पंजाब की कलह से कांग्रेस में हड़कंप: मतभेद सुलझाने में जुटे चौधरी; सिद्धू और CM चन्नी के बीच मीटिंग; मंत्री परगट को भी बुलाया गया
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Chandigarh
- Chowdhary Engaged In Resolving Differences; Meeting Between Sidhu And CM Channi; Minister Pargat Was Also Called
चंडीगढ़21 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
नवजोत सिद्धू लगातार इशारों में सीएम चन्नी को भी घेरते नजर आ रहे हैं।- फाइल फोटो
पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के ताबड़तोड़ हमलों से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। सिद्धू ने सोमवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फिर चन्नी सरकार पर निशाना साधा। अब राजभवन के गेस्ट हाउस में सीएम चरणजीत चन्नी के साथ सिद्धू की मीटिंग चल रही है। इसमें पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी भी मौजूद हैं।
सिद्धू को उनके करीबी मंत्री परगट सिंह मीटिंग के लिए लेकर गए हैं। इस मीटिंग को सिद्धू और CM चन्नी के बीच मतभेद सुलझाने से जोड़कर देखा जा रहा है। सिद्धू लगातार डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति को लेकर सरकार से टक्कर ले रहे हैं।
सिद्धू ने कहा, चन्नी को हाईकमान ने CM लगाया
नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी में सब कुछ ठीक नहीं है। इसका इशारा सोमवार को सिद्धू की काॅन्फ्रेंस में भी मिला। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ही चन्नी को CM बनवाया तो सिद्धू बिफर गए। उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया कि उनकी चन्नी को सीएम बनाने में कोई भूमिका नहीं है। चन्नी को सीएम हाईकमान ने बनाया है।
हरीश चौधरी कुछ दिन पहले सिद्धू और सीएम चन्नी को केदारनाथ ले गए थे। हालांकि इसके बाद भी सिद्धू की सरकार विरोधी बयानबाजी बंद नहीं हुई।
सिद्धू दे चुके सीधी चेतावनी, अफसरों या पंजाब प्रधान में से किसी एक को चुन लो
सिद्धू ने सोमवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिर संकेत दिए कि पंजाब की सरकार को डीजीपी और एजी या उनमें से किसी एक को चुनना होगा। सिद्धू ने पहले भी इन्हीं नियुक्तियों को लेकर इस्तीफा दिया था। सिद्धू के रवैए से लग रहा है कि वे फिर कहीं नाराज होकर इस्तीफा न दे दें। इसलिए हरीश चौधरी मतभेद मिटाने में जुटे हैं।
चुनाव में कांग्रेस के लिए बढ़ी परेशानी
नवजोत सिद्धू ने पंजाब में 80 से 100 सीटों पर जीत का दावा किया है, लेकिन पार्टी के लिए उनका रवैया मुश्किलें खड़ी कर रहा है। सिद्धू ने प्रधान बनने के बाद करीब साढ़े 3 महीने बाद भी संगठन नहीं बनाया है। कांग्रेस भवन भी नहीं जा रहे हैं। इसके अलावा जमीनी स्तर पर कांग्रेस वर्करों को भी प्रचार या पार्टी को मजबूत करने के लिए कोई संदेश नहीं दिया गया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की चिंता बढ़ी हुई है। सरकार और पार्टी में भी अंदरखाते इस बात को लेकर चिंता का माहौल है।
[ad_2]
Source link