नई पार्टी की घोषणा की तैयारी में कैप्टन: अमरिंदर ने किसान आंदोलन पर खेला दांव; कहा- कृषि कानून वापस ले BJP, तभी होगी सियासी बातचीत

नई पार्टी की घोषणा की तैयारी में कैप्टन: अमरिंदर ने किसान आंदोलन पर खेला दांव; कहा- कृषि कानून वापस ले BJP, तभी होगी सियासी बातचीत

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जालंधरएक घंटा पहले

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नई पार्टी की घोषणा की तैयारी में कैप्टन: अमरिंदर ने किसान आंदोलन पर खेला दांव; कहा- कृषि कानून वापस ले BJP, तभी होगी सियासी बातचीत

कैप्टन अमरिंदर सिंह।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी की घोषणा की तैयारी कर ली है। कांग्रेस के भीतर की एक्सरसाइज पूरी होने के बाद कैप्टन अब मुखर होने लगे हैं। शनिवार रात को उन्होंने एक पोस्टर जारी करके फिर किसान आंदोलन पर दांव खेला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले काले कानून (कृषि सुधार कानून) वापस ले, तभी BJP से कोई सियासी बातचीत होगी। साफ है कि अब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, जिसका असर जल्द नजर आ सकता है। चर्चा यह भी है कि कैप्टन दीवाली के करीब नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा जारी किया गया पोस्टर

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा जारी किया गया पोस्टर

कांग्रेस को धीरे-धीरे देंगे जोर के झटके
कैप्टन खेमे की रणनीति अब एकदम से कांग्रेस को झटका देने की नहीं है। शुरुआत में कैप्टन के करीबी रहे कुछ पूर्व मंत्री और विधायक उनके साथ आएंगे। इसके बाद धीरे-धीरे विधायकों और दिग्गज कांग्रेसियों को शामिल किया जाएगा। कैप्टन की रणनीति है कि चुनाव तक कांग्रेस को संभलने का मौका ही न दिया जाए। सूत्रों की मानें तो कैप्टन करीब 15 विधायकों के संपर्क में हैं। उनकी कोशिश यही रहेगी कि चुनाव और टिकट बंटवारे तक कांग्रेस को बगावत में ही उलझाकर रखा जाए।

पत्नी परनीत कौर के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह। फाइल फोटो

पत्नी परनीत कौर के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह। फाइल फोटो

सांसद पत्नी भी हुईं सक्रिय
सूत्रों की मानें तो कैप्टन अमरिंदर सिंह की सांसद पत्नी परनीत कौर भी सक्रिय हो गई हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के लोगों से न मिलने के उलट परनीत की छवि अलग है। वे नेताओं से मिलती भी रही हैं और उनके अच्छे सियासी रिश्ते भी हैं। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी में उनकी भूमिका अहम होनी तय है। कैप्टन उनके जरिए भी अपनी पार्टी के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश में हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह

भाजपा के लिए कैप्टन जरूरी भी और मजबूरी भी
पंजाब की सियासत में भाजपा कभी लीड पार्टी नहीं रही है। अब तक वह अकाली दल के सहारे प्रदेश की सियासत में टिकी हुई थी। अब पंजाब में भाजपा के पास कोई बड़ा सिख चेहरा नहीं है, जिसका पूरे पंजाब में आधार हो। अकाली दल से गठजोड़ तोड़ने के बाद भाजपा के लिए कैप्टन जैसा चेहरा जरूरी है। वहीं इसे भाजपा की मजबूरी भी समझा जा सकता है, क्योंकि पहले प्रकाश सिंह बादल के रूप में भाजपा के पास दिग्गज सिख चेहरा था। अब कैप्टन के साथ गठजोड़ करके भाजपा इसकी भरपाई कर सकती है, जिससे सिखों के साथ भाजपा खुद को जोड़े रखना चाहेगी। कैप्टन पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा एंटी मुस्लिम या सांप्रदायिक पार्टी नहीं है।

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