फूट सामने आई है। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के कार्यकर्ताओं ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के सामने जमकर नारेबाजी की।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 26 नवंबर को 1 साल पूरा हो रहा है। सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता लंबे समय से बंद है। ऐसे में संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन की अगली रूपरेखा तैयार करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर जुटे। बैठक के दौरान किसान संगठनों में फूट सामने आई। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी समेत सभी बड़े किसान नेता पहुंचे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि बैठक में फैसला लिया कि 26 नवंबर से आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। वहीं 29 नवंबर से टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से 500-500 किसानों का जत्था संसद कूच करेगा।
SKM की मीटिंग के बाहर नारेबाजी करते चढूनी गुट के लोग।
उधर, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) 26 नवंबर को दिल्ली कूच पर अड़ गया। SKM की बैठक के बाहर भाकियू (चढूनी गुट) के किसान हूटिंग करते रहे। उन्होंने गुरनाम चढूनी को अपना नेता बता कर संयुक्त मोर्चा के खिलाफ नारेबाजी की।
मीटिंग से नाराज होकर निकले चढूनी
संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन रूपरेखा तैयार करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बैठक की। इस मीटिंग में किसान संगठनों के बीच दरार साफ नजर आई। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी नाराज होकर मीटिंग से निकल गए। उन्होंने मीडिया से भी कोई बात नहीं की। कई घंटों तक चली बैठक शाम 6 बजे खत्म हुई।
मीटिंग से पहले माहौल को संभालने की कोशिश करते राकेश टिकैत।
टिकैत ने की माहौल संभालने की कोशिश
नारेबाजी के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने माहौल संभालने की कोशिश की। टिकैत का वीडियो भी सामने आया है जिसमें वो कह रहे हैं कि अगर सब ऐसा ही बर्ताव करेंगे तो संगठन की ऐसी-तैसी हो जाएगी। इसके बाद किसान नेताओं ने मीडिया के कैमरे बंद करवा दिए। नारेबाजी कर रहे किसानों ने कहा कि हरियाणा की अगुवाई हरियाणा के किसान करेंगे। बाहर का नेता यहां चौधर न करे। हरियाणा के किसान संगठनों ने दिल्ली जाने का फैसला ले लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा चाहे जो भी फैसला ले लेकिन 26 नवंबर को हरियाणा के किसान दिल्ली कूच करेंगे।
मीटिंग के दौरान चढूनी गुट के लोग नारेबाजी करते हुए।
7 नवंबर को किसानों ने रोहतक में की थी मीटिंग
हरियाणा के किसान संगठनों ने 7 नवंबर को रोहतक के मकड़ौली टोल पर बैठक की थी। 8 नवंबर को पंजाब में 32 जत्थेबंदियों ने बैठक हुई। 9 नवंबर को अब हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के किसान संगठन के नेता सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में अपने संगठन का प्रतिनिधित्व कर राय रखी।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर 2020 को हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान दिल्ली सीमा पर पहुंचे थे। किसानों को रामलीला ग्राउंड में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताना था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने सोनीपत में कुंडली सिंघु बॉर्डर, झज्जर में टीकरी बॉर्डर और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोक दिया। इसके बाद किसान संगठनों ने फैसला लिया कि दिल्ली की सीमाओं पर ही अपना विरोध करेंगे, तब से किसान संगठन लगातार मोर्चे पर डटे
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